मध्य प्रदेश की प्रमुख मंडियों में गेहूँ भाव में दिखी कितनी तेजी?

wheat mandi bhaw

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं गेहूँ के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में गेहूँ के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
रतलाम अलोट मिल गुणवत्ता 2323 2445
रतलाम अलोट स्थानीय 2175 2518
शाजापुर आगर मिल गुणवत्ता 2088 2383
शाजापुर आगर स्थानीय 1771 2659
आलीराजपुर आलीराजपुर स्थानीय 2400 2400
बड़वानी अंजड़ लोकवन 2250 2400
बड़वानी अंजड़ स्थानीय 2500 2500
छतरपुर बड़ामलहेड़ा मिल गुणवत्ता 2250 2300
छतरपुर बड़ामलहेड़ा मिल गुणवत्ता 2100 2310
उज्जैन बड़नगर लोकवन 2190 2610
उज्जैन बड़नगर मिल गुणवत्ता 2110 2430
उज्जैन बड़नगर स्थानीय 2196 2667
धार बदनावर लोकवन 2100 2701
शाजापुर बड़ोद स्थानीय 2095 2410
खरगोन बड़वाह स्थानीय 1965 2425
देवास बागली मिल गुणवत्ता 2150 2419
सागर बामोरा स्थानीय 2375 2490
होशंगाबाद बानापुरा स्थानीय 2470 2500
रायसेन बेगमगंज स्थानीय 2175 2525
भोपाल बैरसिया लोकवन 1975 2601
भोपाल बैरसिया स्थानीय 2025 2511
बेतुल बेतुल मिल गुणवत्ता 2300 2300
भोपाल भोपाल मिल गुणवत्ता 2131 2464
भोपाल भोपाल स्थानीय 2120 2554
छतरपुर बिजावर मिल गुणवत्ता 2240 2310
छतरपुर बिजावर स्थानीय 2115 2190
सागर बीना स्थानीय 2460 3300
छिंदवाड़ा चौरई मिल गुणवत्ता 2100 2201
राजगढ़ छापीहेड़ा स्थानीय 2085 2330
छतरपुर छतरपुर लोकवन 2240 2275
छतरपुर छतरपुर स्थानीय 2250 2300
छिंदवाड़ा छिंदवाड़ा मिल गुणवत्ता 90 2413
छिंदवाड़ा छिंदवाड़ा स्थानीय 2300 2320
सिवनी छपारा मिल गुणवत्ता 2270 2280
सिवनी छपारा स्थानीय 2250 2300
ग्वालियर डबरा स्थानीय 2200 2600
मन्दसौर दलौदा लोकवन 2101 2470
मन्दसौर दलौदा मिल गुणवत्ता 2300 2469
मन्दसौर दलौदा स्थानीय 2100 2929
मन्दसौर दलौदा अन्य 2320 2448
दमोह दमोह मिल गुणवत्ता 2000 2200
दमोह दमोह स्थानीय 2205 2230
सागर देवरी लोकवन 2225 2250
सागर देवरी मिल गुणवत्ता 2225 2265
सागर देवरी स्थानीय 2225 2225
देवास देवास स्थानीय 1331 3200
धार धार लोकवन 2000 2730
धार धार मिल गुणवत्ता 2150 3100
धार धार स्थानीय 1986 2730
धार धार अन्य 2200 2200
नरसिंहपुर गाडरवाड़ा मिल गुणवत्ता 2150 2252
धार गंधवानी स्थानीय 2525 2600
विदिशा गंज बासौदा लोकवन 2451 2582
विदिशा गंज बासौदा मिल गुणवत्ता 2100 4011
विदिशा गंज बासौदा शरबती 2500 4105
विदिशा गंज बासौदा स्थानीय 2250 3766
विदिशा गंज बासौदा अन्य 2400 2600
सागर गढ़ाकोटा स्थानीय 2210 2250
इंदौर गौतमपुरा लोकवन 2000 2560
इंदौर गौतमपुरा स्थानीय 2100 2550
नरसिंहपुर गोटेगांव मिल गुणवत्ता 2250 2311
देवास हाटपिपलिया लोकवन 2360 2486
