देशातील विविध शहरांमध्ये फळे आणि पिकांच्या किंमती काय आहेत? |
|||
बाजार |
वस्तू |
कमी किंमत (किलोग्रॅम मध्ये) |
जास्त किंमत (किलोग्रॅम मध्ये) |
गुवाहाटी |
कांदा |
11 |
– |
गुवाहाटी |
कांदा |
15 |
– |
गुवाहाटी |
कांदा |
16 |
– |
गुवाहाटी |
कांदा |
17 |
– |
गुवाहाटी |
कांदा |
11 |
– |
गुवाहाटी |
कांदा |
15 |
– |
गुवाहाटी |
कांदा |
16 |
– |
गुवाहाटी |
कांदा |
17 |
– |
गुवाहाटी |
कांदा |
16 |
– |
गुवाहाटी |
कांदा |
22 |
– |
गुवाहाटी |
कांदा |
24 |
– |
गुवाहाटी |
कांदा |
25 |
– |
गुवाहाटी |
लसूण |
22 |
27 |
गुवाहाटी |
लसूण |
28 |
35 |
गुवाहाटी |
लसूण |
35 |
40 |
गुवाहाटी |
लसूण |
40 |
42 |
गुवाहाटी |
लसूण |
23 |
26 |
गुवाहाटी |
लसूण |
27 |
35 |
गुवाहाटी |
लसूण |
35 |
40 |
गुवाहाटी |
लसूण |
40 |
42 |
नाशिक |
कांदा |
3 |
6 |
नाशिक |
कांदा |
4 |
7 |
नाशिक |
कांदा |
6 |
14 |
नाशिक |
कांदा |
9 |
16 |
किसानों को गोपालन और डेयरी संचालन के लिए मिल रहा बंपर अनुदान
छत्तीसगढ़ सरकार ने गौठान और गोधन की सफलता से सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचा है। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए सरकार ने श्वेत क्रांति के लिए भी तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके तहत राज्य में गोपालन पर जोर दिया जा रहा है, ताकि गौठानों की मदद से दुग्ध उत्पादन में वृद्धि की जा सके।
बता दें कि सरकार की इस योजना का उद्देश्य राज्य में दूध की हो रही कमी को पूरा करना है। दरअसल छत्तीसगढ़ में दूध की मांग और आपूर्ति के बीच भारी अंतर बना हुआ है। इस अंतर को खत्म करने के लिए राज्य सरकार श्वेत क्रांति पर जोर दे रही है। इसके लिए सरकार ने पशुधन विकास विभाग को जिम्मेदारियां सौंपी हैं।
इसके तहत डेयरी संचालन और गोपलन के लिए किसानों द्वारा गाय खरीदने पर अनुदान दिया जा रहा है। जहां सामान्य वर्ग के किसानों को 50% और अनुसूचित वर्ग के किसानों 66% का अनुदान प्रदान किया जाता है। वहीं सरकार के अनुसार इस योजन के माध्यम से स्वरोजगार को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा दुग्ध उत्पादन व उत्पादकता में वृद्धि होगी।
स्रोत: नई दुनिया
Shareकृषि क्षेत्र की महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर जरूर करें।
मध्य प्रदेशमधील मंडईंमध्ये गव्हाच्या दरात किती वाढ झाली?
मध्य प्रदेशातील खाटेगाव, इटारसी, कालापिपळ, बदनावार, जावरा आणि खांडवा आदी विविध मंडईंमध्ये गव्हाची किंमत काय आहे? चला संपूर्ण यादी पाहूया.
