एक ट्रायकोडर्मा के उपयोग से आपकी खेती में मिलेंगे कई लाभ

Trichoderma's importance in agriculture
  • मिट्टी में प्राकृतिक रूप से कई प्रकार के कवक पाए जाते हैं जिनमें से कुछ हानिकारक तो कुछ लाभकारी होते हैं और इन्ही लाभकारी कवकों में से एक ट्रायकोडर्मा भी होता है।

  • यह बहुत ही महत्त्वपूर्ण एवं कृषि की दृष्टि से एक उपयोगी जैव कवकनाशी है।

  • ट्रायकोडर्मा विभिन्न प्रकार के मिट्टी जनित रोगों जैसे फ्यूजेरियम, पिथियम, फाइटोफ्थोरा, राइजोक्टोनिया, स्क्लैरोशियम आदि से बचाव करता है।

  • फ़सलों को प्रभावित करने वाले रोग जैसे आर्द्र गलन, जड़ गलन, उकठा, तना गलन, फल सड़न, तना झुलसा आदि की रोकथाम में भी ट्रायकोडर्मा सहायक होता है।

  • यह रोग उत्पन्न करने वाले कारकों को रोकता है एवं फसल के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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ट्रायकोडर्माचे शेतीत महत्त्व

Trichoderma's importance in agriculture
  • बर्‍याच बुरशी नैसर्गिकरित्या मातीमध्ये आढळतात, त्यातील काही हानिकारक असतात तर काही फायदेशीर असतात आणि या फायदेशीर बुरशींपैकी एक म्हणजे ट्रायकोडर्मा.

  • शेतीच्या दृष्टीने हे अत्यंत महत्वाचे आणि उपयुक्त बायो- फंजीसाईड आहे.

  • ट्रायकोडर्मा विविध प्रकारच्या माती जनित रोगांपासून संरक्षण करते जसे की, फ्यूझेरियम, पिथियम, फायटोफथोरा, राईझोक्टोनिया, स्क्लेरोसियम इ.

  • ट्रायकोडर्मा ओले रॉट, रूट रॉट, सडणे, स्टेम रॉट, फळ कुजणे, दुर्गंध इत्यादी पिकांवर परिणाम करणाऱ्या रोगांपासून बचाव करण्यास मदत करते.

  • ट्रायकोडर्मा रोगास कारणीभूत घटकांना प्रतिबंधित करते आणि पीकांच्या विकासामध्ये महत्त्वपूर्ण भूमिका बजावते.

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