तरबूज की फसल में गमी तना झुलसा के लक्षण एवं नियंत्रण के उपाय

Gummy stem blight symptoms and control in watermelon crop Symptoms

तरबूज की खेती के दौरान इसके पूरे फसल चक्र में कई प्रकार के रोगों का प्रकोप देखने को मिलता है। इन रोगों की रोकथाम कर के तरबूज की अच्छी उपज की प्राप्ति की जा सकती है। तरबूज की फसल का एक प्रमुख रोग है गमी तना झुलसा और इस लेख में हम जानेंगे इसी रोग से संबंधित जानकारी एवं रोकथाम के उपाय।

लक्षण: तरबूज की फसल में गमी तना झुलसा गंभीर पर्णीय बीमारियों में से एक है। इस रोग में तने और पत्तियों पर भूरे धब्बे बन जाते हैं और यह धब्बे पीले ऊतकों से घेरे होते हैं। साथ ही तने में यह घाव बढ़कर गलन का निर्माण करता है और इससे चिपचिपे, भूरे रंग के द्रव का स्रावण होता है। इस रोग में फल शायद ही कभी प्रभावित होते हैं, लेकिन पर्णसमूह के नुकसान से उपज और फलों की गुणवत्ता भी प्रभावित हो सकती है।

नियंत्रण: गमी तना झुलसा से बचने के लिए रोग रहित बीज का उपयोग करें, साथ ही सभी कद्दू वर्गीय फसलों से 2 वर्ष का फसल चक्र रखें। इसके अलावा रोग के लक्षण दिखाई देने पर रासायनिक नियंत्रण के लिए, फफूंदनाशक जैसे जटायु (क्लोरोथॅलोनिल 75% डब्लूपी) 400 ग्राम प्रति एकड़ या एम 45 (मैंकोज़ेब 75% डब्लूपी) 600-800 ग्राम प्रति एकड़ 150 से 200 लीटर पानी के दर से छिड़काव करें। इसके जैविक नियंत्रण के लिए, मोनास कर्ब (स्यूडोमोनास फ्लोरोसेन्स) 500 ग्राम/एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें। 

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किसान रहें सावधान, कई राज्यों बारिश से होगा फसलों को नुकसान

know the weather forecast,

मध्य और पूर्वी भारत में बारिश के साथ बादलों की गरज चमक और तेज हवाएं शुरू हो गई हैं। यह प्री मानसून बारिश की गतिविधियां अगले हफ़्ते पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश होते हुए मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत तक पहुंचेंगी। कई राज्यों में बारिश के साथ तेज हवाएं और एक दो स्थानों पर ओलावृष्टि फसलों को नुकसान पहुंचा सकती है। 13 अप्रैल से बारिश की गतिविधियां काफी बढ़ जाएगी।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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क्यों ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती किसानों के लिए है फायदेमंद?

Know the benefits of growing summer moong

रबी की फसलों की कटाई के बाद खरीफ सीजन आने तक खेत खाली रह जाता है। पर किसान भाई चाहें तो रबी तथा खरीफ के बीच वाले समय जिसे जायद कहते हैं, का सही इस्तेमाल कर के बढ़िया लाभ प्राप्त कर सकते हैं। जायद सीजन में खेती के लिए सबसे अच्छा चुनाव अगर कोई हो सकता है तो वो है मूंग की फसल का जो कम अवधि की फसल है और अच्छा मुनाफ़ा दे सकती है। इसकी खेती के फायदेमंद होने के मुख्य कारण निम्न हैं। 

  • इसकी खेती खरपतवारों को नियंत्रित करती है और गर्मियों में हवा के कटाव को रोकती है।

  • फसल पर कीट एवं रोगों का आक्रमण बहुत कम होता है। 

  • फसल/किस्में परिपक्व होने में कम समय लेती हैं (60-65 दिन)

