अधिकांश क्षेत्रों में मौसम रहेगा शुष्क, गर्मी बढ़ने के आसार

know the weather forecast,

देश के अधिकांश भागों का मौसम शुष्क रहेगा पहाड़ों पर हल्की बारिश तथा उत्तर पूर्वी भारत में भी हल्की बारिश होगी। 27 मार्च को एक बार फिर उत्तर भारत में बादल छा सकते हैं परंतु बारिश की संभावना बहुत कम है। तापमान अब धीरे-धीरे बढ़ेंगे तथा गर्मी तेज हो जाएगी।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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लहसुन की फसल को भंडारण के समय ब्लैक मोल्ड से कैसे बचाएं?

Know how to protect garlic crop from black mold during storage

लहसुन की फसल कटाई के बाद भंडारण के समय ब्लैक मोल्ड रोग का खतरा बढ़ जाता है। जहां भी प्याज और लहसुन का भंडारण किया जाता है वहा ये रोग लगना सामान्य होता है। 

लक्षण: लहसुन के पकने की अवस्था में ब्लैक मोल्ड आमतौर पर देखा जाता है। इस रोग के लक्षण लहसुन की कलियों के बीच और गांठों पर काले पाउडर के रूप में दिखाई देते हैं। इससे बाजार में लहसुन की कीमत कम होने लगती है, साथ ही प्रभवित गांठों का भंडारण ज्यादा समय तक नहीं रख जा सकता है। 

रोकथाम के उपाय:

  • लहसुन के भंडारण से पहले कंदों को अच्छी तरह सूखाकर साफ करें।

  • भंडारण में अच्छी तरह से पके, ठोस और स्वस्थ कंदों को ही रखें। 

  • भंडारण की जगह को नमी रहित और हवादार होना जरूरी होता है। 

  • भंडारण करने वाली जगह में कंदों का ढेर नहीं लगाना चाहिए।

  • कंदों को पत्तियों से गुच्छों में बांध कर रस्सियों पर लटका दें या फिर बांस की टोकरियों में भरकर रखें।

  • समय-समय पर सड़े-गले कंदों को निकालते रहना चाहिए।

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कई राज्यों में छाए रहेंगे बादल, कहीं-कहीं हो सकती है बारिश

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पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान सहित मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में बादल छाए हुए हैं। यहां एक दो स्थानों पर हल्की बारिश की संभावना दिखाई दे रही है परंतु बारिश इतनी ज्यादा नहीं होगी की फसलों को नुकसान पहुंचे। पहाड़ों पर 26 मार्च और 28 मार्च को फिर से वेस्टर्न डिस्टरबेंस दस्तक देंगे और पहाड़ों पर बारिश व बर्फबारी जारी रहेगी। 25 मार्च को होली के दिन उत्तर भारत का मौसम साफ हो जाएगा परंतु 26 मार्च को फिर कहीं-कहीं बारिश हो सकती है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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फसल की कटाई के बाद ऐसे करें फसल अवशेष का प्रबंधन

How to manage crop residue after harvest

फसलों की कटाई के बाद खेत में बचे फसल अवशेषों को जलाने की जगह रोटावेटर की सहायता से जुताई करें और एक पानी लगाए। इससे फसल अवशेष मिट्टी में मिल जाते हैं। इससे भूमि की उर्वरा शक्ति बढऩे के साथ ही अनेक लाभ मिलते है। 

फसल अवशेषों को खेत में मिला देने से होने वाले लाभ

  • किसान फसल अवशेषों को रोटावेटर की सहायता से खेत में मिला कर जैविक खेती का लाभ ले सकते हैं।

  • फसल अवशेषों को खेत में ही मिला देने से जैव विविधता बनी रहती है। जमीन में मौजूद मित्र कीट शत्रु  कीटों को खा कर नष्ट कर देते हैं।

  • इससे जमीन में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा बढ़ जाती है, फलस्वरूप फसल उत्पादन ज्यादा होता है।

  • दलहनी फसलों के अवशेषों को जमीन में मिलाने से मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे अगली फसल का भी उत्पादन भी बढ़ता है।

  • किसानों द्वारा फसल अवशेष जलाने के बजाय भूसा बना कर रखने पर जहां एक ओर उनके पशुओं के लिए चारा मौजूद होगा, वहीं अतिरिक्त भूसे को बेच कर वे आमदनी भी बढ़ा सकते हैं।

फसल अवशेषों का कैसे करें प्रबंधन

  • फसल अवशेषों को पशु चारा अथवा औद्योगिक प्रबंधन के लिए एकत्रित किया जा सकता है।

  • धान की पराली को यूरिया/कैल्शियम हाइड्रोक्सॉइड से उपचार करके इसका उपयोग पशु चारे के लिए किया जा सकता है।