मंडी का नाम |
न्यूनतम मूल्य (रु./क्विंटल) |
अधिकतम मूल्य (रु./क्विंटल) |
अजयगढ़ |
1900 |
1980 |
आलमपुर |
1900 |
2030 |
अलीराजपुर |
1800 |
1900 |
बादामलहेरा |
1900 |
2828 |
बड़नगर |
1850 |
2351 |
बड़नगर |
1860 |
2175 |
बदनावर |
1850 |
2385 |
बाणपुरा |
1801 |
2120 |
भीकनगांव |
1900 |
2130 |
भितरवाड़ |
2040 |
2055 |
देवास |
1900 |
2485 |
डिंडोरी |
1850 |
2000 |
गंधवानी |
2128 |
2180 |
गारोठ |
1970 |
1990 |
हरपालपुर |
1890 |
2000 |
इटारसी |
2026 |
2103 |
जैसीनगर |
1940 |
1955 |
जावरा |
2100 |
2100 |
झाबुआ |
2050 |
2050 |
जोबाट |
2000 |
2100 |
कैलारासो |
2109 |
2121 |
कालापीपल |
1850 |
2000 |
कालापीपल |
1700 |
1900 |
कालापीपल |
1850 |
2210 |
करेलिक |
1975 |
2050 |
खाचरोद |
1960 |
2181 |
खंडवा |
1986 |
2217 |
खानियाधना |
1800 |
2010 |
खातेगांव |
1800 |
2331 |
खातेगांव |
1800 |
2120 |
खिरकिया |
1800 |
2095 |
खुजनेर |
1940 |
2050 |
कोलारस |
1950 |
2127 |
लोहरदा |
1925 |
2048 |
मन्दसौर |
1980 |
2326 |
मोमनबादोदिया |
1930 |
2015 |
मुरैना |
2061 |
2100 |
नागदा |
1851 |
2175 |
पलेरा |
1820 |
1890 |
पन्ना |
1840 |
1860 |
राघोगढ़ |
1905 |
2200 |
राहतगढ़ |
2000 |
2040 |
रायसेन |
1921 |
2124 |
सैलाना |
2021 |
2490 |
सनावद |
1900 |
2131 |
सांवेर |
1860 |
2275 |
सेमरीहरचंद |
1875 |
2000 |
सिओनी |
1975 |
2040 |
श्योपुरबडोद |
2010 |
2051 |
शिवपुरी |
2070 |
2070 |
स्रोत: एगमार्कनेट
Shareमध्य प्रदेशातील निवडक मंडईंमध्ये कांद्याचा भाव किती आहे ?
मध्य प्रदेशमधील जसे की देवास, मन्दसौर, कालापीपल, खरगोन, हरदा आणि खरगोन इत्यादी विविध मंडईंमध्ये कांद्याचे भाव काय चालले आहेत? चला संपूर्ण यादी पाहूया.
मंडी का नाम |
न्यूनतम मूल्य (रु./क्विंटल) |
अधिकतम मूल्य (रु./क्विंटल) |
अलीराजपुर |
1000 |
2000 |
ब्यावरा |
400 |
1000 |
देवास |
400 |
1500 |
हरदा |
700 |
850 |
कालापीपल |
110 |
1300 |
खरगोन |
500 |
1000 |
मन्दसौर |
351 |
1250 |
पिपरिया |
350 |
1600 |
सांवेर |
725 |
1325 |
टिमर्नी |
800 |
1000 |
स्रोत: एगमार्कनेट
Shareमुसळधार पाऊस पडण्याची शक्यता, आपल्या क्षेत्रातील हवामानाचा अंदाज पहा
मुंबईसह मध्य प्रदेशातील दक्षिणेकडील जिल्हे गुजरात, महाराष्ट्र आणि दक्षिण राजस्थानमध्ये मुसळधार पाऊस पडण्याची शक्यता आहे. पुढील कमी दाबाचे क्षेत्र ओडिशावरती तयार होईल. तयार झालेले क्षेत्र पश्चिम दिशेने पुढे जात असल्याने छत्तीसगड, तेलंगणासह अनेक राज्यांमध्ये जोरदार मुसळधार पाऊस पडेल. यासोबतच दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर राजस्थान आणि पश्चिम उत्तर प्रदेशमध्ये 9 जुलैपासून मुसळधार पाऊस पडण्याची शक्यता आहे.
