देश के अधिकांश राज्यों में हो रही है खंड वर्षा, जानें क्या है इसकी वजह?

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मानसून के मौसम में भी देश के अधिकांश राज्यों में खंड वर्षा हो रही है। जिसको टुकड़ों में बारिश होना भी कहते हैं, इसे ही इंग्लिश में patchy rain भी कहते हैं। ऐसा होने पर एक ही जिले में कुछ स्थानों पर तो तेज बारिश होती है और बाकी हिस्से सूखे रहते हैं। इसी को खंड वर्षा कहा जाता है। हमारा देश भारत उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में है। यहां क्लाइमेट चेंज या पर्यावरण बदलाव का सबसे ज्यादा असर दिखाई दे रहा है। इसी वजह से ये सब देखने को मिल रहा है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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मध्य प्रदेश के मंडियों में क्या चल रहे हैं सरसों के भाव?

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सरसों के मंडी भाव में तेजी देखने को मिल रही है। देखिये मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सरसों के भाव!

मध्य प्रदेश की मंडियों में सरसों के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
शाजापुर आगर सरसों 4500 5376
अशोकनगर अशोकनगर सरसों 5066 5600
रीवा बैकुंठपुर सरसों 5200 5220
रीवा बैकुंठपुर सरसों(काला) 5100 5200
होशंगाबाद बानापुरा सरसों 5199 5199
भोपाल बैरसिया सरसों(काला) 4495 5290
बेतुल बेतुल सरसों 4951 4990
राजगढ़ ब्यावरा सरसों 4155 5425
मन्दसौर दलौदा सरसों 5000 5270
दमोह दमोह सरसों 4305 5400
देवास देवास सरसों 4500 5490
विदिशा गंज बासौदा सरसों 3100 6000
विदिशा गंज बासौदा सरसों-जैविक 5272 5272
गुना गुना सरसों 5400 5530
हरदा हरदा सरसों 4100 5114
होशंगाबाद इटारसी सरसों 5195 5230
जबलपुर जबलपुर सरसों 4855 5155
रतलाम जावरा सरसों 5351 5486
राजगढ़ जीरापुर सरसों 5305 5460
राजगढ़ जीरापुर सरसों(काला) 5200 5200
मुरैना कैलारस सरसों(काला) 5620 5761
कटनी कटनी सरसों 4650 5400
कटनी कटनी सरसों(काला) 4645 5370
शिवपुरी खनियाधाना सरसों 5200 5260
टीकमगढ़ खरगापुर सरसों 5250 5400
खरगोन खरगोन सरसों 4100 4100
देवास खातेगांव सरसों 2401 5230
शिवपुरी कोलारस सरसों 5410 5410
गुना कुम्भराज सरसों(काला) 4910 4910
राजगढ़ कुरावर सरसों 4805 5355
ग्वालियर लश्कर सरसों 5460 5810
ग्वालियर लश्कर सरसों(काला) 5500 5500
गुना मकसूदनगढ़ सरसों 5570 5570
मन्दसौर मन्दसौर सरसों 4690 6403
शाजापुर नलकेहड़ा सरसों 5200 5331
राजगढ़ नरसिंहगढ़ सरसों 4925 4925
नीमच नीमच सरसों 4250 5470
टीकमगढ़ पलेरा सरसों 5000 5200
शिवपुरी पिछौर सरसों 5070 5300
होशंगाबाद पिपरिया सरसों 4550 4790
मुरैना पोरसा सरसों(काला) 5450 5525
टीकमगढ़ पृथ्वीपुर सरसों 5200 5300
सागर राहतगढ़ सरसों 4900 4900
छतरपुर राजनगर सरसों(काला) 5200 5200
रीवा रीवा सरसों(काला) 4981 5231
मुरैना सबलगढ़ सरसों(काला) 5650 5750
सागर सागर सरसों-जैविक 4720 5830
शाजापुर साजापुर सरसों 5000 5295
सतना सतना सरसों 4700 5700
सीहोर सीहोर सरसों 5201 5300
सीहोर सीहोर सरसों(काला) 5000 5000
मन्दसौर शामगढ़ सरसों 5330 5390
श्योपुर श्योपुरकलां सरसों 5500 5670
शिवपुरी शिवपुरी सरसों 5855 5860
शाजापुर शुजालपुर सरसों 5035 5200
मन्दसौर सीतामऊ सरसों 5000 5300
श्योपुर विजयपुर सरसों 5590 5780