  • खेत में स्ट्रा बेलन मशीन की मदद से फसल अवशेषों के ब्लॉक बनाकर कम जगह में भंडारित करके, पशु चारा के रूप में प्रयोग किया जा सकता है।

  • गेहूँ के फनो पर रीपर मशीन को चलाकर भूसा बनाया जा सकता है।

  • फसल अवशेषों का उपयोग मशरूम की खेती करने में भी मदतगार होता है। 

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मूंग किसानों के लिए खुशखबरी, सरकार दे रही 50 प्रतिशत की सब्सिडी

रबी मौसम की फसलों की कटाई के बाद खरीफ सीजन आने तक खेत खाली रह जाता है। पर किसान भाई चाहें तो रबी तथा खरीफ के बीच वाले समय जिसे जायद कहते हैं, का सही इस्तेमाल कर के बढ़िया लाभ प्राप्त कर सकते हैं। जायद सीजन में खेती के लिए सबसे अच्छा चुनाव अगर कोई हो सकता है तो वो है मूंग की फसल का जो कम अवधि की फसल है और अच्छा मुनाफ़ा दे सकती है। मूंग की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार की तरफ से सब्सिडी भी दी जाती है जिसका लाभ किसान उठा सकते हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार मूंग की खेती करने वाले अपने प्रदेश के किसानों को 50% सब्सिडी दे रही है। जो भी किसान इस बार खेतो में लगी रबी फसलों की कटाई के बाद मूंग की खेती करने की सोच रहे हैं, वे इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस योजना के माध्यम से किसान आधी कीमत पर मूंग के उन्नत बीज खरीद सकते हैं।

स्रोत: ट्रेक्टर जंक्शन

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लहसुन के भाव में तेजी जारी, उच्च भाव पहुंचे 18000 रुपये के करीब

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मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं लहसुन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में लहसुन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
रतलाम अलोट लहसुन 2300 4800
शाजापुर अकोदिया औसत 1470 10651
सीहोर आष्टा लहसुन 1500 6100
उज्जैन बड़नगर देसी 3650 9610
उज्जैन बड़नगर लहसुन 2500 8640
उज्जैन बड़नगर नया गोला 8810 8810
उज्जैन बड़नगर नया माध्यम 4000 4000
धार बदनावर औसत 2400 9900
धार बदनावर देसी 2500 10000
धार बदनावर लहसुन 1000 10350
धार बदनावर लहसुन-जैविक 2500 8000
भोपाल भोपाल लहसुन 1000 10600
मन्दसौर दलौदा लहसुन 2700 17200
सागर देवरी औसत 5000 5000
इंदौर गौतमपुरा लहसुन 1000 10315
इंदौर इंदौर लहसुन 500 11800
इंदौर इंदौर लहसुन-जैविक 500 4900
रतलाम जावरा औसत 6911 7230
रतलाम जावरा लहसुन 1000 17900
रतलाम जावरा चाइना 5001 8000
नीमच जावद लहसुन 2300 14402
शाजापुर कालापीपल लहसुन 1200 8445
नीमच मनसा लहसुन 1000 9300
मन्दसौर मन्दसौर लहसुन 1300 16101
राजगढ़ नरसिंहगढ़ लहसुन 2700 9500
नीमच नीमच औसत 2201 11200
नीमच नीमच लहसुन 4000 15800
मन्दसौर पिपल्या लहसुन 1900 13800
मन्दसौर पिपल्या लहसुन-जैविक 2000 10701
रतलाम रतलाम देसी 500 10300
रतलाम रतलाम लहसुन 1250 12500
रतलाम सैलाना औसत 3401 8700
रतलाम सैलाना लहसुन 2000 10703
शाजापुर साजापुर देसी 3893 6618
शाजापुर साजापुर लहसुन 4218 10000
राजगढ़ सारंगपुर औसत 3386 3517
सीहोर सीहोर लहसुन 1900 10500
मन्दसौर शामगढ़ लहसुन 2301 9612
शाजापुर शुजालपुर देसी 1000 11366
मन्दसौर सीतामऊ लहसुन 1520 8100
उज्जैन उज्जैन लहसुन 1000 8920

स्रोत: एगमार्कनेट

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नींबू वर्गीय फसलों के प्रमुख कीट व नियंत्रण के उपाय

