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कापूस पिकामध्ये प्रामुख्याने तणांचा प्रादुर्भाव अनेक प्रकारात आढळतो, पावसाळ्याच्या पहिल्या पावसा नंतर त्याचा आक्रमण जास्त होतो.
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कॉंग्रेस गवत / गाजर गवत, (बरमूडा घास), मोथा, संवा, बथुआ इत्यादी कापसामध्ये उगवलेली सामान्य तण
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तण वायू, पाणी आणि पोषक तत्वांसाठी कापसाच्या पिकांशी स्पर्धा करतात आणि पिकांची वाढ रोखतात.
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त्यांच्या नियंत्रणासाठी खालील तण वापरतात.
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पाइरिथायोबैक सोडियम 10% ईसी + क्विज़ालोफ़ॉप इथाइल 5% ईसी 400 मिली / एकर पहिल्या पावसाच्या 1-3 दिवसानंतर किंवा फवारणीनंतर 3-5 दिवसानंतर करावी.
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क्विजालीफॉप इथाइल 5% ईसी 400 मिली / एकर किंवा प्रॉपक्विज़फ़ॉप 10% ईसी 400 मिली / एकर सुकलेल्या पानांसाठी वापर करावा.
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या तणनाशक कीटकांचा वापर केल्याने कापूस पिकाचे नुकसान होऊ शकते.
गोवा तक पहुंच गया मानसून, कई राज्यों में भारी बारिश, उत्तर में धूल भरी आंधी
मानसून ने गोवा में दस्तक दे दी है साथ ही तेलंगाना के कुछ और भागों को भी कवर कर लिया है। अब जल्दी ही यह महाराष्ट्र सहित उड़ीसा के कुछ भागों तक पहुंच जाएगा। उत्तर पूर्वी भारत सहित दक्षिण भारत में भारी बारिश जारी रहेगी। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में आंधी और बारिश की संभावना है। पहाड़ों पर नया वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक बार फिर बारिश देगा।
स्रोत: स्काइमेट वेदर
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लहसुन के भाव में तेजी जारी, उच्च भाव 21800 रुपये के पार
मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं लहसुन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।
मध्य प्रदेश की मंडियों में लहसुन के ताजा मंडी भाव | ||||
जिला | कृषि उपज मंडी | किस्म | न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) | अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल) |
धार | बदनावर | लहसुन | 4950 | 18025 |
भोपाल | भोपाल | लहसुन | 6000 | 18500 |
मंदसौर | दलोदा | लहसुन | 1000 | 16000 |
इंदौर | गौतमपुरा | लहसुन | 3200 | 6200 |
इंदौर | इंदौर | लहसुन | 4000 | 18100 |
रतलाम | जावरा | लहसुन | 8510 | 17201 |
नीमच | जावद | लहसुन | 7501 | 21352 |
मंदसौर | मंदसौर | लहसुन | 3000 | 21900 |
मंदसौर | पिपल्या | लहसुन | 3000 | 17400 |
रतलाम | रतलाम | देसी | 10353 | 11190 |
रतलाम | रतलाम | लहसुन | 2400 | 2400 |
रतलाम | सैलाना | लहसुन | 1500 | 19000 |
शाजापुर | सजापुर | देसी | 9173 | 12040 |
शाजापुर | सजापुर | लहसुन | 6351 | 6351 |
मंदसौर | शामगढ़ | लहसुन | 5500 | 14800 |
शाजापुर | शुजालपुर | देसी | 8701 | 9150 |
मंदसौर | सीतमऊ | देसी | 8130 | 13500 |
मंदसौर | सीतमऊ | लहसुन | 5853 | 9000 |
स्रोत: एगमार्कनेट
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पिकांमध्ये पांढर्या ग्रब किडीचा प्रादुर्भाव
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पांढर्या ग्रब्सची ओळख – पांढर्या ग्रब्स हे पांढर्या रंगाचे कीटक आहेत जे हिवाळ्यात सुप्तावस्थेत ग्रब म्हणून शेतात राहतात.