देवास हाटपिपलिया स्थानीय 1825 2425
रीवा हनुमना मिल गुणवत्ता 2300 2300
हरदा हरदा मिल गुणवत्ता 1800 2535
खंडवा हरसूद मिल गुणवत्ता 2200 2326
खंडवा हरसूद स्थानीय 2221 2352
दमोह हटा लोकवन 2100 2100
दमोह हटा मिल गुणवत्ता 2140 2160
दमोह हटा स्थानीय 2100 2290
इंदौर इंदौर लोकवन 2000 2365
इंदौर इंदौर मिल गुणवत्ता 2200 2627
इंदौर इंदौर स्थानीय 2145 2700
इंदौर इंदौर अन्य 2412 2431
इंदौर इंदौर (F&V) स्थानीय 2268 2676
इंदौर इंदौर (F&V) अन्य 2245 2245
होशंगाबाद इटारसी स्थानीय 2290 2300
रतलाम जावरा लोकवन 2160 2800
रतलाम जावरा मिल गुणवत्ता 2389 2620
रतलाम जावरा स्थानीय 2000 3301
टीकमगढ़ जतारा मिल गुणवत्ता 2200 2250
नीमच जावद लोकवन 2480 2480
नीमच जावद मिल गुणवत्ता 2490 2490
सीहोर जावर मिल गुणवत्ता 2200 2236
सीहोर जावर स्थानीय 2140 2245
राजगढ़ जीरापुर मिल गुणवत्ता 1925 2375
राजगढ़ जीरापुर स्थानीय 2090 2370
झाबुआ झाबुआ मिल गुणवत्ता 2200 2300
झाबुआ झाबुआ स्थानीय 2211 2400
आलीराजपुर जोबट मिल गुणवत्ता 2300 2300
आलीराजपुर जोबट स्थानीय 2100 2380
खरगोन करही मिल गुणवत्ता 2315 2500
खरगोन कसरावद स्थानीय 2763 2763
सागर केसली स्थानीय 2200 2280
उज्जैन खाचरौद मिल गुणवत्ता 2330 2330
उज्जैन खाचरौद स्थानीय 2211 2491
खंडवा खंडवा मिल गुणवत्ता 1925 2450
खंडवा खंडवा स्थानीय 2215 2521
खरगोन खरगोन स्थानीय 2100 2780
देवास खातेगांव मिल गुणवत्ता 2201 2394
देवास खातेगांव स्थानीय 2101 2456
राजगढ़ खिलचीपुर मिल गुणवत्ता 2202 2327
राजगढ़ खुजनेर मिल गुणवत्ता 2175 2360
राजगढ़ खुजनेर स्थानीय 2183 2336
धार कुक्षी लोकवन 2400 2425
धार कुक्षी मिल गुणवत्ता 2300 2705
धार कुक्षी स्थानीय 2300 2705
राजगढ़ कुरावर स्थानीय 2150 2200
देवास लोहारदा स्थानीय 2350 2400
उज्जैन महिदपुर मिल गुणवत्ता 2400 2400
उज्जैन महिदपुर स्थानीय 1950 2850
गुना मकसूदनगढ़ स्थानीय 2450 2460
नीमच मनसा स्थानीय 2041 2781
धार मनावर मिल गुणवत्ता 2200 2425
धार मनावर स्थानीय 2390 2510
मन्दसौर मन्दसौर लोकवन 2300 2518
मन्दसौर मन्दसौर मिल गुणवत्ता 2414 2414
मन्दसौर मन्दसौर स्थानीय 2026 2871
मन्दसौर मन्दसौर अन्य 2320 2447
बेतुल मुल्ताई मिल गुणवत्ता 2140 2311
बेतुल मुल्ताई स्थानीय 2275 2310
खंडवा मुंडी मिल गुणवत्ता 1800 2850
खंडवा मुंडी स्थानीय 2050 2425
उज्जैन नागदा लोकवन 2474 2474
उज्जैन नागदा मिल गुणवत्ता 2250 2406
उज्जैन नागदा स्थानीय 2160 2375
शाजापुर नलकेहड़ा मिल गुणवत्ता 2100 2338
शाजापुर नलकेहड़ा स्थानीय 1500 2425
राजगढ़ नरसिंहगढ़ मिल गुणवत्ता 2300 2300
छतरपुर नौगांव स्थानीय 2200 2300
नीमच नीमच लोकवन 2150 2230
नीमच नीमच स्थानीय 2171 3151
टीकमगढ़ निवाड़ी स्थानीय 2270 2290
