फास्फोरस सॉल्युबलाइजिंग बैक्टीरिया से फसलों को मिलते हैं कई लाभ

Crops get many benefits from phosphorus solubilizing bacteria

फसल उत्पादन में जिन 16 आवश्यक पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, उनमें प्रमुख रूप से नाइट्रोजन, फास्फोरस व पोटाश तत्व का महत्व सबसे अधिक होता है। इन तत्वों में से किसी भी एक तत्व की कमी से फसल उत्पादन में गंभीर रूप से प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

लगातार उर्वरकों के उपयोग से खेतों की मिट्टी कठोर होती जा रही है, या पहले जैसा उत्पादन लेने में अधिक उर्वरक देना पड़ रहा है, इससे भूमि की गुणवत्ता भी नष्ट हो रही है। फास्फोरस युक्त रासायनिक उर्वरक जैसे सिंगल सुपर फास्फेट, डीएपी आदि की जो भी मात्रा हम फसल उत्पादन के लिए खेतों में डालते हैं, उसका सिर्फ 20 से 25 प्रतिशत भाग ही पौधों को उपलब्ध हो पाता है, शेष फास्फोरस मिट्टी के कणों द्वारा स्थिर कर लिया जाता है। रासायनिक क्रियाओं द्वारा अघुलनशील मिश्रण में परिवर्तित हो जाता है। यह जीवाणु अघुलनशील और अनुपलब्ध फास्फोरस तत्व को घुलनशील तत्व में बदलकर पौधों को उपलब्ध कराने में मदद करते हैं। फास्फोरस घोलक जीवाणु रॉक फास्फेट व ट्राइकैल्सियम फॉस्फेट जैसे अघुलनशील फास्फोरस धारित उर्वरक के कणों को सूक्ष्म आकार में बदलकर घुलनशील बना कर पौधों को पोषक तत्व के रूप में उपलब्ध करा देता है। इसके प्रयोग से लगभग 10 से 12 किलो प्रति एकड़ फास्फोरस युक्त रासायनिक उर्वरक की बचत की जा सकती है।

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