मध्य प्रदेश की प्रमुख मंडियों में गेहूँ भाव में दिखी कितनी तेजी?

wheat mandi bhaw,

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं गेहूँ के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में गेहूँ के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
आलीराजपुर आलीराजपुर मिल गुणवत्ता 2400 2400
छतरपुर बड़ामलहेड़ा मिल गुणवत्ता 2325 2325
रीवा बैकुंठपुर मिल गुणवत्ता 2380 2400
रायसेन बरेली मिल गुणवत्ता 2550 2550
राजगढ़ ब्यावरा मिल गुणवत्ता 2185 2460
शाहडोल बुढ़ार मिल गुणवत्ता 2550 2550
रीवा चाकघाट मिल गुणवत्ता 2400 2425
डिंडोरी गोरखपुर मिल गुणवत्ता 2100 2100
रीवा हनुमना मिल गुणवत्ता 2300 2300
हरदा हरदा मिल गुणवत्ता 2478 2680
खंडवा हरसूद मिल गुणवत्ता 2450 2500
इंदौर इंदौर लोकवन 2301 2501
टीकमगढ़ जतारा मिल गुणवत्ता 2460 2480
कटनी कटनी मिल गुणवत्ता 2370 2390
टीकमगढ़ खरगापुर मिल गुणवत्ता 2350 2401
मंडला मंडला मिल गुणवत्ता 2200 2200
मंडला मंडला स्थानीय 2275 2275
सतना मेहर स्थानीय 2370 2390
टीकमगढ़ निवाड़ी मिल गुणवत्ता 2380 2461
धार राजगढ़ लोकवन 2490 2495
रीवा रीवा मिल गुणवत्ता 2350 2350
सीहोर सीहोर लोकवन 2150 2630
होशंगाबाद सेमरीहरचंद मिल गुणवत्ता 2410 2425
सीधी सीधी मिल गुणवत्ता 2270 2270
टीकमगढ़ टीकमगढ़ मिल गुणवत्ता 2373 2400

स्रोत: एगमार्कनेट

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गोभी वर्गीय फसल में डाऊनी मिलड्यू रोग के लक्षण एवं नियंत्रण के उपाय

Symptoms and control of downy mildew disease in cabbage crop

डाऊनी मिलड्यू रोग के लक्षण: इस रोग के प्रकोप से पत्तियों की निचली सतह पर बैंगनी रंग के धब्बे दिखाई देते हैं, जबकि ऊपरी सतह पर पीले भूरे रंग के धब्बे एवं रोयेंदार कवक की वृद्धि पाई जाती है, साथ ही तनों में काले से भूरे रंग के धब्बे या लकीरें दिखाई देते हैं। फूलगोभी का फूल अंदर और बाहर दोनों तरफ से काला पड़ जाता है। इस रोग के गंभीर रूप में पूरा पौधा नष्ट हो जाता है।

नियंत्रण के उपाय: इस रोग के नियंत्रण के लिए नोवैक्सिल @ (मेटालैक्सिल 8% + मैनकोज़ेब 64% डब्ल्यूपी) @ 60 ग्राम + सिलिकोमैक्स गोल्ड @ 5 मिली + नोवामैक्स (जिबरेलिक ऍसिड 0.001% L) @ 30 मिली, प्रति 15 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।  

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सुबह और रात के तापमान में गिरावट रहेगी बरकरार, मौसम रहेगा साफ़

know the weather forecast,

वेस्टर्न डिस्टरबेंस आगे बढ़ गया है। पहाड़ों पर जारी बारिश और बर्फबारी की गतिविधियां अब थम जाएगी। अगला वेस्टर्न डिस्टरबेंस 16 फरवरी के आसपास आएगा। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली सहित राजस्थान के पश्चिमी जिलों से मौसम साफ हो गया है। आज उत्तर प्रदेश के एक दो स्थानों पर हल्की बारिश हो सकती है। 6 फरवरी से अधिकांश इलाकों का मौसम साफ हो जाएगा। पहाड़ों से चलने वाली सर्द हवाएं उत्तर भारत में सुबह और रात के तापमान में गिरावट ला सकती है, वहीं दिन में धूप निकलेगी।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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जानिए कैसे स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस फसलों के लिए है एक लाभकारी जीवाणु

