आलू की फसल में पोटेटो वायरस रोग की पहचान एवं नियंत्रण के उपाय!

Measures for identification and control of potato virus and disease in the potato crop

क्षति के लक्षण: इस वायरस का रोगवाहक माहु कीट है,साथ ही साथ, यह रोग प्रभावित आलू की बुवाई करने से एवं खरपतवार से भी फैलता है, एफिड(माहु) एक छोटे आकार का कीट है जो पत्तियो का रस चूसते है। जिसके फलस्वरूप पत्तियाँ सिकुड़ जाती है और पत्तियो का रंग पीला हो जाता है । पत्तियाँ ऐंठीं हुई दिखाई देती है। बाद में पत्तिया सूखकर गिर जाती हैं।

नियंत्रण के उपाय 

  • निगरानी के लिए 8 से 10 पीले चिपचिपे जाल प्रति एकड़ के हिसाब से स्थापित करें।

  • इस कीट के नियंत्रण के लिए, एडमायर (इमिडाक्लोप्रिड 70% डब्ल्यूजी) @ 36 ग्राम  या रोगोर (डाईमेथोएट 30% ईसी) @ 264 मिली  +  सिलिकोमैक्स गोल्ड @ 50 मिली + नोवामैक्स (जिब्रेलिक एसिड 0.001 % एल) @ 300 मिली, प्रति एकड़ 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

  • 3 दिन बाद प्रिवेंटल BV, @ 100 ग्राम प्रति एकड़ 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

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