गांवों में ज्यादातर किसान कृषि के साथ पशुपालन व्यवसाय भी करते हैं। वो इसलिए क्योंकि पशुओं के लिए चारा और घांस खेतों से ही मिल जाता है। ऐसे में किसान पशुपालन में कम लागत लगाकर दुग्ध उत्पादन के जरिए बढ़िया मुनाफा कमाते हैं।
बात अगर दुग्ध उत्पादन की हो तो ऊंटनी के दूध को कैसे भूल सकते हैं। आयुर्वेद के अनुसार ऊंटनी के दूध में कई विशेष पोषक तत्व पाए जाते हैं। जिसका सेवन कई घातक रोगों से बचाव करता है। इसी कारण ऊंटनी के दूध की बाजार में काफी मांग है। इसके अलावा ऊंट का प्रयोग बोझा ढ़ोने और सवारी में भी किया जाता है। ऐसे में ऊंट पालन के जरिए अच्छी कमाई की जा सकती है।
हालांकि कई किसान ऐसे हैं जो ऊंट खरीदने में सक्षम नहीं है। ऐसे किसानों की आर्थिक मदद के लिए राजस्थान सरकार एक योजना चला रही है। इसके तहत किसानों को ऊंट खरीदने के लिए अनुदान राशि प्रदान की जाती है। इसके साथ ही ऊंटनी का दूध बेचने के लिए सरकारी डेयरी आरसीडीएफ का भी निर्माण किया जा रहा है। इस डेयरी के शूरू होने के बाद से किसानों को दूध बेचने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।
स्रोत: कृषि जागरण
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