देशभर के मौसम को लेकर अपडेट, जानें अपने क्षेत्र का मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

देशभर के मौसम को लेकर आज की बड़ी खबर। दिल्ली सहित पूरे उत्तर भारत का मौसम लगातार बदल रहा है। मौसम विभाग के अनुसार दिल्ली में पश्चिमी विक्षोभ की वजह से तेज हवा चलने से तापमान में बढ़ोतरी लगातार जारी है।

स्रोत: किसान तक

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गेहूँ की फसल में कटाई का उचित समय एवं सावधानियां

Appropriate time and precautions for harvesting wheat crop

गेहूँ की फसल में साधारणत: फसल पकने पर पत्तियां सूखने लगती हैं, कभी-कभी एक-दो पत्तियां हरी भी रह सकती हैं एवं बाली के नीचे का भाग सुनहरा हो जाता है। साथ ही यदि दाने को अंगूठे से दबाया जाए तो दूध नहीं निकलता तथा दानों में कड़ापन आ जाता है। इसके अतिरिक्त जब दानों में 25-30 प्रतिशत तक नमी होती है, तब फसल की कटाई की जा सकती है। 

फसल पकने के तुरंत बाद काट लेना चाहिए, क्योंकि कटाई देर से करने पर कुछ किस्मों में दाने झडने लगते है, एवं चूहों तथा चिडियों से भी नुकसान हो सकता है। कभी-कभी फसल काटने में देर करने से गेहूँ के दाने की गुणवत्ता पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। अगर कटाई समय से न करें तो उपज में भी कमी आ सकती है, क्योंकि 5-10 प्रतिशत दानों की हानि झड़ने से, चिडियों और चूहों के खाने से तथा मौसम की खराबी से होती है।  

गेहूँ की फसल में कटाई से पहले सिंचाई बंद कर देनी चाहिए, साथ ही फसल को गिरने से बचाना भी अति आवश्यक होता है। कटाई के बाद 4-5 दिन गठ्ठर को धूप में सुखना चाहिए, क्योंकि अगर कटाई के समय दानों में मिट्टी मिल जाए तो गुणवत्ता पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।

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मैदानी इलाकों में बारिश के आसार, पहाड़ों पर होगी भारी बर्फबारी

know the weather forecast,

3 मार्च के सुबह से ही पहाड़ों पर बर्फबारी शुरू हो जाएगी जो 4 मार्च तक जारी रहेगी। उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर सहित हिमाचल प्रदेश में कुछ स्थानों पर भारी बर्फबारी की संभावना है। पंजाब और हरियाणा के उत्तरी जिलों में भी बारिश हो सकती है। अगले दो दिनों के दौरान उत्तर पश्चिम भारत में न्यूनतम तापमान गिरेंगे। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, गुजरात और पश्चिम मध्य प्रदेश सहित उत्तरी महाराष्ट्र में तापमान में गिरावट हो सकती है। दिन के तापमान में हल्की वृद्धि होने की संभावना दिखाई दे रही है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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मूग आणि उडीद पिकात मॉलीब्लेडिनम तत्व आवश्यक आहे

Molybdenum element is essential in the crop of green and black gram
  • मोलिब्डेनम डाळीं पिकांच्या मुळांच्या गाठीमध्ये जिवाणूंद्वारे सहजीवन नायट्रोजन निर्धारण प्रक्रियेसाठी राइजोबियम बैक्टीरिया आवश्यक आहे.

  • मॉलीब्लेडिनम हे सूक्ष्म अन्नद्रव्य आहे जे मूग आणि उडीद पिकांना फार कमी प्रमाणात लागते.

  • परंतु खूप कमी प्रमाणात मूग आणि उडीद पिकांच्या चांगल्या वाढीसाठी हे अत्यंत आवश्यक आहे.

  • मूग आणि उडीद पिकांमध्ये नायट्रोजनच्या रासायनिक परिवर्तनामध्ये मॉलीब्लेडिनम अत्यंत महत्त्वाची भूमिका बजावते.

  • हे वनस्पतींची प्रतिकारशक्ती वाढवते, तसेच वनस्पतींमध्ये व्हिटॅमिन-सी आणि साखरेचे संश्लेषण करण्यास मदत करते.

  • मॉलीब्लेडिनमच्या कमतरतेमुळे पिकाचा विकास योग्य प्रकारे होत नाही.

  • पानांच्या कडांवर पिवळे पडणे, नवीन पाने सुकणे.सर्वसाधारणपणे मॉलिब्लाडीनमच्या कमतरतेची लक्षणे नायट्रोजनच्या कमतरतेसारखीच असतात.