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नुकसानीची चिन्हे – सहसा सुरुवातीच्या टप्प्यात ते मुळांना नुकसान पोहोचवतात. झाडावर पांढर्या ग्रब्सची लक्षणे दिसू शकतात, जसे की झाड किंवा रोप कोमेजणे, झाडाची वाढ आणि नंतर झाडाचा मृत्यू होणे हे त्याचे मुख्य लक्षण आहे.
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व्यवस्थापन – या किडीच्या नियंत्रणासाठी जून महिन्यात आणि जुलैच्या पहिल्या आठवड्यात. मेटाराईजियम स्पीसिस [कालीचक्र] 2 किलो + 50-75 किलो एफ वाय एम/ शेणखत/कंपोस्ट प्रति एकर रिकाम्या शेतात फवारणी करा किंवा पांढर्या ग्रबच्या नियंत्रणासाठी रासायनिक प्रक्रिया देखील केली जाऊ शकते.
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यासाठी फेनप्रोपाथ्रिन 10% ईसी [डेनिटोल] 500 मिली/एकर, क्लोथियानिडिन 50.00% डब्ल्यूजी (डेनटोटसु) 100 ग्रॅम/एकर या दराने मातीमध्ये मिसळून वापर करावा.
दक्षिण भारत में मानसून तेज, पूर्वी भारत को करना होगा इंतजार
दक्षिण भारत में मानसून समय से आगे चल रहा है हालांकि पूर्वी भारत में भी शुरूआती दौर में मानसून काफी तेजी से आगे बढ़ा था। अब दक्षिण भारत और देश के पूर्वी और पश्चिमी तट पर मानसून और आगे बढ़ जाएगा। बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल को अभी इंतजार करना होगा। यहां कम से कम अगले एक सप्ताह तक अच्छी बारिश नहीं होगी। अगले दो दिनों के दौरान पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गरज चमक के साथ आंधी और बारिश हो सकती है।
स्रोत: स्काइमेट वेदर
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मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के उच्च भाव पहुंचे 7000 रुपए
मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।
मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के ताजा मंडी भाव | ||||
जिला | कृषि उपज मंडी | किस्म | न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) | अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल) |
अलीराजपुर | अलीराजपुर | सोयाबीन | 4400 | 4400 |
बड़वानी | अंजड़ | पीला | 4011 | 4011 |
खरगोन | भीकनगांव | सोयाबीन | 3000 | 4597 |
राजगढ़ | ब्यावरा | सोयाबीन | 3995 | 4680 |
छतरपुर | छतरपुर | सोयाबीन | 4005 | 4005 |
धार | धार | सोयाबीन | 4400 | 7000 |
इंदौर | गौतमपुरा | पीला | 4440 | 4540 |
डिंडोरी | गोरखपुर | पीला | 4300 | 4301 |
इंदौर | इंदौर(एफ एंड वी) | सोयाबीन | 4350 | 4350 |
झाबुआ | झाबुआ | सोयाबीन | 4340 | 4730 |
अलीराजपुर | जोबट | पीला | 4421 | 4421 |
अलीराजपुर | जोबट | सोयाबीन | 4300 | 4501 |
शाजापुर | कालापीपल | सोयाबीन | 4400 | 4400 |
हरदा | खिरकिया | पीला | 4455 | 4455 |
धार | कुक्षी | सोयाबीन | 4500 | 4500 |
शाजापुर | नलकेहड़ा | सोयाबीन | 2900 | 2900 |
छिंदवाड़ा | पंढुर्ना | सोयाबीन | 4400 | 4400 |
झाबुआ | पेटलावद | सोयाबीन | 4000 | 4000 |
सागर | सागर | सोयाबीन | 4005 | 4100 |
बड़वानी | सेंधवा | सोयाबीन | 4400 | 4400 |
उज्जैन | तराना | पीला | 4000 | 4500 |
उज्जैन | तराना | सोयाबीन | 4460 | 4630 |
उज्जैन | उज्जैन | पीला | 4730 | 4730 |
स्रोत: एगमार्कनेट
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बैंगन में अल्टरनेरिया लीफ स्पॉट की पहचान एवं निवारण के उपाय
यह बैंगन में होने वाली यह एक गंभीर बीमारी है, जिसके संक्रमण से पत्तियों पर धब्बे बन जाते हैं। संक्रमण अधिक फैलने पर ये धब्बे अनियमित आकार के होकर आपस में मिल जाते हैं। प्रभावित पत्तियां कुछ समय बाद पीली होकर गिर जाती हैं। यह रोग पत्तियों के बाद धीरे-धीरे फलों को भी संक्रमित करने लगता है, जिससे फल पीले होकर समय से पहले गिर जाते हैं।
रोकथाम: इस रोग की रोकथाम हेतु खेत से पिछली फसल के अवशेष, खरपतवार, संक्रमित फल इत्यादि को एकत्रित कर के जला देना चाहिए। रोग के लक्षण दिखने पर, एम -45 (मैनकोजेब 75% WP) 400 ग्राम/एकड़ या ब्लू कॉपर (कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 50% WP) 300 ग्राम/एकड़ की दर 200 लीटर पानी में मिला कर छिड़काव करें।
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अब जम के बरसेंगे बादल, देखें आपके क्षेत्र में कैसा रहेगा मौसम?