  • इसकी खेती से राइजोबियम फिक्सेशन के माध्यम से कम से कम 30-50 किग्रा उपलब्ध नाइट्रोजन/हेक्टेयर जुड़ जाता है जिसे अगली खरीफ मौसम की फसल में उर्वरकों को देते समय समायोजित किया जा सकता है।

  • इसकी खेती से फसल की सघनता बढ़ जाती है।

  • आलू, गेहूँ और सर्दियों के मौसम की मक्का जैसी भारी उर्वरक माँग वाली फसलों के बाद उगाए जाने पर यह मिट्टी की अवशिष्ट उर्वरता का उपयोग करती है।

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महाराष्ट्र, एमपी सहित पूर्वी भारत में बारिश और ओले गिरने के आसार

know the weather forecast,

अगले 24 घंटे के दौरान मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल सहित महाराष्ट्र और तेलंगाना में बारिश शुरू हो जाएगी कहीं-कहीं ओलावृष्टि भी होगी तेज हवाएं भी चल सकती हैं। धीरे-धीरे यह बारिश की गतिविधियां विकराल रूप ले लेंगे तथा दक्षिण भारत सहित राजस्थान और उत्तर भारत को भी प्रभावित करने लगेंगे।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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महिलाओं को मिलेंगे दो लाख रुपये, कम ब्याज दर पर मिलेगा लोन

Swarnima Loan Scheme

देश की महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से सरकार कई प्रकार की योजनाएं चलाती है। इसी कड़ी में स्वर्णिमा लोन योजना की शुरुआत सरकार द्वारा की गई है। इस योजना के माध्यम से सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना चाहती है। इस योजना से पिछड़े वर्ग से आने वाली आर्थिक रूप से कमजोर महिलाएं खुद का काम शुरू कर सकती हैं। खुद का काम शुरू करने के लिए “स्वर्णिमा लोन योजना” के माध्यम से कम ब्याज दर पर लोन मिल जाता है।

बता दें कि यह योजना राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम ने शुरू की है। इसमें पात्र महिलाओं को कम ब्याज दर पर दो लाख रुपये तक का ऋण मिलता है। अपना बिजनेस शुरू करने के अलावा महिलाएं इस लोन का लाभ शिक्षा, आवास और स्वास्थ्य सुविधा के लिए भी ले सकते हैं। इसका लाभ अधिसूचित पिछड़ा वर्ग की वैसी महिलाएं उठा सकती हैं जिसकी वार्षिक पारिवारिक आमदनो तीन लाख रुपये से कम है। योजना से संबंधित ज्यादा जानकारी के लिए आप सरकार के द्वारा जारी टोल फ्री नंबर 18001023399 पर संपर्क कर सकते हैं।

स्रोत: कृषि जागरण

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मध्य प्रदेश की प्रमुख मंडियों में गेहूँ भाव में दिखी कितनी तेजी?