Symptoms of major pests in citrus crop

साइट्रस सिल्ला: इस कीट के वयस्क और निम्फ दोनों ही अवस्था कलियों, पत्तियों, शाखाओं के कोमल भागों से रस चूसते हैं और उनमें विषैला पदार्थ को इंजेक्ट करते हैं। निम्फ सफ़ेद क्रिस्टलीय पदार्थ उत्सर्जित करते हैं, जिस पर काला धब्बेदार सांचा विकसित हो सकता है, जो पौधों के प्रकाश संश्लेषक क्षेत्र को कम करता है। अधिक संक्रमण में पत्तियां विकृत हो जाती हैं और ऊपर की ओर सिकुड़ जाती हैं। साथ ही यह कीट साइट्रस ग्रीनिंग रोग फ़ैलाने के लिए वेक्टर बनता है। 

प्रबंधन: इसके नियंत्रण के लिए संक्रमण दिखाई देते ही, थियानोवा 25 (थायोमिथाक्साम 25% डब्लू जी) @ 40 ग्राम प्रति एकड़ या मिडिया ( इमिडाक्लोप्रिड 17.80% एस एल) 20 मिली प्रति एकड़ के दर से छिड़काव करें।

साइट्रस लीफ माइनर: यह कीट नर्सरी और बगीचा दोनों में नुकसान पहुंचाता है। इसकी इल्लियां कोमल पत्तियों पर हमला करती हैं और पत्तियों पर सर्पीली रेखाएं बनाकर पत्तियों को खाती हैं। प्रभावित पत्तियां हलके पीले रंग की हो जाती हैं और विकृत होकर नीचे गिर जाती हैं। इस कीट के संक्रमण से साइट्रस कैंकर रोग के विकास को बढ़ावा मिलता है। 

प्रबंधन: इस कीट के नियंत्रण के लिए, पौधों की सभी प्रभावित भागों की छटाई की जानी चाहिए। संक्रमण बढ़ने पर मिडिया ( इमिडाक्लोप्रिड  17.80% एस एल) 20 मिली या प्रोफेनोवा सुपर (प्रोफेनोफोस 40% + सायपरमेथ्रिन 4% इसी) 2 मिली प्रति लीटर पानी के दर से छिड़काव करें।  

माहु: इस कीट के निम्फ और वयस्क स्वरूप कोमल पत्तियों एवं शखाओं से रस चूसते हैं। प्रभावित पत्ते पीले, रूखे और विकृत होकर सूख जाते हैं। पौधों की वृद्धि रुक जाती है और इसके मावा द्वारा उत्सर्जित हनीड्यू पर सूटी मोल्ड का उत्पादन हो जाता है। यदि संक्रमण फूल अवस्था के दौरान होता है, तो इसके परिणाम से फल कम बनते हैं।  

प्रबंधन: इसके नियंत्रण के लिए प्रकोप दिखाई देते ही, टफगोर (डायमेथोएट 30% इसी) @ 594 मिली प्रति एकड़ या मिडिया ( इमिडाक्लोप्रिड 17.80 % एस एल) @ 20 मिली प्रति एकड़ के दर से छिड़काव करें। 

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होली से पहले कई राज्यों में शुरू होगी प्री मानसूनी वर्षा, देखें मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

23 मार्च को पंजाब के पश्चिम जिलों में हल्की बारिश होने की संभावना है। 24 मार्च को उत्तरी राजस्थान में बादल छाएंगे और बहुत हल्की बारिश होगी। दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश का मौसम शुष्क बना रहेगा। दक्षिणी राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में भीषण गर्मी का प्रकोप दिखाई देगा। पूर्वी भारत में भी बारिश लगभग थम जाएगी। पहाड़ों पर अगले दो दिनों के दौरान हल्की बारिश हो सकती है। केरल, दक्षिणी तमिलनाडु और दक्षिण तटीय कर्नाटक सहित लक्षद्वीप में भी हल्की बारिश की संभावना है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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बंपर सब्सिडी पर खरीदें हार्वेस्टर, जानें क्या है सरकार की योजना?