राजगढ़ पचौर स्थानीय 2325 2325
सिवनी पलारी स्थानीय 2275 2285
खंडवा पंधाना लोकवन 2026 2360
खंडवा पंधाना मिल गुणवत्ता 2200 2610
खंडवा पंधाना स्थानीय 2240 2240
छिंदवाड़ा पंधुरना स्थानीय 2300 2311
पन्ना पन्ना मिल गुणवत्ता 2175 2260
झाबुआ पेटलावद लोकवन 2300 2450
झाबुआ पेटलावद स्थानीय 2170 2540
होशंगाबाद पिपरिया मिल गुणवत्ता 1900 2343
होशंगाबाद पिपरिया स्थानीय 2310 2310
मन्दसौर पिपल्या लोकवन 1750 2525
मन्दसौर पिपल्या स्थानीय 2480 2650
गुना राघोगढ़ स्थानीय 2378 2453
सागर राहतगढ़ मिल गुणवत्ता 2150 2411
रायसेन रायसेन मिल गुणवत्ता 2200 2200
धार राजगढ़ लोकवन 2130 2725
धार राजगढ़ स्थानीय 2160 2735
रतलाम रतलाम लोकवन 2346 3601
रतलाम रतलाम मिल गुणवत्ता 2230 2230
रतलाम रतलाम स्थानीय 2130 4700
रतलाम रतलाम अन्य 2200 2499
सीहोर रेहटी स्थानीय 2270 2322
सागर सागर मिल गुणवत्ता 2380 2410
सागर सागर स्थानीय 2110 2350
रतलाम सैलाना लोकवन 2071 3499
रतलाम सैलाना स्थानीय 2072 3536
शाजापुर साजापुर स्थानीय 2300 2320
इंदौर सांवेर स्थानीय 1801 2601
राजगढ़ सारंगपुर मिल गुणवत्ता 2101 2512
राजगढ़ सारंगपुर स्थानीय 2146 2702
राजगढ़ सारंगपुर अन्य 2285 2451
सतना सतना स्थानीय 2300 2300
खरगोन सेगांव स्थानीय 2200 2510
सीहोर सीहोर मिल गुणवत्ता 2287 2433
सीहोर सीहोर स्थानीय 2445 2445
होशंगाबाद सेमरीहरचंद मिल गुणवत्ता 2180 2280
बड़वानी सेंधवा मिल गुणवत्ता 2355 2750
बड़वानी सेंधवा स्थानीय 2250 2670
सिवनी सिवनी स्थानीय 2240 2250
सिवनी सिवनी लोकवन 2275 2275
सिवनी सिवनी मिल गुणवत्ता 2250 2250
सागर शाहगढ़ मिल गुणवत्ता 2140 2260
मन्दसौर शामगढ़ लोकवन 2101 2550
विदिशा शमसाबाद मिल गुणवत्ता 2167 2167
श्योपुर श्योपुरबडोद स्थानीय 2270 2300
शाजापुर शुजालपुर मिल गुणवत्ता 2230 2441
शाजापुर शुजालपुर स्थानीय 2250 2300
हरदा सिराली मिल गुणवत्ता 2250 2490
मन्दसौर सीतामऊ लोकवन 2226 2483
मन्दसौर सीतामऊ मिल गुणवत्ता 2100 2311
मन्दसौर सीतामऊ स्थानीय 2277 2450
देवास सोनकच स्थानीय 1701 2471
शाजापुर सोयतकलां स्थानीय 2200 2340
शाजापुर सुसनेर स्थानीय 2195 2195
मन्दसौर सुवासरा मिल गुणवत्ता 2300 2315
रतलाम ताल मिल गुणवत्ता 2322 2323
रतलाम ताल स्थानीय 2179 3000
उज्जैन तराना स्थानीय 1956 2701
नरसिंहपुर तेंदूखेड़ा लोकवन 2100 2200
झाबुआ थांदला मिल गुणवत्ता 2300 2325
टीकमगढ़ टीकमगढ़ मिल गुणवत्ता 2315 2351
टीकमगढ़ टीकमगढ़ स्थानीय 2290 2380
हरदा टिमरनी मिल गुणवत्ता 2300 2340
रायसेन उदयपुरा मिल गुणवत्ता 2170 2275
उज्जैन उज्जैन स्थानीय 2000 3800
उज्जैन उन्हेल स्थानीय 1925 2750
विदिशा विदिशा मिल गुणवत्ता 2170 2170
विदिशा विदिशा शरबती 3391 4545
विदिशा विदिशा स्थानीय 2100 3412