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सावधान, नरवाई जाळणे घातक आहे?

Burning crop residue is dangerous
  • शेतकरी बंधूंनो, नरवाई जाळून जमिनीत असलेले सूक्ष्म जीव व गांडुळे जाळून नष्ट होतात त्यामुळे शेताची सुपीकता आणि जमिनीची भौतिक स्थिती आणि रासायनिक अभिक्रियांवर विपरीत परिणाम होतो. जमीन कणखर बनते, त्यामुळे जमिनीची पाणी धरून ठेवण्याची क्षमताही कमी होते.

  • नरवाई जाळणे घातक आहे हे टाळण्यासाठी शेतकरी बांधव खालील कृषी यंत्रांचा वापर करू शकतात. 

  • कम्बाईन हार्वेस्टरसह स्ट्रा रीपरचा वापर करा यामुळे कापणी तसेच पेंढा गोळा करण्यात मदत होते.

  • रीपर कम बाइंडरसह पिकाचे अवशेष मुळापासून काढून टाकते.

  • सुपर सीडर आणि हैप्पी सीडर या यंत्राने काढणी केल्यानंतर ओलावा असल्यास पेरणीही करता येते.

  • पेरणी रोपांच्या टप्प्यावर शून्य मशागत बियाणे सह खत ड्रिलने देखील करता येते.

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गन्ना यंत्रीकरण योजना 2025: किसानों को मिल रही 70% तक की सब्सिडी

Sugarcane Mechanization Scheme 2025

किसानों की आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार कई योजनाएँ चला रही है। इसी क्रम में बिहार सरकार ने गन्ना यंत्रीकरण योजना 2025 की शुरुआत की है। इस योजना के तहत गन्ना किसानों को अत्याधुनिक कृषि यंत्रों पर 70% तक की सब्सिडी दी जा रही है। सरकार का उद्देश्य इस योजना से कृषि उत्पादकता बढ़ाना और किसानों की आय में वृद्धि करना है।

क्या है गन्ना यंत्रीकरण योजना?

गन्ना यंत्रीकरण योजना का मुख्य उद्देश्य गन्ने की खेती में आधुनिक कृषि यंत्रों के उपयोग को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत किसानों को ऐसे उपकरण दिए जाएंगे जो बुवाई, खरपतवार नियंत्रण, कीट प्रबंधन, कटाई और बीज उपचार में मदद करेंगे।

किन कृषि यंत्रों पर मिलेगी सब्सिडी?

योजना के तहत गन्ना किसानों को निम्नलिखित आधुनिक कृषि यंत्रों पर सब्सिडी मिलेगी:

  • शुगरकेन कटर प्लांटर

  • लैंड लैवलर मशीन

  • कल्टीवेटर

  • रटून मैनेजमेंट डिवाइस

  • सेट ट्रीटमेंट डिवाइस

  • इंजन ऑपरेटेड पॉवर स्प्रेयर

  • ट्रैक्टर ऑपरेटेड पॉवर स्प्रेयर

  • डीजल इंजन/इलेक्ट्रिक मोटर चालित जूसर मशीन

  • सिंगल बड कटर (मैनुअल और पावर ऑपरेटेड)

  • पॉवर वीडर

  • एमबी प्लाऊ

कितनी मिलेगी सब्सिडी?

  • सामान्य वर्ग के किसानों को 50% तक सब्सिडी मिलेगी।

  • एससी/एसटी एवं पिछड़ा वर्ग के किसानों को 60% तक सब्सिडी मिलेगी।

  • गन्ना यंत्र बैंक स्थापित करने के लिए चीनी मिल, एफपीओ, जीविका और किसान समूहों को 70% तक सब्सिडी मिलेगी।

आवश्यक दस्तावेज

योजना में आवेदन के लिए निम्नलिखित दस्तावेज आवश्यक हैं:

  • आधार कार्ड

  • कृषि मशीनरी खरीद की रसीद

  • किसान पंजीकरण संख्या

  • भूमि स्वामित्व प्रमाण-पत्र

  • जाति प्रमाण-पत्र (एससी/एसटी किसानों के लिए)

  • बैंक खाते की पासबुक की कॉपी

  • भूमि किराया रसीद

  • रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी

कैसे करें आवेदन?

यदि आप बिहार राज्य के किसान हैं और इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए डीबीटी कृषि आईडी या मोबाइल नंबर अनिवार्य है।

📅 आवेदन करने की अंतिम तिथि: 1 मार्च 2025

किसान इस योजना के माध्यम से अपनी खेती को अधिक उन्नत और लाभदायक बना सकते हैं। जल्दी करें और आवेदन करें!