स्रोत: एगमार्कनेट

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तिलहनी फसलों में सल्फर की कमी से होगा नुकसान, जानें इसके क्या हैं फायदे?

Why Sulphur is an important nutrient in oilseed crops

पौधों में प्रोटीन, अमीनो एसिड, कुछ विटामिन और एंजाइम, प्रकाश संश्लेषण, ऊर्जा चयापचय, कार्बोहाइड्रेट उत्पादन और प्रोटीन के संश्लेषण आदि में सल्फर महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सल्फर अमीनो एसिड जैसे सिस्टीन, सिस्टीन और मेथियोनीन का एक अभिन्न अंग है जो प्रोटीन के आवश्यक घटक हैं। पौधों को पर्याप्त मात्रा में सल्फर देने से उपज और बीजों में तेल की मात्रा बढ़ जाती है।

तिलहनी फसलों में सल्फर की कमी के लक्षण क्या हैं?

सल्फर की कमी के कारण क्लोरोफिल उत्पादन कम होता है जिससे नई पत्तियों में  पीलापन की समस्या देखने को मिलती है। इसके कारण, पौधे की वृद्धि में कमी देखने को मिलती है। 

सल्फर की कमी को कैसे दूर करें?

सल्फर युक्त उर्वरकों की पूर्ति करके तिलहनी फसल में सल्फर की आवश्यकता को पूरा किया जा सकता है। सल्फर पोषक तत्वों को मिट्टी के अनुप्रयोगों जैसे बेसल, टॉप ड्रेसिंग, फर्टिगेशन और पर्ण आवेदन द्वारा पौधों में डाला जा सकता है।

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बादल फटने और भारी बारिश के आसार, देखें अपने क्षेत्र का मौसम पूर्वानुमान

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उत्तराखंड में भारी बारिश की संभावना है। अगले 24 घंटे के दौरान यहां एक दो स्थानों पर बादल फटने जैसी भारी बारिश हो सकती है। उत्तर प्रदेश, बिहार, पूर्वोत्तर राज्यों के साथ-साथ मध्य प्रदेश, विदर्भ तथा तेलंगाना के कुछ जिलों में भारी बारिश होने का अनुमान है। महाराष्ट्र और कर्नाटक के तट पर भी कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है। पश्चिम बंगाल और सिक्किम सहित पश्चिमी असम में भी भारी बारिश की संभावना है। राजस्थान के अधिकांश जिलों सहित उत्तरी उड़ीसा, गंगिय पश्चिम बंगाल, गुजरात और तमिलनाडु में मानसून कमजोर बना रहेगा।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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फर्टिगेशन विधि से उर्वरकों का उपयोग दिलाएगा फसलों को कई लाभ

Use of fertilizers through fertigation method will provide many benefits to the crops

फर्टिगेशन उर्वरक उपयोग करने की एक शानदार विधि है। इसमें ड्रिप सिस्टम द्वारा सिंचाई के पानी में उर्वरक को शामिल किया जाता है। इस प्रणाली में उर्वरक का घोल सिंचाई के माध्यम से फसल में समान रूप से वितरित किया जाता है। इसमें पोषक तत्वों की उपलब्धता बहुत अधिक होती है इसलिए दक्षता अधिक होती है। इस विधि में तरल उर्वरकों के साथ-साथ पानी में घुलनशील उर्वरकों का भी उपयोग किया जाता है। इस विधि से उर्वरक उपयोग दक्षता 80 से 90 प्रतिशत तक बढ़ जाती है।

