धान की फसल में ना होने दें जिंक की कमी, होगी भारी क्षति

Is there zinc deficiency in your paddy crop
  • जिंक की कमी के कई लक्षण होते हैं जो आमतौर पर धान की रोपाई के 2 से 3 सप्ताह बाद दिखाई देते हैं।

  • जिंक की कमी अक्सर बारिश के ठंडे मौसम में होती है और लक्षण आमतौर पर धान की फसल में सिंचाई के तुरंत बाद दिखाई देने लगते हैं।

  • इसकी कमी से पौधों का विकास रुक सकता है, परिपक्वता में देरी होती है और उपज में भी कमी आती है। यह पत्तियों को प्रकाश और गर्मी के प्रति बहुत संवेदनशील बनाता है।

  • इसके लक्षण ज्यादातर नई पत्तियों में देखे जाते हैं जिन पर भूरे रंग के धब्बे और लकीरें विकसित हो जाती हैं।

  • जो पुरानी पत्तियों को पूरी तरह से ढकने के लिए फ्यजू हो सकती हैं, पौधे छोटे रह जाते हैं और गंभीर मामलों में पौधे मर भी सकते हैं।

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