Buy harvester at bumper subsidy

आज के समय की खेती पुराने जमाने की खेती से काफी आसान हो गई है। इसकी सबसे बड़ी वजह है आधुनिक कृषि मशीनें जिसकी मदद से आज खेती का कोई भी काम कुछ मिनटों में पूरा कर लिया जाता है, जबकि इन्हीं कामों के लिए पहले किसानों को घंटों घंटों खेतों में परिश्रम करना पड़ता था। इन्हीं आधुनिक मशीनों में एक है हार्वेस्टर जो कई प्रकार के अनाज वर्गीय फसलों की कटाई में मदद करता है।

हार्वेस्‍टर फसल कटाई के समय किये जाने वाले कई कार्यों जैसे कटाई, मड़ाई, एकत्रीकरण और विनोइंग को एक साथ पूरा कर देता है। आज के समय में बिना मशीनों के खेती करना कल्पना से परे हो गया है। हालाँकि बहुत सारे किसान ऐसे हैं जो इन आधुनिक कृषि मशीनों को उसकी अधिक कीमत की वजह से खरीद नहीं पाते हैं। ऐसे में सरकार किसानों को सब्सिडी पर ये यंत्र उपलब्ध करवाते हैं।

हार्वेस्टर की खरीदी के लिए मध्य प्रदेश सरकार 50% की सब्सिडी देती है। 50% सब्सिडी मिलने के बाद भी बाकी के पैसे किसान के पास न हों तो सरकार इसके लिए लोन सुविधा देती है और किसान आधा लोन और आधी सब्सिडी का लाभ लेकर हार्वेस्टर खरीद सकते हैं। हार्वेस्टर सब्सिडी योजना में ऑनलाइन आवेदन करने के लिए मध्‍य प्रदेश सरकार की वेबसाइट dbt.mpdage.org जाएँ और योजना की अधिक जानकारी भी यहीं से प्राप्त करें।

स्रोत: किसान तक

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मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के उच्च भाव 6000 रुपए के करीब