How Pseudomonas fluorescens is a beneficial bacteria

स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस एक मित्र जीवाणु है जो जीवाणु एवं फफूंद से होने वाले रोग को  मिट्टी और हवा में फैलाने से रोकने में मदद करते हैं। साथ ही यह पौध वृद्धि कारक तत्वों का निर्माण करता है जिससे उपज में भी वृद्धि होती है। यह अंतरदेहि जैव नियंत्रण के रूप में काम करता है।

जब स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस का छिड़काव करते है तब ये कुछ द्वितीयक मेटाबोलाइट्स (चयापचय तत्वों) जैसे जिब्रेलिक, ऑक्सिस का निर्माण करते हैं जिससे पौधे में हरापन रहने में मदद होती है। साथ हीं यह पौधे में तनाव, रोग आदि के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।

इसका उपयोग हम ज़मीन से या छिड़काव से साथ ही बीज प्रक्रिया के लिए कर सकते है। यह विभिन्न प्रकार की फसलों, फलों और सब्जियों में जड़ सड़न, तना सड़न, डैम्पिंग ऑफ़, उकठा, लाल सड़न, जीवाणु झुलसा आदि रोगों के नियंत्रण के लिए प्रभावी है। 

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देश में मछली उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार करेगी यह काम

Government will do this work to increase fish production in the country

केंद्र सरकार ने वर्ष 2024 के लिए अपना अंतरिम बजट 1 फरवरी को पेश किया। इस बजट को पेश करते हुए वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि क्षेत्र के लिए भी कई घोषणाएं की हैं। इन्हीं में से एक घोषणा मछली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए भी किया गया है। उन्होंने कहा कि “हमारी सरकार देश में मछली के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है। इसके लिए मछुआरों की सहायता करने हेतु मत्स्य क्षेत्र के लिए एक अलग विभाग की स्थापना की गई है। जिसके चलते देश में अन्तर्देशीय और एक्वाकल्चर उत्पादन दोनों दोगुना हो गया है। साथ ही 2013-14 से सी-फूड का निर्यात भी दोगुना हो गया है।”

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान देश में एक्वाकल्चर उत्पादकता को प्रति हेक्टेयर 3 टन से बढ़ाकर 5 टन करने की घोषणा की है। साथ ही निर्यात को भी दोगुना कर 1 लाख करोड़ रुपये तक पहुँचाने और निकट भविष्य में 55 लाख रोजगार अवसरों का सृजन करने के लिए पीएम मत्स्य संपदा योजना के क्रियान्वयन में तेज़ी लेनी की घोषणा की है।

स्रोत: किसान समाधान

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प्याज़ की फसल में सूक्ष्म पोषक तत्वों के कमी के लक्षणों को पहचानें

Symptoms of Micronutrient Deficiency in Onions

प्याज़ की फसल में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस एवं पोटाश के अलावा सूक्ष्म पोषक तत्व भी बेहद आवश्यक होते हैं, और इनकी कमी होने पर उत्पादन एवं उत्पादकता पर बुरा प्रभाव पड़ता है। प्याज़ में तीखापन, एलाइल प्रोपाइल डाईसल्फाइड नामक तत्व के कारण होता है इस तीखेपन को बढ़ाने व उत्पादन में वृद्धि के लिए, सल्फर की आवश्यकता होती है।

सल्फर: सभी पत्तियां नई तथा पुरानी एक समान पीली दिखाई देती है, साथ ही सल्फर (गंधक) की कमी वाले पौधे में पत्तियों का हरा रंग समाप्त हो जाता है।