wheat mandi bhaw

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं गेहूँ के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में गेहूँ के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
रतलाम अलोट स्थानीय 2292 2640
शाजापुर आगर स्थानीय 2196 2778
शाजापुर अकोदिया स्थानीय 2200 2450
आलीराजपुर आलीराजपुर लोकवन 2125 2125
आलीराजपुर आलीराजपुर स्थानीय 2400 2400
छिंदवाड़ा अमरवाड़ा मिल गुणवत्ता 2350 2350
मुरैना अम्बाहा स्थानीय 2250 2250
गुना एरन स्थानीय 2375 2402
अशोकनगर अशोकनगर शरबती 2560 4116
अशोकनगर अशोकनगर स्थानीय 2390 2850
अशोकनगर अशोकनगर अन्य 2210 3705
सीहोर आष्टा स्थानीय 2560 2995
होशंगाबाद बाबई मिल गुणवत्ता 2240 2260
छतरपुर बड़ामलहेड़ा मिल गुणवत्ता 2275 2291
उज्जैन बड़नगर लोकवन 2526 2542
उज्जैन बड़नगर मिल गुणवत्ता 2400 2420
उज्जैन बड़नगर स्थानीय 2399 2533
धार बदनावर स्थानीय 2110 2650
खरगोन बड़वाह स्थानीय 2175 2175
रीवा बैकुंठपुर मिल गुणवत्ता 2200 2210
सागर बामोरा मिल गुणवत्ता 2200 2200
होशंगाबाद बानापुरा मिल गुणवत्ता 2368 2368
होशंगाबाद बानापुरा स्थानीय 2200 2373
भोपाल बैरसिया मिल गुणवत्ता 2280 2290
भोपाल बैरसिया स्थानीय 2400 2510
बेतुल बेतुल मिल गुणवत्ता 2370 2370
भोपाल भोपाल लोकवन 2200 2200
भोपाल भोपाल मिल गुणवत्ता 2421 2457
भोपाल भोपाल शरबती 3605 3605
भोपाल भोपाल स्थानीय 2253 2509
राजगढ़ ब्यावरा मिल गुणवत्ता 2270 2340
राजगढ़ ब्यावरा स्थानीय 2145 2520
छतरपुर बिजावर मिल गुणवत्ता 2160 2160
सागर बीना शरबती 2151 2450
छिंदवाड़ा चौरई मिल गुणवत्ता 2100 2100
छतरपुर छतरपुर मिल गुणवत्ता 2225 2270
छतरपुर छतरपुर स्थानीय 2200 2200
छिंदवाड़ा छिंदवाड़ा मिल गुणवत्ता 2220 2220
सिवनी छपारा मिल गुणवत्ता 2060 2075
सिवनी छपारा स्थानीय 2250 2276
ग्वालियर डबरा स्थानीय 2290 2460
मन्दसौर दलौदा अन्य 2441 2561
दमोह दमोह मिल गुणवत्ता 2150 2180
दतिया दतिया लोकवन 2280 2320
दतिया दतिया मिल गुणवत्ता 2290 2325
दतिया दतिया स्थानीय 2300 2311
सागर देवरी मिल गुणवत्ता 2269 2282
देवास देवास स्थानीय 1900 2690
धार धामनोद मिल गुणवत्ता 2100 2100
धार धार लोकवन 52 2682
धार धार मिल गुणवत्ता 2026 2884
धार धार स्थानीय 2404 2404
नरसिंहपुर गाडरवाड़ा स्थानीय 2200 2200
विदिशा गंज बासौदा मिल गुणवत्ता 2230 3500
विदिशा गंज बासौदा शरबती 2770 4110
इंदौर गौतमपुरा स्थानीय 2200 2460
भिंड गोहाद मिल गुणवत्ता 2305 2305
विदिशा गुलाबगंज स्थानीय 2359 2379
गुना गुना स्थानीय 2605 2880
देवास हाटपिपलिया स्थानीय 2100 2150