स्रोत: एगमार्कनेट

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मिट्टी परीक्षण से एकदम सटीक परिणाम पाने के लिए ऐसे करें मिट्टी के नमूने को एकत्र

Sample Collection Method for Soil Testing

मिट्टी परीक्षण की पूरी प्रक्रिया में जो सबसे महत्वपूर्ण कार्य होता है वो है मिट्टी का सही नमूना एकत्र करना। नमूना लेने के लिये ध्यान दें की, नमूना लेने से पूर्व खेत में ली गई फसल की बढ़वार एक ही रही हो, उनमें एक समान उर्वरक उपयोग किये गए हों।

नमूना एकत्रीकरण विधि:

  • जिस खेत में नमूना लेना हो उसमें जिग-जैग प्रकार से घूम कर 10-15 स्थानों पर निशान बना लें जिससे खेत के सभी हिस्से उसमें शामिल हो सके।

  • चुने गए स्थानों पर ऊपरी सतह से घास-फूस, कूड़ा करकट आदि हटा दें।

  • इन सभी स्थानों पर 15 सें.मी. (6-9 इंच) गहरा “वी” आकार का गड्ढा खोदें।

  • गड्ढे को साफ कर खुरपी से 2 से.मी. मोटी मिट्टी की तह को निकाल ले तथा साफ बाल्टी या ट्रे में रखें।

  • एकत्रित की गई पूरी मिट्टी को हाथ से अच्छी तरह से मिला लें तथा साफ कपड़े पर डालकर गोल ढेर बना लें।

  • बनाए गए ढेर को चार बराबर भागों में बाटें एवं दो ढेरों को हटा दें।

  • अब शेष बचे दो ढेरों की मिट्टी पुन: अच्छी तरह से मिलाएं व गोल ढेर बनाएं। यह प्रक्रिया तब तक दोहराएं जब तक 500 ग्राम मिट्टी शेष न रह जाए। 

  • सूखी मिट्टी के नमूने को साफ प्लास्टिक थैली में रखें तथा इसे एक कपड़े की थैली में डाल दें।

  • नमूने से संबंधित दो सूचना पत्र बनाएं जिस पर नमूने से जुड़ी सभी जानकारी लिखी हो।

  • एक पत्र को प्लास्टिक की थैली के अन्दर तथा दूसरे को थैली के बाहर बांध दें।

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पूरे देश में बढ़ेगी गर्मी परंतु पहाड़ों पर बर्फबारी और बारिश जारी रहेगी

know the weather forecast,

लगातार दो वेस्टर्न डिस्टरबेंस पहाड़ों पर बारिश और बर्फबारी देंगे जो मार्च के आखिर तक जारी रह सकती है। अगले दो दिनों तक पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में बादल छाए रहेंगे। बारिश की संभावना केवल पंजाब के कुछ भागों में दिखाई दे रही है। देश के अधिकांश भागों में अब तापमान बढ़ेंगे तथा गर्मी का प्रकोप दिखाई देगा। गुजरात, मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र सहित दक्षिण भारत में तापमान 40 डिग्री का आंकड़ा पहले ही पर हो चुका है। अब उत्तर भारत में भी तापमान बढ़ेंगे।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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इस योजना से वृद्ध किसानों को हर महीने मिलेंगे 5 हजार रूपए

Atal Pension Yojana

केंद्र सरकार लोगों के बुढ़ापे को सुरक्षित रखने के लिए अटल पेंशन योजना चला रही है। इस योजना के जरिए कोई भी व्यक्ति अपने बुढ़ापे में पेंशन प्राप्त कर सकता है। हालांकि यह पेंशन पाने के लिए आपको पहले राशि निवेश करनी होगी। इस योजना की खास बात यह है कि पति पत्नि दोनों मिलकर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।

बता दें कि इस योजना का लाभ उठाने के लिए आप अपने बजट के हिसाब से निवेश कर सकते हैं। इसके लिए आपको 18 साल की आयु से हर महीने 210 रुपए (प्रतिदिन 7 रुपए) तक इस योजना में निवेश करना होगा। जिसके बाद बुढ़ापे में आपको 5000 रुपये हर महीने पेंशन के तौर पर दिए जाएंगे।

