आद्र गलन रोग के लक्षण:
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आद्र गलन रोग कपास की फसल में लगने वाले कुछ घातक रोगों में से एक है। इस रोग के कारण 5 से 20% तक फसल नष्ट हो जाते हैं।
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आद्र गलन रोग का प्रभाव 10-15 दिन के पौधों में ज्यादा देखने को मिलता है। इस रोग से पौधों के जड़ और तना गलने लगते हैं।
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इससे तने पतले होने लगते हैं और पत्ते मुरझाने लगते हैं। इस रोग की समस्या बढ़ने पर, पौधों की पत्ती पीली होकर, सूखने लगती है एवं पौधे जमीन पर गिर जाते हैं।
आद्र गलन रोग पर नियंत्रण के तरीके:
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इस रोग से बचाव के लिए फसल चक्र अपनाना चाहिए और आद्र गलन रोग के प्रतिरोधी किस्मों का चयन करना चाहिए।
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बीजों की बुवाई से पूर्व बीजोपचार करना अति आवश्यक है।
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जैविक नियंत्रण के लिए प्रति किलोग्राम बीज को 8 ग्राम ट्राइकोडर्मा से उपचारित करें।
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विटावेक्स (कार्बोक्सिन37.5%+ थिरम37.5%डब्ल्यू एस) 3 ग्राम/किलो बीज से उपचारित करें।
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