तरबूज में रेड पम्पकिन बीटल से होने वाले नुकसान एवं रोकथाम के उपाय

Damage caused by red pumpkin beetle in watermelon and preventive measures

इस कीट की नवजात एवं वयस्क दोनों ही अवस्था फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। नवजात पौधों की जड़, भूमिगत तना एवं जमीन से लगे फल खाते है, जिससे पौधे मुरझाने लगते हैं या पौधों में सड़न भी हो सकती है। वयस्क कीट पौधों की पत्तियों में छेद करते हैं जिसके कारण पौधे का विकास नहीं होता एवं प्रकोप बढ़ने पर पौधे भी जाते हैं। इससे खेत में फसलों पर जले जले से धब्बे दिखाई पड़ते हैं। यह कीट फूल की अवस्था में भी नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे फल धारणा कम होती है, और गंभीर अवस्था में उत्पादन में 90 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है। 

रोकथाम के उपाय: इस कीट के रोकथाम के लिए फसल की कटाई के तुरंत बाद खेतों की जुताई करें और सुप्तावस्था में रहने वाले वयस्क कीटों को नष्ट कर दें। प्रकोप दिखाई देने पर इमानोवा (इमामेक्टिन बेंजोएट 5% एसजी) @ 100 ग्राम/एकड़ या टफगोर (डायमेथोएट 30% इसी) @ 200 मिली प्रति एकड़ के दर से 150-200 लीटर पानी में छिड़काव करें। 

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