लहसुन के भाव में तेजी जारी, उच्च भाव पहुंचे 18000 रुपये के पार

garlic mandi rate

मध्य प्रदेश एवं राजस्थान के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं लहसुन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में लहसुन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
मन्दसौर दलौदा लहसुन 7000 7000
सागर देवरी औसत 5500 6500
रतलाम जावरा लहसुन 5500 8700
मन्दसौर मन्दसौर लहसुन 10000 10000
मन्दसौर पिपल्या लहसुन 7000 9500
धार राजगढ़ लहसुन 3000 3500
राजगढ़ सारंगपुर औसत 3068 6000
अलवर अलवर(FV) अन्य 4000 6500
भीलवाड़ा भीलवाड़ा अन्य 5000 15000
चित्तौड़गढ़ चित्तौड़गढ़ अन्य 12000 18000
हनुमानगढ़ हनुमानगढ़ औसत 7000 7000

स्रोत: एगमार्कनेट

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भोपळा वर्गीय पिकांमध्ये कोळी नियंत्रणाचे उपाय

Mites infestation in cucurbitaceous crops
  • शेतकरी बंधूंनो, भोपळा वर्गीय पिकांमध्ये कोळी प्रामुख्याने नुकसान करतात. कोळी हे लहान आणि लहान लाल रंगाचे कीटक आहेत जे भोपळा श्रेणीतील पिकांच्या मऊ भागांवर मोठ्या प्रमाणात आढळतात जसे की पाने, फुले, कळ्या आणि डहाळे यावर आढळतात. 

  • ज्या झाडांवर कोळीच्या जाळ्यांचा प्रादुर्भाव असतो, त्या झाडावर दिसतात.

  • हे कीटक रस शोषून झाडाचे मऊ भाग कमकुवत करतात आणि शेवटी वनस्पती मरते.

  • रासायनिक नियंत्रण:- प्रोपरजाइट 57% ईसी [ओमाईट] 200 मिली स्पाइरोमैसीफेन 22.9% एससी [ओबेरोन] 200 मिली ऐबामेक्टिन 1.8% ईसी [अबासीन] 150 मिली/एकर या दराने फवारणी करावी. 

  • जैव-व्यवस्थापन:- जैविक उपचार म्हणून तुम्ही मेट्राजियम 1 किलो/एकर या दराने वापरू शकता.

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मौसम विभाग का ऐलान, इस बार मानसून करेगा सामान्य से ज्यादा बारिश

know the weather forecast,

मौसम विभाग के हिसाब से 2024 का दक्षिण पश्चिम मानसून 106% रहेगा तथा भारत के अधिकांश हिस्सों में अच्छी बारिश होगी। अगले 24 घंटे तक पहाड़ों पर बारिश जारी रहेगी। विदर्भ, मराठवाड़ा और दक्षिण पूर्वी मध्य प्रदेश में हल्की बारिश हो सकती है। एक नया शक्तिशाली वेस्टर्न डिस्टरबेंस 18 अप्रैल से पहाड़ों को प्रभावित करना शुरू करेगा। 19 अप्रैल से एक बार फिर राजस्थान, गुजरात तथा उत्तर भारत में बारिश की गतिविधियां शुरू हो सकती हैं।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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डेयरी बिजनेस के लिए मिलेगी 31 लाख रुपए की सुपर सब्सिडी, जानें क्या है सरकार की योजना

Government is giving huge subsidy of up to 66% to open dairy farm

देश भर में दूध एवं इससे तैयार होने वाले उत्पादों की मांग हमेशा बनी रहती है। परंतु दूध की आपूर्ति हमेशा ही डिमांड से कम रहती है। दूध की इसी कमी को देखते हुए सरकार किसानों को लाभ पहुंचाने वाली सरकारी योजनाओं के माध्यम से दूध के उत्पादन को बढ़ाने का प्रयास कर रही है। सरकार की तरफ से कई ऐसी योजनाएं चलाई जा रही हैं जिनकी मदद से डेयरी बिजनेस को मदद पहुंचाई जाती है। ऐसी ही एक योजना का नाम है “नंदिनी कृषक समृद्धि योजना”, इसके माध्यम से डेयरी खोलने के इच्छुक किसानों को बंपर सब्सिडी दी जाती है।