स्रोत: कृषि जागरण

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क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव, देखें मध्य प्रदेश के मंडियों का हाल

soybean mandi Bhaw

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
रतलाम आलोट सोयाबीन 3890 4140
शाजापुर आगर सोयाबीन 3056 4178
गुना एरन सोयाबीन 3150 4107
अशोकनगर अशोकनगर सोयाबीन 2790 4098
अशोकनगर अशोकनगर सोयाबीन-जैविक 3860 4060
सीहोर आष्टा सोयाबीन 2122 4155
सीहोर आष्टा सोयाबीन-जैविक 3601 3601
सीहोर आष्टा पीला 4000 4000
शिवपुरी बदरवास सोयाबीन 3400 4080
धार बदनावर पीला 3500 3951
शाजापुर बड़ोद सोयाबीन 1300 4076
शाजापुर बड़ोद सोयाबीन 3091 3152
सागर बामोरा पीला 3981 3981
होशंगाबाद बानापुरा पीला 2727 3970
होशंगाबाद बानापुरा (F&V) काला 2500 3973
सागर बाँदा सोयाबीन 3700 3865
रायसेन बेगमगंज सोयाबीन 3450 4035
भोपाल बैरसिया सोयाबीन 2590 3100
भोपाल बैरसिया सोयाबीन-जैविक 3900 3920
भोपाल बैरसिया पीला 2000 4140
बेतुल बेतुल सोयाबीन-जैविक 3600 4100
खरगोन भीकनगांव सोयाबीन 2050 4061
खरगोन भीकनगांव सोयाबीन-जैविक 3771 3771
खरगोन भीकनगांव पीला 4100 4100
भोपाल भोपाल सोयाबीन 3581 3881
राजगढ़ ब्यावरा सोयाबीन 3350 4150
राजगढ़ ब्यावरा सोयाबीन 3070 4070
राजगढ़ ब्यावरा सोयाबीन-जैविक 3500 3500
सागर बीना सोयाबीन 3900 3995
बुरहानपुर बुरहानपुर सोयाबीन 2801 3825
छतरपुर छतरपुर सोयाबीन 3800 3800
छिंदवाड़ा छिंदवाड़ा पीला 3400 4100
मन्दसौर दलौदा अन्य 3601 3890
मन्दसौर दलौदा सोयाबीन 2811 5680
दमोह दमोह सोयाबीन 3300 4070
सागर देवरी सोयाबीन 3840 3880
देवास देवास सोयाबीन 3615 4180
धार धामनोद सोयाबीन 3300 3935
धार धार सोयाबीन 1208 4210
धार धार सोयाबीन-जैविक 1074 4015
नरसिंहपुर गाडरवाड़ा सोयाबीन 3825 3925
सागर गढ़ाकोटा सोयाबीन 3690 3825
इंदौर गौतमपुरा सोयाबीन 3420 3530
इंदौर गौतमपुरा पीला 3900 3900
देवास हाटपिपलिया सोयाबीन 1800 4076
हरदा हरदा पीला 1000 3981
सीहोर इछावर सोयाबीन 3210 5000
होशंगाबाद इटारसी सोयाबीन 3100 4103
सागर जैसीनगर पीला 3600 3605
रतलाम जावरा सोयाबीन 2500 4690
आलीराजपुर जोबट सोयाबीन 3500 3700
शाजापुर कालापीपल पीला 2171 4066
देवास कन्नोड सोयाबीन 3700 4047
नरसिंहपुर करेली सोयाबीन 3770 4026
खरगोन करही पीला 3900 4025
उज्जैन खाचरौद सोयाबीन 3651 4090
खरगोन खरगोन सोयाबीन 2501 4190
देवास खातेगांव सोयाबीन 2161 4024
देवास खातेगांव सोयाबीन-जैविक 3300 3986
शिवपुरी खटोरा सोयाबीन 3555 3585
हरदा खिरकिया सोयाबीन-जैविक 3351 3900
हरदा खिरकिया पीला 1000 4100
सागर खुरई सोयाबीन 3130 3997
शिवपुरी कोलारस सोयाबीन 2855 4155
धार कुक्षी सोयाबीन 3650 4000
धार कुक्षी सोयाबीन 3800 3810
देवास लोहारदा सोयाबीन 3690 4020
उज्जैन महिदपुर सोयाबीन 2375 4093