इसके अलावा अगर आप बुढापे में सिर्फ 1000 रुपए माह पेंशन के तौर पर पाना चाहते हैं, तो आपको 18 साल की आयु से हर महीने बस 42 रूपए ही निवेश करने होंगे। इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ नियम और शर्तें हैं, जो कि इस प्रकार हैं : –

  • इस योजना के लिए आवेदनकर्ता की उम्र 18 से 40 साल के बीच होनी चाहिए।

  • राशि निवेश करने के लिए लाभार्थी के पास बैंक या फिर पोस्ट ऑफिस में अकाउंट खुला होना चाहिए।

  • पेंशन प्राप्त करने के लिए कम से कम 20 साल तक निवेश करना होगा। जो कि 60 साल की उम्र में पेंशन के तौर पर दी जाएगी।

तो अगर आप भी सरकार की इस लाभकारी योजना का लाभ उठाने चाहते हैं तो जल्द ही अटल पेंशन योजना के लिए आवेदन करें।

स्रोत: कृषि जागरण

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मध्य प्रदेश के मंडियों में क्या चल रहे हैं सरसों के भाव?

Mustard mandi bhaw

सरसों के मंडी भाव में तेजी देखने को मिल रही है। देखिये मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सरसों के भाव!

मध्य प्रदेश की मंडियों में सरसों के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
शाजापुर बड़ोद सरसों 4750 4750
भिंड भिंड सरसों (काला) 5075 5075
शिवपुरी करेरा सरसों 4400 4500
ग्वालियर लश्कर सरसों 4980 4980
भिंड मऊ सरसों (काला) 4515 4795
भिंड मऊ पीला (काला) 4575 4825
शाजापुर साजापुर सरसों 4000 4000
सतना सतना सरसों 4920 5040
सीहोर सीहोर सरसों 5400 5400
श्योपुर विजयपुर सरसों 4860 4900

स्रोत: एगमार्कनेट

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मूंग की फसल में खरपतवारों का बढ़ेगा प्रकोप, जानें बचाव के उपाय

Weed Management in Moong Crop

मूंग की फसल में खरपतवार नियंत्रण सही समय पर नही करने से फसल की उपज में 40-60 प्रतिशत तक की कमी हो सकती है। फसल की शुरूआती अवस्था में बुआई के 15 से 45 दिन के मध्य फ़सलों को खरपतवारों से मुक्त रखना जरूरी है। सामान्यत: दो निराई-गुड़ाई, पहली 15-20 दिन के भीतर व दूसरी 30-35 दिनों के भीतर करनी चाहिए ताकि खरपतवारों का नियंत्रण हो सके। 

खरपतवार के रासायनिक प्रबंधन के लिए दोस्त सुपर (पेंडीमेथालिन 38.7%.सीएस) 700 मिली प्रति एकड़ के दर से बुआई के 72 घंटों के भीतर 150-200 लीटर साफ पानी में मिलाकर छिड़काव  करें। 

मूंग की खड़ी फसल में जंगली चौलाई, दूधी, जैसे खरपतवार जब 2-3 पत्ती अवस्था में होते है, तब वीडब्लॉक (इमाज़ेथापायर 10% एस एल+ सर्फेक्टेंट)@ 300 मिली प्रति एकड़  के दर से बुआई के 10-15 दिन बाद छिड़काव करें। 

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अधिकांश क्षेत्रों में मौसम रहेगा शुष्क, गर्मी बढ़ने के आसार

know the weather forecast,

देश के अधिकांश भागों का मौसम शुष्क रहेगा पहाड़ों पर हल्की बारिश तथा उत्तर पूर्वी भारत में भी हल्की बारिश होगी। 27 मार्च को एक बार फिर उत्तर भारत में बादल छा सकते हैं परंतु बारिश की संभावना बहुत कम है। तापमान अब धीरे-धीरे बढ़ेंगे तथा गर्मी तेज हो जाएगी।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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लहसुन की फसल को भंडारण के समय ब्लैक मोल्ड से कैसे बचाएं?

