खरपतवारों से गेहूँ की फसल को होगा 25 से 35% तक का नुकसान, जानें बचाव के उपाय

Weeds will cause 25 to 35% damage to the wheat crop, learn preventive measures

🌾गेहूँ की फसल में खरपतवार एक सबसे बड़ी समस्या है। खरपतवारों के कारण फसल उत्पादन में 25 से 35% तक की कमी देखी गई है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जो पोषक तत्व फसलों को दिए जाते हैं, वे खरपतवार के द्वारा अवशोषित कर लिए जाते हैं। जिससे मुख्य फसल कमजोर हो जाती है।

🌾गेहूँ में मुख्यतः दो तरह के खरपतवारों की समस्या होती है और ये होते हैं सकरी पत्ती वाले खरपतवार (मोथा, कांस, जंगली जई, गेहूंसा (गेहूँ का मामा) आदि) तथा चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार (बथुआ, सेंजी, कासनी, जंगली पालक,  कृष्णनील, हिरनखुरी आदि)। 

🌾इनसे बचाव के लिए बुवाई के 30 से 35 दिन के अंदर जब खरपतवार 2 से 5 पत्तों की अवस्था में होते हैं तब खरपतवारनाशक का छिड़काव करें। छिड़काव के समय खेत में पर्याप्त नमी होनी चाहिए। छिड़काव के लिए फ्लैट फैन या फ्लड जेट नोजल का इस्तेमाल करें। 10 से 12 टंकी प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें।  

👉🏻सकरी पत्ती वाले खरपतवारों के लिए झटका (क्लोडिनाफॉप प्रोपरगिल 15% डब्ल्यूपी) @ 160 ग्राम प्रति एकड़ 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

👉🏻चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों के लिए, वीडमार सुपर (2,4-डी डाइमिथाइल अमीन साल्ट 58% एसएल) @ 300-500 मिली प्रति एकड़ 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

👉🏻सकरी एवं चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों के लिए वेस्टा (क्लॉडिनाफोप प्रोपेरजील 15% + मेटसुल्फुरोन मिथाइल 1 % डब्ल्यूपी) @ 160 ग्राम या सेंकोर (मेट्रिब्यूजिन 70% डब्ल्यूपी) @ 100 ग्राम प्रति एकड़ 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें। 

👉🏻छिड़काव के समय सावधानी जरूर बरतें, मुंह पर मास्क और हाथों में दस्ताने पहन कर हीं छिड़काव करें तथा जब हवा का बहाव ज्यादा हो तब छिड़काव बिल्कुल न करें।

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