फर्टिगेशन के फायदे

  • फर्टिगेशन के माध्यम से सक्रिय रूट ज़ोन के पास पोषक तत्वों और पानी की आपूर्ति की जाती है जिसके परिणामस्वरूप फसलों द्वारा अधिक अवशोषण होता है।

  • चूंकि फर्टिगेशन के माध्यम से सभी फसलों को समान रूप से पानी और उर्वरक की आपूर्ति की जाती है, इसलिए 25-50 प्रतिशत अधिक उपज प्राप्त करने की संभावना रहती है।

  • फर्टिगेशन के माध्यम से उर्वरक उपयोग दक्षता 80-90 प्रतिशत के बीच होती है, जिससे न्यूनतम 25 प्रतिशत पोषक तत्वों को बचाने में मदद मिलती है।

  • इस तरह पानी की कम मात्रा और खाद की बचत के साथ-साथ समय, श्रम और ऊर्जा की खपत भी काफी कम हो जाती है।

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मृदा अपरदन से खेत की मिट्टी को पहुंचता है नुकसान!

Soil erosion causes damage to the soil of the farm

किसी भी कारण से जब मिट्टी का कटाव होता है तो उसे “मृदा अपरदन” कहा जाता है। मृदा अपरदन एक प्राकृतिक क्रिया होती है। भूगर्भीय क्रियाएं (जैसे पानी की धाराएँ या पिघलती बर्फ), जलवायु क्रियाएं (जैसे बारिश या तीव्र हवाएँ) या मानव गतिविधि (जैसे कृषि, वनों की कटाई, शहरों का विस्तार) ये सभी कारक मृदा अपरदन या भू-क्षरण के कारकों में से एक हैं।

मिट्टी के कटाव से कैसे बचें?

  • वृक्षारोपण- पेड़ पौधे लगाने से पारिस्थितिकी तंत्र और मिट्टी के रखरखाव में मदद मिलती है, और इससे मृदा अपरदन को भी रोका जा सकता है।

  • जल निकासी मार्गों का निर्माण- उन क्षेत्रों में जहां मिट्टी की अवशोषण क्षमता कम है, बाढ़ को रोकने के लिए नालियां और अन्य तरीके अपनाये जा सकते हैं जिससे हम मिट्टी के कटाव को रोक सकते हैं।

  • भूमि का सतत उपयोग- यह कृषि और पशुधन के प्रभावों को कम करने में मदद कर सकता है, और पोषक तत्वों के नुकसान के कारण मिट्टी के क्षरण को रोक सकता है।

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आधे भारत में झमाझम बारिश के आसार, कई राज्यों को अभी भी इंतजार

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अगले कुछ दिनों तक देश के कई राज्य झमाझम बारिश देखेंगे जिसमें पंजाब के उत्तरी जिले, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्य शामिल रहेंगे। राजस्थान के पूर्वी जिलों में बारिश जारी है परंतु अब वहां पर बारिश कम हो जाएगी। गुजरात सहित कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में भी बारिश की कमी दिखाई देगी। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, तटीय कर्नाटक और महाराष्ट्र के तटीय जिलों में अच्छी बारिश जारी रह सकती है। हरियाणा और दिल्ली में बादल छाए रहेंगे, हल्की बारिश होने की भी संभावना है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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लहसुन के भाव में तेजी जारी, 23850 रुपये तक पहुंचे उच्च भाव