स्रोत: स्काइमेट वेदर
Shareहवामानाच्या अंदाजाविषयी माहितीसाठी दररोज ग्रामोफोन अॅपला भेट द्या आणि हा लेख खाली दिलेल्या बटनावर क्लिक करुन आपल्या मित्रांसह देखील शेयर करा.
Earn good profit with low cost in floriculture
मध्य प्रदेशातील निवडक मंडईंमध्ये कांद्याचा भाव किती आहे ?
मध्य प्रदेशमधील जसे की बड़वाह, देवास, मन्दसौर, कालापीपल, कालापीपल, खरगोन, हरदा आणि मनावर इत्यादी विविध मंडईंमध्ये कांद्याचे भाव काय चालले आहेत? चला संपूर्ण यादी पाहूया.
विविध मंडईतील कांद्याचे ताजे बाजारभाव |
||
कृषी उत्पादन बाजार |
कमी किंमत (प्रति क्विंटल) |
जास्त किंमत (प्रति क्विंटल) |
अलीराजपुर |
1000 |
1900 |
बड़वाह |
1000 |
1500 |
देवास |
400 |
1500 |
देवास |
400 |
1700 |
हरदा |
700 |
850 |
हरदा |
720 |
780 |
कालापीपल |
120 |
1320 |
खरगोन |
500 |
1000 |
खरगोन |
500 |
1500 |
मनावर |
800 |
1000 |
पिपरिया |
400 |
1600 |
सैलाना |
301 |
1400 |
शाजापुर |
250 |
1400 |
सीतमऊ |
200 |
1190 |
स्रोत: एगमार्कनेट
Shareसंपूर्ण देशभरात मुसळधार पावसाची शक्यता, हवामानाचा अंदाज पहा
मुंबईमध्ये जोरदार ते मुसळधार पावसाची शक्यता आहे. यासोबतच गुजरातच्या दक्षिणेकडील जिल्ह्यांमध्ये मुसळधार पावसामुळे सामान्य जनजीवन विस्कळीत होण्याची शक्यता आहे. मध्य प्रदेशच्या दक्षिणेकडील भागांसह दक्षिण राजस्थान, विदर्भ, मराठवाडा कर्नाटक आणि पर्वतीय भागांत मुसळधार पावसाची दाट शक्यता आहे. पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेशच्या उत्तर पश्चिम जिल्ह्यांसह तेलंगणा, छत्तीसगड आणि ओरिसामध्ये मुसळधार पाऊस असल्याचे सांगितले जात आहे. तसेच दिल्ली आणि पश्चिम उत्तर प्रदेशमध्ये हलका पाऊस पडेल असे वर्तविले आहे..
स्रोत: स्काइमेट वेदर
Shareहवामानाच्या अंदाजाविषयी माहितीसाठी दररोज ग्रामोफोन अॅपला भेट द्या आणि हा लेख खाली दिलेल्या बटनावर क्लिक करुन आपल्या मित्रांसह देखील शेयर करा.
मध्य प्रदेशमधील मंडईंमध्ये गव्हाच्या दरात किती वाढ झाली?
मध्य प्रदेशमधील जसे की, खातेगांव, खटोरा, कालापीपल आणि रतलाम इत्यादी विविध मंडईंमध्ये आज गव्हाचे भाव काय चालले आहेत? चला संपूर्ण यादी पाहूया.
