थ्रिप्स: इस कीट के शिशु व प्रौढ़ दोनों ही प्याज की पत्तियों को खुरचकर रस चूसते हैं। क्षतिग्रस्त पत्तियां चमकीली सफेद दिखाई देती हैं, जो बाद में ऐंठकर मुड़ जाती हैं तथा सूख जाती हैं। इसे जलेबी रोग भी कहते हैं।
बैंगनी धब्बा: इस रोग के लक्षण पहले छोटे, पानी से लथपथ घावों के रूप में प्रकट होता है, जो सफेद केंद्र विकसित करते हैं। जैसे-जैसे उनकी उम्र बढ़ती है, घाव भूरे से बैंगनी रंग के हो जाते हैं, जो पीले रंग के क्षेत्र से घिरे होते हैं। कभी-कभी इससे बल्ब भी संक्रमित हो जाते हैं।
नियंत्रण के उपाय:
इस कीट के नियंत्रण के लिए, एलओसी – 5 (लैम्ब्डा-साइहलोथ्रिन 05% ईसी) @ 120 मिली या जम्प (फिप्रोनिल 80% डब्ल्यूजी) @ 30 ग्राम + सिलिकोमैक्स गोल्ड @ 50 मिली + स्कोर (डिफेनोकोनाज़ोल 25% ईसी) @150-200 मिली या नोवाक्रस्ट (एजऑक्सीस्ट्रोबिन 11% + टेबुकोनाज़ोल 18.3% एससी) @ 300 मिली प्रति एकड़ 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।
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