रोग के लक्षण: इस रोग के प्रकोप से पौधा अचानक मुरझाने लगता है, पीला पड़ने लगता है एवं अंत में पूरा पौधा सूखने लगता है। संपूर्ण पौधे के मुरझाने से पहले निचली पत्तियाँ गिर सकती हैं। पौधे के तने को, चीर कर देखने पर अंदर से भूरा दिखाई देता है। दोपहर के समय मुरझाने के लक्षण स्पष्ट दिखाई देते हैं एवं रात के समय ताजा हो जाते हैं। लेकिन जल्द ही पौधा मर जाता है।
रोकथाम के उपाय : इस रोग के रोकथाम के लिए तमिलनाडु एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के अनुसार कोनिका (कासुगामाइसिन 5% + कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 45% डब्ल्यूपी) @ 300 ग्राम प्रति एकड़ 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से पौधों की जड़ क्षेत्र में ड्रेंचिंग करें।
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