इस योजना के माध्यम से सरकार 25 दुधारू गायों के डेयरी बिजनेस शुरू करने पर कुल लागत का 50% सब्सिडी के तौर पर देती है। सरकार ने 25 दुधारू गायों के डेयरी बिजनेस की स्थापना हेतु 62,50,000 रुपए की लागत निर्धारित की है। इसका अर्थ हुआ की इस योजना का लाभ लेने वाले किसान को अधिकतम 31,25,000 रुपए तक की सब्सिडी मिल जाएगी। इस योजना में गिर, साहीवाल, थारपारकर और गंगातीरी प्रजाति की गायों के पालन पर लाभ मिलता है। गौरतलब है की ये योजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही है तो इसका लाभ भी इसी प्रदेश के किसान और दूध उत्पादक ले सकते हैं।

स्रोत: कृषि जागरण

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मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के उच्च भाव 4500 रुपए के पार

soybean mandi Bhaw,

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
आलीराजपुर आलीराजपुर सोयाबीन 4400 4404
छतरपुर बड़ामलहेड़ा सोयाबीन 4400 4400
धार बदनावर पीला 4700 4800
शाजापुर बेरछा सोयाबीन 2500 2500
देवास देवास सोयाबीन 4501 4501
धार धार सोयाबीन 4400 4400
डिंडोरी गोरखपुर पीला 4200 4350
हरदा हरदा पीला 4600 4625
इंदौर इंदौर (F&V) सोयाबीन 4100 4100
झाबुआ झाबुआ सोयाबीन 4400 4400
आलीराजपुर जोबट सोयाबीन 4300 4400
खरगोन खरगोन सोयाबीन 4100 4575
गुना मकसूदनगढ़ सोयाबीन 4480 4490
शाजापुर मोमनबड़ोदिया पीला 4015 4251
छिंदवाड़ा पंधुरना सोयाबीन 4500 4535
धार राजगढ़ पीला 4395 4398
सागर शाहगढ़ पीला 4200 4200
शाहडोल शाहडोल सोयाबीन 3950 3950
उज्जैन तराना पीला 4000 4600
उज्जैन तराना सोयाबीन 4500 4500

स्रोत: एगमार्कनेट

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पॉलीहाऊस पिकांसाठी मृदा आरोग्य व्यवस्थापनही आवश्यक

Soil health management is also necessary for polyhouse crops
  • पॉलिहाऊस/ग्रीनहाऊसमध्ये, वर्षभर पिकांच्या चांगल्या उत्पादनासाठी वेगवेगळ्या प्रकारची खते सतत वापरली जातात.

  • या कारणास्तव, पॉलीहाऊसच्या मातीचे आरोग्य 3-4 वर्षातच बिघडू लागते. चांगले बियाणे, योग्य पोषक तत्वे आणि सर्व खबरदारी असूनही, पिकाचे उत्पादन आणि गुणवत्ता मोठ्या प्रमाणात घटू लागली आहे.

  • त्यामुळे वैज्ञानिकपद्धतीने शेती करणे आवश्यक आहे. शेतकऱ्यांनी जमिनीचे आरोग्य नियमितपणे तपासावे व त्याची संपूर्ण माहिती ठेवावी.

  • माती परीक्षणासाठी योग्य नमुने घेणे फार महत्वाचे आहे.

  • पॉलीहाऊस/ग्रीनहाऊसच्या आतील वेगवेगळ्या ठिकाणांहून नमुना घेतला जातो, नंतर तो चांगला मिसळला जातो आणि चार भागांमध्ये विभागला जातो.

  • अर्धा किलोग्राम नमुना शिल्लक होईपर्यंत ही प्रक्रिया पुनरावृत्ती होते.

  • अशा प्रकारे प्राप्त केलेला नमुना चाचणी केंद्रावर पाठविला जातो आणि अहवालानुसार शेतातील खताचा वापर केला जातो.

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आंधी के साथ ओले गिरने के आसार, देखें मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

एक सशक्त पश्चिमी विक्षोभ पहाड़ों पर पहुंच चुका है। अगले 24 घंटे के दौरान पहाड़ों पर तेज बारिश के साथ कई जगहों पर हिमपात की संभावना है। प्रेरित चक्रवातीय हवाओं का क्षेत्र पाकिस्तान और राजस्थान के ऊपर है। आज गुजरात सहित राजस्थान, पंजाब और हरियाणा के कई जिलों में बारिश होगी। कुछ स्थानों पर धूल भरी आंधी चलेगी और कहीं-कहीं ओले गिरेंगे। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल सहित उड़ीसा में भी मेघ गर्जना के साथ कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है। दक्षिण भारत के कई राज्यों में हल्की बारिश हो सकती है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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सेब की खेती पर सरकार दे रही है 50% तक की सब्सिडी, जानें क्या है सरकार की योजना

