आज किसान खेती के साथ साथ पोल्ट्री, डेयरी, मधुमक्खी पालन जैसे व्यवसायों के माध्यम से भी अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं। इन्हीं व्यवसायों में एक है रेशम कीट पालन का व्यवसाय। रेशम कीट का पालन कर के किसान करोड़पति भी बन सकते हैं। इस व्यसाय की इन्हीं खासियतों की वजह से सरकार भी इसको प्रोत्साहन दे रही है।
हरियाणा के पंचकूला, मोरनी, अंबाला व यमुनानगर के शिवालिक क्षेत्र में किसानों के बीच रेशम कीट पालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार ने किसानों को 90% तक का अनुदान देने जा रही है। इस विषय पर राज्य के रेशम अधिकारी डॉक्टर दिलबाग सिंह ने कहा है कि “रेशम कीट पालने के लिए किसानों को 1 एकड़ पर 300 पौधे लगाने होते हैं। किसान अपने खेतों के चारों ओर सहसूत के पेड़ लगाकर अधिकतम 2 एकड़ के लिए पौधे रोपित कर सकते हैं। इसी प्रकार 100 डीएफएल कीट पालन करने के लिए दो यूनिट रिंग एक्सप्लेन 72000 रुपए के अनुदान राशि पा सकते हैं।
केंद्रीय रेशम बोर्ड भारत सरकार द्वारा रेशम कीट पालन करने के लिए किसान महिला या पुरुष को पांच दिवसीय ट्रेनिंग व एक्स्पोजर विजिट करवाने पर 100% अनुदान राशि खर्च करने का प्रावधान रखा है। इसके लिए किसान अपने आवेदन पत्र के साथ राज्य के रेशम अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।
स्रोत: हरदम हरियाणा न्यूज़
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