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मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
रतलाम अलोट सोयाबीन 4400 4477
शाजापुर आगर सोयाबीन 2811 4614
शाजापुर अकोदिया सोयाबीन 3000 4395
आलीराजपुर आलीराजपुर सोयाबीन 4000 4301
बड़वानी अंजड़ पीला 4010 4090
गुना एरन सोयाबीन 3900 4395
अशोकनगर अशोकनगर सोयाबीन 4000 4493
सीहोर आष्टा पीला 3611 4760
सीहोर आष्टा सोयाबीन 3620 4641
छतरपुर बड़ामलहेड़ा सोयाबीन 4200 4250
उज्जैन बड़नगर पीला 3999 5165
उज्जैन बड़नगर सोयाबीन 4518 5331
उज्जैन बड़नगर सोयाबीन-जैविक 4270 4558
धार बदनावर पीला 2700 4695
धार बदनावर सोयाबीन 4340 4615
शाजापुर बड़ोद सोयाबीन 4500 4500
सागर बामोरा सोयाबीन 4431 4449
होशंगाबाद बानापुरा पीला 3750 4299
शिवपुरी बराड़ सोयाबीन 4401 4426
भोपाल बैरसिया पीला 2500 4750
बेतुल बेतुल सोयाबीन-जैविक 4000 4473
खरगोन भीकनगांव सोयाबीन 3262 5075
भोपाल भोपाल सोयाबीन 4105 4362
राजगढ़ ब्यावरा सोयाबीन 4250 4520
सागर बीना सोयाबीन 4150 4432
छिंदवाड़ा छिंदवाड़ा सोयाबीन 4180 4447
मन्दसौर दलौदा सोयाबीन 4001 4751
दमोह दमोह सोयाबीन 4160 4305
सागर देवरी सोयाबीन 4100 4200
देवास देवास सोयाबीन 1200 4616
धार धामनोद सोयाबीन 3405 4380
धार धार पीला 4186 4186
धार धार सोयाबीन 1582 4720
धार धार सोयाबीन-जैविक 4432 4470
नरसिंहपुर गाडरवाड़ा सोयाबीन 4250 4360
विदिशा गंज बासौदा पीला 4250 4420
विदिशा गंज बासौदा सोयाबीन 2800 4490
सागर गढ़ाकोटा सोयाबीन 4375 4430
इंदौर गौतमपुरा सोयाबीन 4225 4350
इंदौर गौतमपुरा सोयाबीन 4400 4400
डिंडोरी गोरखपुर पीला 4000 4225
नरसिंहपुर गोटेगांव सोयाबीन 4100 4100
नरसिंहपुर गोटेगांव सोयाबीन-जैविक 4240 4301
देवास हाटपिपलिया सोयाबीन 2861 4575
हरदा हरदा पीला 3701 4380
हरदा हरदा सोयाबीन-जैविक 3800 4100
खंडवा हरसूद पीला 4000 4100
सीहोर इछावर सोयाबीन 3801 4440
इंदौर इंदौर पीला 3800 3800
इंदौर इंदौर सोयाबीन 3904 4675
इंदौर इंदौर सोयाबीन-जैविक 1235 4660
इंदौर इंदौर (F&V) सोयाबीन 1500 4569
होशंगाबाद इटारसी सोयाबीन 3200 4225
रतलाम जावरा सोयाबीन 4180 4621
रतलाम जावरा सोयाबीन-जैविक 4400 4600
सीहोर जावर पीला 3590 4601
सीहोर जावर सोयाबीन 3850 4556
राजगढ़ जीरापुर पीला 4190 4190
राजगढ़ जीरापुर सोयाबीन 4320 4320
झाबुआ झाबुआ पीला 4125 4125
झाबुआ झाबुआ सोयाबीन 4050 4350
आलीराजपुर जोबट सोयाबीन 4100 4350
देवास कन्नोड सोयाबीन 4201 4411
नरसिंहपुर करेली पीला 4100 4382
नरसिंहपुर करेली सोयाबीन 4250 5950
उज्जैन खाचरौद सोयाबीन 2141 4631
खंडवा खंडवा पीला 3000 4491
खरगोन खरगोन सोयाबीन 3909 4336
देवास खातेगांव सोयाबीन 3490 4472
देवास खातेगांव सोयाबीन-जैविक 4300 4325
राजगढ़ खुजनेर पीला 4100 4365
सागर खुरई सोयाबीन 4150 4351
शिवपुरी कोलारस सोयाबीन 4000 4395
धार कुक्षी सोयाबीन 4250 4600
विदिशा लटेरी सोयाबीन 4280 4365
राजगढ़ माचलपुर सोयाबीन 4350 4350
उज्जैन महिदपुर सोयाबीन 4570 4570
नीमच मनसा सोयाबीन 3968 4669
धार मनावर पीला 4200 4300
धार मनावर सोयाबीन 4200 4310
मंडला मंडला सोयाबीन 4000 4000
मन्दसौर मन्दसौर सोयाबीन 1321 4661
अशोकनगर मुंगावली सोयाबीन 4000 4250
उज्जैन नागदा पीला 4000 4860
शाजापुर नलकेहड़ा पीला 4201 4461
शाजापुर नलकेहड़ा सोयाबीन 4250 4300
राजगढ़ नरसिंहगढ़ सोयाबीन 3500 4540
सीहोर नसरुल्लागंज सोयाबीन 4201 4201
नीमच नीमच पीला 4067 4512
नीमच नीमच सोयाबीन 1522 4750
राजगढ़ पचौर सोयाबीन 2425 4620
खंडवा पंधाना पीला 4200 4470
छिंदवाड़ा पंधुरना सोयाबीन 4400 4400
दमोह पथरिया सोयाबीन 4340 4340
झाबुआ पेटलावद सोयाबीन 4250 4315
होशंगाबाद पिपरिया सोयाबीन 3600 3600
मन्दसौर पिपल्या सोयाबीन 4201 4636
सागर राहतगढ़ पीला 4000 4515
धार राजगढ़ पीला 4000 4560
रतलाम रतलाम सोयाबीन 4121 4610
रतलाम रतलाम सोयाबीन-जैविक 4199 4199
सागर रहली सोयाबीन 4252 4252
सागर सागर पीला 3900 4450
रतलाम सैलाना सोयाबीन 1490 4600
शाजापुर साजापुर पीला 3825 4510
शाजापुर साजापुर सोयाबीन 1500 4510
राजगढ़ सारंगपुर पीला 3885 4491
राजगढ़ सारंगपुर सोयाबीन 4401 4401
सतना सतना सोयाबीन 3225 3930
सीहोर सीहोर पीला 1200 4600
बड़वानी सेंधवा सोयाबीन 4405 4425
बड़वानी सेंधवा सोयाबीन-जैविक 4250 4250
मन्दसौर शामगढ़ सोयाबीन 3400 4441
शिवपुरी शिवपुरी सोयाबीन 3600 4380
विदिशा सिरोंज सोयाबीन 3630 4425
मन्दसौर सीतामऊ सोयाबीन 3731 4522
देवास सोनकैच पीला 2250 4511
शाजापुर सुसनेर सोयाबीन 3028 4230
मन्दसौर सुवासरा सोयाबीन 4100 4677
रतलाम ताल सोयाबीन 4300 4300
उज्जैन तराना पीला 3940 4600
झाबुआ थांदला पीला 4400 4400
टीकमगढ़ टीकमगढ़ सोयाबीन 3800 4200
हरदा टिमरनी सोयाबीन 2500 4441
उज्जैन उज्जैन सोयाबीन 3100 4658
उज्जैन उज्जैन सोयाबीन-जैविक 4341 4636
उज्जैन उन्हेल सोयाबीन 4181 5270
विदिशा विदिशा सोयाबीन 3800 4308

स्रोत: एगमार्कनेट

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