मैंगनीज: पत्तियों की शिराएँ पीली पड़के जलने लगती हैं, पत्तियों का रंग फीका पड़ता है साथ ही वे ऊपर की ओर मुड़ने लगती है। फसल की वृद्धि रुक जाती है, प्याज़ के कंद देर से बनते हैं और कंद का ऊपरी भाग (गर्दन) मोटी हो जाती है।

कॉपर: प्याज की फसल में कंद के ऊपरी आवरण विकास के लिए फसल में कॉपर की उचित मात्रा होना आवश्यक है। कॉपर के कमी से नई पत्तियां नोक से सफ़ेद होती है और सर्पिले आकार में मुड़ जाती हैं, या पौधे के दाये भाग में मुड़ते है, साथ ही कंद का आवरण नरम होके हल्का पीला और पतला हो जाता है।

कैल्शियम: फसल में वृद्धि एवं भंडारण गुणवत्ता के लिए कैल्शियम एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। इसके कमी से नई पत्तिया बिना पीली पड़े अचानक से सुखने लगती है साथ ही पत्तियाँ बहुत संकरी हो जाती है।

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आज से अगले दो दिनों तक कई राज्यों में होगी बारिश, पहाड़ों पर फिर बर्फबारी

know the weather forecast,

आज राजस्थान के कई जिलों में बारिश होगी। 4 फरवरी को पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के अधिकांश इलाकों में अच्छी बारिश के साथ कहीं-कहीं ओले गिरने की भी संभावना है। आज से 5 फरवरी तक पहाड़ों पर फिर बर्फबारी होगी, कुछ जगह भारी बर्फबारी का भी अंदेशा है। अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में स्नोफॉल होगा। उत्तर पूर्वी राज्यों में हल्की बारिश होगी। गंगिय पश्चिम बंगाल उड़ीसा तथा उत्तरी आंध्र प्रदेश सहित दक्षिणी तमिलनाडु और केरल में भी हल्की बारिश हो सकती है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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केंद्रीय बजट 2024 में कृषि क्षेत्र के लिए क्या हुए ऐलान?

Union Budget 2024

कृषि मूल्य श्रृंखलाओं को सशक्त बनाना

प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना किसानों की आय बढ़ाती है, 38 लाख किसानों को सहायता करती है और 10 लाख नौकरियां पैदा करती है। सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को ऋण सहायता मिलती है।

बीमाकृत फसलें, सशक्त किसान

पीएम फसल बीमा योजना 4 करोड़ किसानों की फसलों को सुरक्षित करती है, पैदावार बढ़ाती है और 1361 मंडियों को 3 लाख करोड़ के व्यापार की मात्रा प्रदान करती है।

फसल के बाद विकास को बढ़ावा देना

फसल के बाद की गतिविधियों में निवेश को बढ़ावा देना – त्वरित विकास के लिए आधुनिक भंडारण, कुशल आपूर्ति श्रृंखला, प्रसंस्करण और विपणन।

भविष्य के लिए नवीन खेती

कृषि जलवायु क्षेत्रों में नैनो डीएपी के उपयोग का विस्तार। आत्मनिर्भर तेल बीज अभियान का लक्ष्य आत्मनिर्भरता, अनुसंधान, आधुनिक खेती, बाजार जुड़ाव, मूल्य संवर्धन और फसल बीमा शामिल करना है।

डेयरी क्षेत्र का विकास

डेयरी किसानों के लिए व्यापक समर्थन, रोग नियंत्रण और उत्पादकता वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करना। राष्ट्रीय गोकुल मिशन और राष्ट्रीय पशुधन मिशन जैसी सफलताओं पर निर्माण।

मत्स्य पालन व्यवसाय को पुनर्जीवित करना

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का लक्ष्य जलीय कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देना, निर्यात को दोगुना करना और 55 लाख रोजगार के अवसर पैदा करना है। पांच एकीकृत एक्वा पार्क की योजना है।

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मध्य प्रदेश के मंडियों में क्या चल रहे हैं सरसों के भाव?