रीवा हनुमना मिल गुणवत्ता 2280 2300
हरदा हरदा मिल गुणवत्ता 1900 2630
खंडवा हरसूद मिल गुणवत्ता 1500 2276
खंडवा हरसूद स्थानीय 2200 2268
दमोह हठ मिल गुणवत्ता 2160 2160
इंदौर इंदौर मिल गुणवत्ता 2182 3290
इंदौर इंदौर स्थानीय 2281 2755
इंदौर इंदौर (F&V) स्थानीय 2244 2523
इंदौर इंदौर (F&V) अन्य 2322 2322
होशंगाबाद इटारसी मिल गुणवत्ता 2210 2381
होशंगाबाद इटारसी स्थानीय 2112 2415
जबलपुर जबलपुर स्थानीय 1810 2215
रतलाम जावरा स्थानीय 2340 3025
टीकमगढ़ जतारा स्थानीय 2275 2280
नीमच जावद लोकवन 2410 2410
सीहोर जावर मिल गुणवत्ता 2200 2210
सीहोर जावर स्थानीय 2200 2240
झाबुआ झाबुआ स्थानीय 2212 2400
आलीराजपुर जोबट मिल गुणवत्ता 2300 2300
आलीराजपुर जोबट स्थानीय 2280 2290
देवास कन्नोड स्थानीय 2135 2304
शिवपुरी करेरा मिल गुणवत्ता 2250 2250
शिवपुरी करेरा अन्य 2135 2160
खरगोन कसरावद मिल गुणवत्ता 2256 2520
कटनी कटनी मिल गुणवत्ता 2160 2230
कटनी कटनी स्थानीय 2280 2280
सिवनी केवलारी स्थानीय 2110 2130
खंडवा खंडवा मिल गुणवत्ता 1500 2731
शिवपुरी खनियाधाना मिल गुणवत्ता 2275 2285
टीकमगढ़ खरगापुर मिल गुणवत्ता 2190 2277
खरगोन खरगोन लोकवन 2450 2460
खरगोन खरगोन मिल गुणवत्ता 2176 2200
खरगोन खरगोन स्थानीय 2275 2590
देवास खातेगांव लोकवन 2280 2335
देवास खातेगांव मिल गुणवत्ता 2187 2450
देवास खातेगांव स्थानीय 1900 2406
देवास खातेगांव गेहूँ-जैविक 2343 2343
राजगढ़ खिलचीपुर स्थानीय 2292 2312
सागर खुरई शरबती 3000 3000
सागर खुरई स्थानीय 2425 2691
शिवपुरी कोलारस स्थानीय 2260 2350
धार कुक्षी लोकवन 2350 2550
धार कुक्षी स्थानीय 2300 2640
राजगढ़ कुरावर स्थानीय 2065 4520
सिवनी लखनादौन मिल गुणवत्ता 2000 2050
सिवनी लखनादौन स्थानीय 2200 2200
ग्वालियर लश्कर स्थानीय 2235 2250
विदिशा लटेरी मिल गुणवत्ता 2250 2250
उज्जैन महिदपुर स्थानीय 2287 2312
गुना मकसूदनगढ़ स्थानीय 2300 2300
सागर मालथोन मिल गुणवत्ता 2200 2210
मन्दसौर मन्दसौर मिल गुणवत्ता 2423 2428
मन्दसौर मन्दसौर स्थानीय 2300 2676
मन्दसौर मन्दसौर अन्य 2421 2432
सतना मेहर स्थानीय 2100 2150
उज्जैन नागदा मिल गुणवत्ता 2407 2407
मंडला नैनपुर स्थानीय 2100 2200
राजगढ़ नरसिंहगढ़ मिल गुणवत्ता 2305 2400
नरसिंहपुर नरसिंहपुर मिल गुणवत्ता 2211 2328
छतरपुर नौगांव स्थानीय 2275 2285
नीमच नीमच मिल गुणवत्ता 2681 2681
नीमच नीमच स्थानीय 2326 3110
टीकमगढ़ निवाड़ी स्थानीय 2235 2245
रायसेन ओबेदुल्लागंज मिल गुणवत्ता 2100 2150
रायसेन ओबेदुल्लागंज स्थानीय 2150 2410
जबलपुर पाटन मिल गुणवत्ता 2130 2335
राजगढ़ पचौर स्थानीय 2250 2597