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मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं लहसुन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में लहसुन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
शाजापुर अकोदिया औसत 4000 20101
सीहोर आष्टा लहसुन 3600 17100
उज्जैन बड़नगर लहसुन 3700 16600
धार बदनावर लहसुन 12700 12700
भोपाल भोपाल लहसुन 4000 19050
मन्दसौर दलौदा लहसुन 4000 19610
सागर देवरी औसत 4268 6510
इंदौर गौतमपुरा लहसुन 4600 15900
इंदौर इंदौर लहसुन 700 21050
इंदौर इंदौर लहसुन-जैविक 2000 2000
रतलाम जावरा देसी 17890 17890
रतलाम जावरा लहसुन 14860 15500
शाजापुर कालापीपल लहसुन 4000 15760
मन्दसौर मन्दसौर लहसुन 11400 15000
मन्दसौर मन्दसौर लहसुन-जैविक 8801 8801
राजगढ़ नरसिंहगढ़ औसत 14000 14000
राजगढ़ नरसिंहगढ़ लहसुन 2900 20200
राजगढ़ नरसिंहगढ़ लहसुन-जैविक 13500 13500
नीमच नीमच औसत 3800 18300
नीमच नीमच लहसुन 8010 23850
मन्दसौर पिपल्या लहसुन 8750 8750
मन्दसौर पिपल्या लहसुन-जैविक 3480 16701
धार राजगढ़ लहसुन 6600 16000
रतलाम रतलाम देसी 100 20300
रतलाम रतलाम लहसुन 1000 20500
रतलाम सैलाना औसत 8801 8801
रतलाम सैलाना लहसुन 1908 16001
शाजापुर साजापुर लहसुन 2100 15500
राजगढ़ सारंगपुर औसत 4000 6000
सीहोर सीहोर लहसुन 5900 17400
मन्दसौर शामगढ़ लहसुन 1800 20100
शाजापुर शुजालपुर देसी 3301 20019
मन्दसौर सीतामऊ देसी 11500 20100
मन्दसौर सीतामऊ लहसुन 6201 15000
शाजापुर सोयतकलां लहसुन 7100 14515
उज्जैन उज्जैन लहसुन 2000 21699

स्रोत: एगमार्कनेट

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फसलों के लिए महत्वपूर्ण है जैविक उर्वरक माइकोराइजा, जानें इसके फायदे

Organic fertilizer mycorrhiza is important for crops
  • माइकोराइजा एक जैविक उर्वरक है जो कवक और पौधों की जड़ों के बीच का एक संबंध रखता है। इस प्रकार के संबंध में कवक पौधों की जड़ पर आश्रित हो जाता है और मृदा-जीवन का एक महत्वपूर्ण घटक बन जाता है। 

  • माइकोराइजा के उपयोग से जड़ों का बेहतर विकास होता है।

  • माइकोराइजा पौधों के लिए मिट्टी से फास्फोरस की उपलब्धता और अन्य सूक्ष्म पोषक तत्वों को अवशोषित करने में मदद करता है। 

  • माइकोराइजा मिट्टी से फास्फोरस की उप्लब्धता को 60-80% तक बढ़ाता है।

  • माइकोराइजा पौधों के द्वारा जल के अवशोषण की क्रिया दर को बढ़ाकर पौधे को सूखे के प्रति सहनशीलता बढ़ाता है। जिससे पौधों को हरा भरा रखने में मदद मिलती है।

  • अतः यह फसलोें की पैदावार को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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कई राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ का अलर्ट, देखें मौसम पूर्वानुमान

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मानसून एक बार फिर से रफ्तार पकड़ेगा। मध्य प्रदेश के तराई के इलाकों में भारी बारिश होगी। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में भी भारी बारिश की संभावना है। असम के कई जिलों में भारी बारिश होगी जिससे बाढ़ की स्थिति पैदा हो सकती है। गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के भी कई जिलों में अच्छी बारिश की संभावना है। केरल और कर्नाटक के तट पर तेज बारिश होगी। महाराष्ट्र के भी कई जिलों में अच्छी बारिश की संभावना है। तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में मानसून कमजोर बना रहेगा।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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