Mustard mandi bhaw

सरसों के मंडी भाव में तेजी देखने को मिल रही है। देखिये मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सरसों के भाव!

मध्य प्रदेश की मंडियों में सरसों के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
सीहोर आष्टा सरसों(काला) 3601 5991
सीहोर आष्टा सरसों 3599 4011
दमोह दमोह सरसों(काला) 4340 4700
भिंड गोहाद सरसों(काला) 4900 5005
जबलपुर जबलपुर सरसों(काला) 4650 4890
रतलाम जावरा सरसों 3700 4900
राजगढ़ जीरापुर सरसों(काला) 3755 4920
मुरैना कैलारस सरसों(काला) 4951 4962
कटनी कटनी सरसों(काला) 4599 5050
देवास खातेगांव सरसों(काला) 3400 3770
हरदा खिरकिया सरसों(काला) 3000 3600
मन्दसौर मन्दसौर सरसों 3501 4830
शिवपुरी पोहरी सरसों(काला) 4090 5270
मुरैना सबलगढ़ सरसों(काला) 4500 5120
सागर सागर सरसों(काला) 4400 5330
शाजापुर साजापुर सरसों 3940 3940
राजगढ़ सारंगपुर सरसों 3151 4307
सतना सतना सरसों(काला) 4525 4775
सीहोर सीहोर सरसों(काला) 3651 3651
मन्दसौर सीतामऊ सरसों 3600 4450
विदिशा विदिशा सरसों(काला) 4688 4900

स्रोत: एगमार्कनेट

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धनिया की फसल में लौंगिया रोग के लक्षण एवं नियंत्रण के उपाय

Symptoms and control measure of stem gall disease in coriander

धनिया एक बहु उपयोगी मसाले वाली फसल है। धनिया के पत्ते एवं बीज दोनों उपयोगी होते हैं। इसकी फसल में लौंगिया रोग बहुत ही हानिकारक होता है, यह रोग प्रोटोमाइसीज मैक्रोस्पोरस नामक फफूंद से होता है।  

लौंगिया रोग के लक्षण: इस रोग से प्रभावित पौधों की पत्तियों और तनों पर फोड़े दिखाई देते हैं। फूल लगने के पहले ही इसके रोग-जनक फफूंद नरम एवं मुलायम शाखाओं पर आक्रमण कर उनका शीर्ष भाग मोड़ देते हैं और संक्रमित भाग सूज जाता है। साथ ही जमीन के निकट तने पर छोटी-छोटी ट्यूमर जैसी सूजन दिखने लगती है। शुरुआत में यह चमकदार दिखती है लेकिन बाद में फूटती है और कठोर हो जाती है। इसके बढ़ते संक्रमण में ये पिटिकाएँ (सूजन) तने के ऊपरी भाग पर भी बनती है। जब आक्रमण पुष्पक्रम में होता हैं तो बीज निर्माण काफी कम हो जाता है। 

नियंत्रण: लौंगिया रोग को कम करने के लिए इष्टतम नमी बनाए रखें, रोग ग्रस्त फसल अवशेष को जलाकर नष्ट करें। बुवाई करने से पहले बीज बाविस्टिन (कार्बेंडाजिम 50% डब्लूपी) @ 2 ग्राम/किग्रा. बीज दर से उपचारित करके बुवाई करें। यदि इसके लक्षण खड़ी फसल में दिखाई दे तो नोवाकोन (हेक्सकोनाज़ोल 5% एससी)@ 400 मिली/एकड़ साथ ही मोनास कर्ब (स्यूडोमोनास फ्लोरेसेंस)@ 250 ग्राम/एकड़ की दर से 150 से 200 लीटर पानी में छिड़काव करें।

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