सिवनी पलारी मिल गुणवत्ता 2200 2200
सिवनी पलारी स्थानीय 2200 2225
टीकमगढ़ पलेरा मिल गुणवत्ता 2200 2290
खंडवा पंधाना स्थानीय 2099 2291
छिंदवाड़ा पंधुरना स्थानीय 2200 2205
दमोह पथरिया मिल गुणवत्ता 2163 2163
दमोह पथरिया स्थानीय 2075 2287
पन्ना पवई मिल गुणवत्ता 2250 2250
झाबुआ पेटलावद लोकवन 2215 2675
झाबुआ पेटलावद स्थानीय 2160 2600
शिवपुरी पिछौर मिल गुणवत्ता 2255 2260
शिवपुरी पिछौर स्थानीय 2215 2215
होशंगाबाद पिपरिया मिल गुणवत्ता 2250 2302
मन्दसौर पिपल्या स्थानीय 2576 2576
शिवपुरी पोहरी मिल गुणवत्ता 2250 2250
टीकमगढ़ पृथ्वीपुर अन्य 2210 2213
सागर राहतगढ़ मिल गुणवत्ता 2305 2310
रायसेन रायसेन शरबती 2700 2700
धार राजगढ़ लोकवन 2500 2500
धार राजगढ़ स्थानीय 2050 2490
छतरपुर राजनगर मिल गुणवत्ता 2195 2250
रतलाम रतलाम लोकवन 2285 3035
रीवा रीवा स्थानीय 2200 2200
सागर सागर मिल गुणवत्ता 2025 3940
सागर सागर स्थानीय 2300 2431
रतलाम सैलाना स्थानीय 2340 2700
इंदौर सांवेर स्थानीय 2200 2378
सतना सतना मिल गुणवत्ता 2200 2200
सतना सतना स्थानीय 2159 2200
खरगोन सेगांव स्थानीय 2513 2578
जबलपुर सीहोरा मिल गुणवत्ता 2000 2260
सीहोर सीहोर लोकवन 2356 2471
सीहोर सीहोर मिल गुणवत्ता 2137 2464
सीहोर सीहोर शरबती 2252 2468
सीहोर सीहोर स्थानीय 2195 2245
सीहोर सीहोर अन्य 2428 3745
बड़वानी सेंधवा लोकवन 2400 2400
बड़वानी सेंधवा स्थानीय 2210 2735
सिवनी सिवनी मिल गुणवत्ता 2200 2250
अशोकनगर शाडोरा मिल गुणवत्ता 2367 2379
अशोकनगर शाडोरा स्थानीय 2409 2409
अशोकनगर शाडोरा अन्य 2472 2478
सागर शाहगढ़ मिल गुणवत्ता 2000 2276
सागर शाहगढ़ स्थानीय 2215 2215
शाहडोल शाहडोल मिल गुणवत्ता 2300 2300
जबलपुर शाहपुरा भिटोनी मिल गुणवत्ता 2270 2290
मन्दसौर शामगढ़ लोकवन 2175 2500
मन्दसौर शामगढ़ मिल गुणवत्ता 2301 2375
मन्दसौर शामगढ़ स्थानीय 2450 2450
श्योपुर श्योपुरकलां स्थानीय 2210 2325
शिवपुरी शिवपुरी स्थानीय 2300 2300
शाजापुर शुजालपुर मिल गुणवत्ता 2341 2520
शाजापुर शुजालपुर स्थानीय 2221 2420
सीहोर श्यामपुर मिल गुणवत्ता 2225 2330
रायसेन सिलवानी स्थानीय 2255 2255
पन्ना सिमरिया मिल गुणवत्ता 2200 2210
पन्ना सिमरिया स्थानीय 2000 2150
विदिशा सिरोंज स्थानीय 2250 2450
देवास सोनकच स्थानीय 2002 2431
रतलाम ताल स्थानीय 2360 2800
उज्जैन तराना स्थानीय 2230 2926
झाबुआ थांदला मिल गुणवत्ता 2400 2400
हरदा टिमरनी स्थानीय 2176 2549
रायसेन उदयपुरा मिल गुणवत्ता 2321 2321
उज्जैन उज्जैन स्थानीय 2270 3090
उमरिया उमरिया मिल गुणवत्ता 2150 2150
उमरिया उमरिया स्थानीय 2200 2200