विविध मंडईतील गव्हाचे ताजे बाजारभाव |
||
कृषी उत्पादन बाजार |
कमी किंमत (प्रति क्विंटल) |
जास्त किंमत (प्रति क्विंटल) |
अमरपाटन |
1900 |
2100 |
भीकनगांव |
2104 |
2203 |
धामनोद |
2032 |
2208 |
गोहद |
2035 |
2070 |
गोरखपुर |
1800 |
1950 |
कालापीपाल |
1870 |
2015 |
कालापीपाल |
1750 |
1900 |
कालापीपाल |
1855 |
2230 |
करही |
2010 |
2040 |
खातेगांव |
1980 |
2174 |
खटोरा |
2176 |
2255 |
लटेरी |
1855 |
1985 |
लटेरी |
2700 |
2700 |
लटेरी |
2020 |
2200 |
पचौर |
1800 |
2111 |
पिपल्या |
2000 |
2240 |
रतलाम |
2030 |
2530 |
सेमरी हरचंद |
1900 |
1960 |
शाहगढ़ |
1940 |
2000 |
श्योपुरकलां |
2000 |
2000 |
सिमरिया |
1810 |
1880 |
उदयपुरा |
1860 |
1940 |
उमरिया |
1800 |
1950 |
स्रोत: एगमार्कनेट
Shareयाची शेती शेताच्या बांधावर करा, लाखोंच्या कमाई सोबत दुप्पट नफा मिळवा?
आजही ग्रामीण भागात बांबूची लागवड मोठ्या प्रमाणात केली जाते. बांबूचे एकदा पीक घेतल्यानंतर त्यातून 30 ते 40 वर्षे नफा मिळवता येतो. बांबूचा वापर गाठी, शिडी, टोपल्या, चटई, फर्निचर, खेळणी आणि सजावटीच्या साहित्यासोबतच घरे बांधण्यासाठी देखील केला जातो, म्हणूनच या कारणांमुळे बाजारात बांबूला खूप मोठ्या प्रमाणात मागणी आहे. अशा परिस्थितीत शेतकऱ्यांचे उत्पन्न वाढवण्यासाठी हा एक उत्तम मार्ग आहे. भारत सरकारनेही देशात बांबूची लागवड करावी असे शेतकऱ्यांना प्रोत्साहन केले आहे.
या दिशेमध्ये केंद्र सरकारद्वारे बांबूच्या लागवडीसाठी ‘राष्ट्रीय बांस मिशन’ चालवले जात आहे. याच्या माध्यमातून बांबू लागवडीसाठी शेतकऱ्यांना आर्थिक मदत देखील केली जाते. सांगा की, बांबूची लागवड करणे अतिशय सोपी आणि फायदेशीर आहे. या लेखामध्ये आम्ही, बांबू लागवडीचे फायदे सांगणार आहोत.
शेतातील बांधाचा अशा प्रकारे वापर करावा?
जर तुमच्याकडे बांबूची झाडे लावण्यासाठी पुरेशी जागा नसेल तर तुम्ही या लागवडीसाठी बांधाचा वापर करू शकता. असे केल्याने शेतामध्ये लागवड केलेल्या इतर पिकांचे कोणतेही नुकसान होणार नाही. यासोबतच शेतात लावलेल्या पिकांचे देखील भटक्या जनावरांपासून संरक्षण होणार आहे. याप्रकारे बांबूची लागवड करून शेतकऱ्यांना दुप्पट फायदा होणार आहे.
सह-पीक तंत्रज्ञानाद्वारे दुप्पट नफा मिळवा?
सह-पीक तंत्रज्ञानाने शेती करण्यासाठी बांबूची लागवड हा एक उत्तम पर्याय आहे. प्रत्येक बांबू रोपाच्या मध्यभागी योग्य ती जागा वाचवून आले, हळद, लसूण आणि अलसीच्या रोपांची लागवड करू शकता. अशा प्रकारे शेती करून शेतकरी बांधव चांगला नफा कमवू शकतात.
बांबूला तुम्ही बियाणे, कटिंग किंवा राइजो़म अशा विविध पद्धतीने त्याची लागवड करू शकता. सांगा की, बांबूच्या झाडांचे आयुष्य सुमारे 40 वर्षे असते, त्यामुळे 150 ते 250 बांबूची झाडे लावून शेतकरी 40 वर्षांपर्यंत लाखोंची कमाई करू शकतात.
स्रोत: आज तक
Shareकृषी क्षेत्रातील अशाच महत्त्वाच्या बातम्यांसाठी दररोज ग्रामोफोनचे लेख वाचत रहा आणि आजची ही माहिती आवडली असेल तर लाईक आणि शेअर करायला विसरू नका.