जून के महीने में अल नीनो से न्यूट्रल कंडीशन आ जायेगी। जुलाई के दूसरे पखवाड़े में ला नीना प्रभावित होने लगेगा तथा मानसून की बारिश को बढ़ा देगा। इंडियन ओशन डाइपोल भी जुलाई में पॉजिटिव होने लगेगा तथा इन दोनों के प्रभाव से जुलाई के दूसरे पखवाड़े से सितंबर तक झमाझम बारिश पूरे भारत को मिल सकती है। यह पूरे देश और किसान भाइयों के लिए बहुत अच्छी खबर होगी।
स्रोत: स्काइमेट वेदर
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मूंग की फसल में मैग्नीशियम की कमी को पहचानें और करें बचाव के उपाय
मैग्नीशियम की कमी से पौधे की पत्तियाँ पीली पड़ जाती हैं, लेकिन शिराएँ हरी बनी रहती हैं। पौधे की पुरानी पत्तियां गिरने लगती हैं, कुछ पौधों में पत्तियों के किनारे ऊपर की ओर मुड़ने लगते हैं। पौधे की वृद्धि तथा जड़ का विकास कम होता है। मैग्नीशियम की कमी से ग्रस्त पौधे में भूरे या काले धब्बे दिखाई दे सकते हैं। इससे पौधा मुरझा जाता है, टहनियां कमजोर होकर फफूँदी रोग के प्रति संवेदनशील हो जाती हैं। अपरिपक्व पत्तियां गिर जाती हैं। पौधे की पत्तियों में क्लोरोफिल के लिए मैग्नेशियम सूक्ष्म पोषक तत्व एक मुख्य घटक माना जाता है।
फसल में मैग्नेशियम की बहुत कम मात्रा में आवश्यकता होती है। पौधे के बढ़वार और विकास में मैग्नीशियम तत्व की भूमिका बहुत कम होती है, परंतु इसकी कमी से फल, फूल और अनाज की गुणवत्ता में अधिक फर्क पड़ता है। यही कारण है कि इसकी कमी मूंग की खड़ी फसल में दिखाई देती है। मिट्टी की जांच द्वारा, मैग्नीशियम के स्तर की जानकारी पता करनी चाहिए। फिर मिट्टी की जांच रिपोर्ट के आधार पर, फसलों में मैग्नीशियम की मात्रा का उपयोग करना चाहिए।
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मानसून ने पकड़ी रफ्तार, कई राज्यों में आंधी बारिश के आसार
मानसून 31 तारीख को और आगे बढ़ा, संपूर्ण उत्तर पूर्वी राज्यों सहित उप हिमालय पश्चिम बंगाल और सिक्किम तक पहुंचा। केरल में बारिश की गतिविधियों में कुछ कमी आई है परंतु पूर्वोत्तर राज्यों में भारी बारिश जारी है। अब तेलंगाना, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और दक्षिणी कर्नाटक में भी बारिश जोर पकड़ेगी तथा मानसून को आगे बढ़ाएगी। आज उत्तर पूर्वी राजस्थान सहित पश्चिमी हरियाणा में हल्की आंधी और बारिश देखी गई। कल से बारिश की गतिविधियां पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में भी दिखाई देंगे और तापमान में कमी आएगी।
स्रोत: स्काइमेट वेदर
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