स्रोत: एगमार्कनेट

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धनिया की खेती से कम समय में मिल जायेगी जबरदस्त उपज और होगी खूब कमाई

Coriander cultivation will give tremendous yield in less time and earn a lot
  • धनिया की फसल के लिए शुष्क व ठंडा मौसम अच्छा होता है। इसके बीजों के अंकुरण के लिए 25 से 26 से.ग्रे. तापमान अच्छा होता है।

  • धनिया की सिंचित फसल के लिए अच्छी जल निकास वाली दोमट मिट्टी सबसे अधिक उपयुक्त होती है और असिंचित फसल के लिए काली भारी भूमि अच्छी होती है। धनिया क्षारीय एवं लवणीय भूमि को सहन नही करता है।

  • सिंचित क्षेत्र में अगर, जुताई के समय भूमि में पर्याप्त नमी न हो तो भूमि की तैयारी सिंचाई करने के उपरांत करनी चाहिए। इससे जमीन में जुताई के समय ढेले भी नही बनेंगे तथा खरपतवार के बीज अंकुरित होने के बाद जुताई के समय नष्ट हो जाएंगे।

  • धनिया की उन्नत किस्में  जैसे फाऊजा, सुरभी, रौनक-31 की खेती कर सकते हैं। बोने के समय की बात करें तो हरे पत्तों की उपज के लिये अप्रैल – मई माह में इसकी बिजाई कर सकते हैं।

  • सिंचित फसल में 15-20 किग्रा/हे तथा असिंचित फसल में 25-30 किग्रा/हे बीज की आवश्यकता होती है।

  • भूमि एवं बीज जनित रोगों से बचाव के लिए बीज को करमानोवा (कार्बेंन्डाजिम + मेंकोजेब) 2.5 ग्रा./कि.ग्रा. से उपचारित करें। धनिया की अच्छी पैदावार लेने के लिए गोबर खाद 20 टन/हे का भुरकाव करें। सिंचित फसल 60 किग्रा नत्रजन, 40 किग्रा फॉस्फोरस, 20 किग्रा पोटाश तथा 20 किग्रा सल्फर प्रति हेक्टेयर की दर से उर्वरक का उपयोग करें।

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अगले हफ़्ते पूरे देश में बारिश के आसार, गर्मी से मिलेगी राहत

know the weather forecast,

दिल्ली एनसीआर सहित दक्षिणी हरियाणा, राजस्थान तथा मध्य प्रदेश में बादल छाए हुए हैं। यहां एक दो स्थानों पर हल्की बारिश या मेघ गर्जन होने की संभावना है। 7 अप्रैल से विदर्भ, मराठवाड़ा, छत्तीसगढ़, पूर्वी मध्य प्रदेश सहित उड़ीसा और तेलंगाना में बारिश शुरू होगी जो 13 या 14 अप्रैल तक पूरे देश को प्रभावित करना शुरू कर देगी।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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मध्य प्रदेश के मंडियों में क्या चल रहे हैं सरसों के भाव?

Mustard mandi bhaw

सरसों के मंडी भाव में तेजी देखने को मिल रही है। देखिये मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सरसों के भाव!

मध्य प्रदेश की मंडियों में सरसों के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
शाजापुर आगर सरसों 4300 4832
अशोकनगर अशोकनगर सरसों 4625 4901
शिवपुरी बदरवास सरसों 4960 4965
शिवपुरी बराड़ सरसों 4790 5031
भिंड भिंड सरसों 4950 4950
ग्वालियर भितरवार सरसों 4855 4880
सागर बीना सरसों 4790 4901
ग्वालियर डबरा सरसों 4700 5000
दतिया दतिया सरसों 4680 4720
हरदा हरदा सरसों 4001 5401
सागर खुरई सरसों 4300 4801
शिवपुरी कोलारस सरसों 4150 4350
ग्वालियर लश्कर सरसों 4900 5075
सतना मेहर सरसों 4550 4610
भिंड मेहगांव सरसों 4850 4975
अशोकनगर मुंगावली सरसों 4570 4735
सागर सागर सरसों 4475 5125
सागर सागर सरसों-जैविक 4500 4915
सतना सतना सरसों 4975 6000
श्योपुर श्योपुरकलां सरसों 4890 4890
शिवपुरी शिवपुरी सरसों 4610 4610
शाजापुर सुसनेर सरसों 4700 4700
हरदा टिमरनी सरसों 4399 4399