Know how to protect garlic crop from black mold during storage

लहसुन की फसल कटाई के बाद भंडारण के समय ब्लैक मोल्ड रोग का खतरा बढ़ जाता है। जहां भी प्याज और लहसुन का भंडारण किया जाता है वहा ये रोग लगना सामान्य होता है। 

लक्षण: लहसुन के पकने की अवस्था में ब्लैक मोल्ड आमतौर पर देखा जाता है। इस रोग के लक्षण लहसुन की कलियों के बीच और गांठों पर काले पाउडर के रूप में दिखाई देते हैं। इससे बाजार में लहसुन की कीमत कम होने लगती है, साथ ही प्रभवित गांठों का भंडारण ज्यादा समय तक नहीं रख जा सकता है। 

रोकथाम के उपाय:

  • लहसुन के भंडारण से पहले कंदों को अच्छी तरह सूखाकर साफ करें।

  • भंडारण में अच्छी तरह से पके, ठोस और स्वस्थ कंदों को ही रखें। 

  • भंडारण की जगह को नमी रहित और हवादार होना जरूरी होता है। 

  • भंडारण करने वाली जगह में कंदों का ढेर नहीं लगाना चाहिए।

  • कंदों को पत्तियों से गुच्छों में बांध कर रस्सियों पर लटका दें या फिर बांस की टोकरियों में भरकर रखें।

  • समय-समय पर सड़े-गले कंदों को निकालते रहना चाहिए।

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कई राज्यों में छाए रहेंगे बादल, कहीं-कहीं हो सकती है बारिश

know the weather forecast,

पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान सहित मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में बादल छाए हुए हैं। यहां एक दो स्थानों पर हल्की बारिश की संभावना दिखाई दे रही है परंतु बारिश इतनी ज्यादा नहीं होगी की फसलों को नुकसान पहुंचे। पहाड़ों पर 26 मार्च और 28 मार्च को फिर से वेस्टर्न डिस्टरबेंस दस्तक देंगे और पहाड़ों पर बारिश व बर्फबारी जारी रहेगी। 25 मार्च को होली के दिन उत्तर भारत का मौसम साफ हो जाएगा परंतु 26 मार्च को फिर कहीं-कहीं बारिश हो सकती है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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फसल की कटाई के बाद ऐसे करें फसल अवशेष का प्रबंधन

How to manage crop residue after harvest

फसलों की कटाई के बाद खेत में बचे फसल अवशेषों को जलाने की जगह रोटावेटर की सहायता से जुताई करें और एक पानी लगाए। इससे फसल अवशेष मिट्टी में मिल जाते हैं। इससे भूमि की उर्वरा शक्ति बढऩे के साथ ही अनेक लाभ मिलते है। 

फसल अवशेषों को खेत में मिला देने से होने वाले लाभ

  • किसान फसल अवशेषों को रोटावेटर की सहायता से खेत में मिला कर जैविक खेती का लाभ ले सकते हैं।

  • फसल अवशेषों को खेत में ही मिला देने से जैव विविधता बनी रहती है। जमीन में मौजूद मित्र कीट शत्रु  कीटों को खा कर नष्ट कर देते हैं।

  • इससे जमीन में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा बढ़ जाती है, फलस्वरूप फसल उत्पादन ज्यादा होता है।

  • दलहनी फसलों के अवशेषों को जमीन में मिलाने से मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे अगली फसल का भी उत्पादन भी बढ़ता है।

  • किसानों द्वारा फसल अवशेष जलाने के बजाय भूसा बना कर रखने पर जहां एक ओर उनके पशुओं के लिए चारा मौजूद होगा, वहीं अतिरिक्त भूसे को बेच कर वे आमदनी भी बढ़ा सकते हैं।

फसल अवशेषों का कैसे करें प्रबंधन

  • फसल अवशेषों को पशु चारा अथवा औद्योगिक प्रबंधन के लिए एकत्रित किया जा सकता है।

  • धान की पराली को यूरिया/कैल्शियम हाइड्रोक्सॉइड से उपचार करके इसका उपयोग पशु चारे के लिए किया जा सकता है।

  • खेत में स्ट्रा बेलन मशीन की मदद से फसल अवशेषों के ब्लॉक बनाकर कम जगह में भंडारित करके, पशु चारा के रूप में प्रयोग किया जा सकता है।

  • गेहूँ के फनो पर रीपर मशीन को चलाकर भूसा बनाया जा सकता है।

  • फसल अवशेषों का उपयोग मशरूम की खेती करने में भी मदतगार होता है। 

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