Government is giving subsidies up to 50% on apple cultivation

भारत में सेब की खेती की बात जब भी करते हैं तो सबसे पहले जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों का नाम सामने आता है पर अब उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में भी सेब की खेती को बढ़ावा देने के लिए काम किया जा रहा है। बिहार सरकार अपने प्रदेश के किसानों को सेब की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है और इसके लिए 50% तक की सब्सिडी भी दे रही है।

आमतौर पर सेब की खेती के लिए बेहद कम तापमान की जरूरत होती है। पर बिहार और अन्य मैदानी राज्यों में तापमान बहुत ज्यादा हो जाता है तो इन क्षेत्रों में सेब की खेती करना पहले संभव नहीं था। परन्तु अब सेब की एक ऐसी किस्म विकसित कर ली गई है जो अधिक तापमान वाले क्षेत्रों में भी उग सकती है और अच्छी उपज भी देती है। यह किस्म है हरमन-99 जिसे पिछले दो सालों से बिहार के मुजफ्फरपुर, वैशाली, भागलपुर, बेगूसराय, समस्तीपुर, कटिहार और औरंगाबाद जैसे जिलों में लगाया जा रहा है। बहरहाल बता दें की प्रदेश सरकार सेब की बागवानी करने पर किसानों को प्रति हैक्टेयर करीब ढाई लाख रुपये देती है।

स्रोत: न्यूज़ 18

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मूग पिकातील शेंगा पोखरणाऱ्या सुरवंटाचे नियंत्रण कसे करावे?

Measures to control Pod Borer in Moong
  • शेतकरी बंधूंनो, सध्या मूग पिकावर शेंगा बोअर अळीचा प्रादुर्भाव दिसून येत आहे. हा सुरवंट प्रामुख्याने मूग पिकाचे नुकसान करतो. त्यामुळे उत्पादनात मोठे नुकसान होत आहे.

  • पॉड बोअरर गडद हिरव्या रंगाचा असतो जो नंतर गडद तपकिरी होतो, हा किडा फुलोऱ्यापासून काढणीपर्यंत पिकाचे नुकसान करतो हा सुरवंट शेंगा छेदून आत प्रवेश करतो आणि धान्य खाऊन नुकसान करतो.

  • ते नियंत्रित करण्यासाठी, इमामेक्टिन बेंजोएट 5% एसजी [एमानोवा] 100 ग्रॅम फ्लुबेंडियामाइड 39.35 % एससी [फेम] 50 मिली क्लोरानट्रानिलीप्रोल 18.5 % एससी [कोस्को] 60 मिली प्रति एकर दराने फवारणी करावी. 

  • जैविक उपचार म्हणून, बवेरिया बेसियाना [बवे कर्ब] 250 ग्रॅम प्रती एकर दराने फवारणी करावी.

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राष्ट्रीय बागवानी मिशन का उठाएं, मिल रही है बंपर सब्सिडी, पढ़ें पूरी जानकारी

National Horticulture Mission

आजकल लोग फ्रेश फल सब्जियों को अपने खानपान में शामिल कर के खुद को स्वस्थ और फिट रखने पर खूब जोर देते हैं। यही वजह है की पिछले कुछ सालों में फल और सब्जियों वाले बागवानी फसलों की मांग बाजारों में खूब बढ़ गई है। इन फसलों को अब बहुत अच्छा दाम मिल जाता है। इसी को देखते हुए किसान भी इन बागवानी फसलों की खेती में बढ़ चढ़ कर आगे आ रहे हैं।

बता दें की बागवानी फसलों का उत्पादन बढ़ाने के साथ साथ किसानों की आमदनी में इजाफा करने की लक्ष्यपूर्ती हेतु वर्ष 2005 से 2006 में राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना शुरू की गई थी। इस सब्सिडी में राज्य सरकार का योगदान 35 से 50% का होता है वहीं शेष राशि केंद्र सरकार द्वारा दी जाती है। योजना का लाभ लेने के लिए आप आवेदन कर सकते हैं। आवेदन हेतु राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना की आधिकारिक वेबसाइट https://nhb.gov.in/ पर कर सकते हैं।

स्रोत: किसान तक

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