स्रोत: एगमार्कनेट

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कद्दूवर्गीय सब्जियों की फसल के प्रमुख कीट एवं नियंत्रण के उपाय

Major pests and control measures of cucurbitaceous crops

लालभृंग: यह चमकीले लाल रंग का कीट है जो पत्तियों को विशेषकर शुरूआती अवस्था में खा कर छलनी जैसा बना देता है। ग्रसित पत्तियाँ फट जाती हैं तथा पौधों की बढ़वार रूक जाती हैं।

नियंत्रण:  रासायनिक नियंत्रण के लिए मारक्विट (बायफैनथ्रिन 10% EC) 2 मिली + सिलिकोमैक्स गोल्ड 0.5 मिली मात्रा प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। जैविक नियंत्रण के लिए बवेरिया वेसियाना 2 ग्राम/लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

लीफ माइनर: इस कीट की इल्ली पत्तियों के अंदर सुरंग बना कर हरितलवक को खाती हैं। इसके प्रभाव से पत्तियों पर सफ़ेद धारियां बन जाती हैं। यह मुख्य रूप से टमाटर, गिलकी, ककड़ी एवं समस्त कद्दू वर्गीय फसलों को नुकसान पहुँचाती है। 

नियंत्रण: इसके नियंत्रण के लिए नीमगोल्ड (एजाडिरेक्टिन 0.3%) 3000 पीपीएम 150 मिली, या  बेनेविया (सायट्रानिलिप्रोएल 10.26% ओडी ) 20-25 मिली +  सिलिकोमैक्स गोल्ड 5 मिली प्रति 15 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें। 

फलमक्खी: इस कीट के मैगट छोटे फलों को अधिक नुकसान पहुंचाते हैं। इसकी इल्ली फल को अंदर से नुकसान पहुंचती है। इससे फल पकने से पहले ही गिर जाते हैं। इल्ली का आक्रमण होने से फलों में से भूरे रंग का चिपचिपा द्रव बहता है और फल का आकार बिगड़ जाता है। फल मक्खी अंडे देने के लिए फलों में छेद करती हैं। जिससे फलों में छेद नजर आने लगते हैं। प्रभावित फलों का आकार टेढ़ा हो जाता है। कीट का प्रकोप बढ़ने पर फल सड़ने लगते हैं। 

नियंत्रण: इसके मैगट पर सीधा नियंत्रण संभव नहीं है परंतु वयस्क नर मक्खियों की संख्या पर नियंत्रण करके इनके प्रकोप को कम किया जा सकता है। खेत में पौधों की रोपाई से पहले खेत की गहरी जुताई करें। इससे मिट्टी में पहले से मौजूद प्यूपा नष्ट हो जाएंगे। कीट को आकर्षित करने के लिए प्रति एकड़ खेत में 10 से 12 फेरोमोन ट्रैप लगाएं और इसके ल्यूर को 15 -20 दिन के अंतराल से बदलें। ल्यूर से नर कीट आकर्षित हो कर फंस जाते हैं। इससे फल मक्खियों की वृद्धि को नियंत्रित किया जा सकता है। प्रभावित फलों को तोड़ कर नष्ट कर दें। साथ ही रासायनिक नियंत्रण के लिए डेसिस (डेल्टामैथ्रिन 100 EC) 1 मिली प्रति लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें या सेलक्विन (क्विनलफॉस 25% EC) 2 मिली प्रति लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

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