उज्जैन महिदपुर सोयाबीन 1750 4006
नीमच मनसा सोयाबीन 3550 4144
नीमच मनसा सोयाबीन 680 4145
धार मनावर सोयाबीन 2995 3920
मन्दसौर मन्दसौर सोयाबीन 2500 4351
खंडवा मुंडी सोयाबीन 3851 3851
अशोकनगर मुंगावली सोयाबीन 3950 3950
उज्जैन नागदा सोयाबीन 2900 4039
उज्जैन नागदा सोयाबीन 3719 4089
उज्जैन नागदा पीला 3301 4038
शाजापुर नलकेहड़ा सोयाबीन 2985 4118
शाजापुर नलकेहड़ा पीला 1800 4100
राजगढ़ नरसिंहगढ़ सोयाबीन 2050 4175
नीमच नीमच सोयाबीन 1351 4354
नीमच नीमच सोयाबीन-जैविक 3960 3960
रायसेन ओबेदुल्लागंज सोयाबीन 3701 3701
खंडवा पंधाना पीला 3501 3904
दमोह पथरिया सोयाबीन 2770 4090
झाबुआ पेटलावद सोयाबीन 3790 4325
झाबुआ पेटलावद सोयाबीन 2700 3900
झाबुआ पेटलावद पीला 3875 3905
होशंगाबाद पिपरिया सोयाबीन 3650 3650
मन्दसौर पिपल्या सोयाबीन 3050 4209
शिवपुरी पोहरी सोयाबीन 3915 3915
सागर राहतगढ़ सोयाबीन 3750 3780
सागर राहतगढ़ पीला 3710 4130
धार राजगढ़ सोयाबीन 3805 4000
धार राजगढ़ पीला 2812 4076
धार राजगढ़ पीला 3885 3910
रतलाम रतलाम सोयाबीन 951 4350
रतलाम रतलाम सोयाबीन-जैविक 951 4166
सागर रहली सोयाबीन 3751 3751
सागर सागर सोयाबीन 3860 4000
सागर सागर सोयाबीन-जैविक 2905 4075
रतलाम सैलाना सोयाबीन 1561 5855
खरगोन सनावद सोयाबीन 3500 3525
इंदौर सांवेर सोयाबीन 3051 4124
इंदौर सांवेर सोयाबीन 2214 4071
इंदौर सांवेर पीला 3959 3959
सतना सतना सोयाबीन-जैविक 3100 3100
सीहोर सीहोर सोयाबीन 3701 3931
सीहोर सीहोर पीला 2500 4090
सीहोर सीहोर पीला 2700 4143
बड़वानी सेंधवा सोयाबीन 3940 4200
बड़वानी सेंधवा सोयाबीन 3940 4060
बड़वानी सेंधवा सोयाबीन-जैविक 3950 4120
अशोकनगर शाडोरा सोयाबीन 3840 3840
सागर शाहगढ़ सोयाबीन 3750 3800
शाहडोल शाहडोल सोयाबीन 3700 3700
शाजापुर शाजापुर सोयाबीन 1500 4100
मन्दसौर शामगढ़ सोयाबीन 1890 3825
विदिशा शमसाबाद सोयाबीन 3800 4020
शिवपुरी शिवपुरी सोयाबीन 3100 3980
शाजापुर शुजालपुर सोयाबीन 2401 4150
सीहोर श्यामपुर सोयाबीन 3900 3900
सीहोर श्यामपुर पीला 3569 3702
हरदा सिराली सोयाबीन 3699 3931
मन्दसौर सीतामऊ सोयाबीन 1600 4075
मन्दसौर सीतामऊ पीला 3850 3950
मन्दसौर सीतामऊ पीला 3800 3981
देवास सोनकच सोयाबीन 3000 4170
देवास सोनकच पीला 1500 4180
शाजापुर सोयतकलां सोयाबीन 3800 5555
रतलाम ताल सोयाबीन 3440 4160
रतलाम ताल पीला 2401 4161
उज्जैन तराना सोयाबीन 1000 4113
नरसिंहपुर तेंदूखेड़ा सोयाबीन 3810 3810
झाबुआ थांदला सोयाबीन 3520 4000
झाबुआ थांदला सोयाबीन 3891 3900
झाबुआ थांदला पीला 3900 4000
टीकमगढ़ टीकमगढ़ सोयाबीन 3550 3850
टीकमगढ़ टीकमगढ़ सोयाबीन 3505 3570
टीकमगढ़ टीकमगढ़ सोयाबीन-जैविक 3725 3825
हरदा टिमरनी सोयाबीन 2212 4037
रायसेन उदयपुरा सोयाबीन 3695 3695
उज्जैन उज्जैन सोयाबीन 5245 5246
उज्जैन उज्जैन सोयाबीन 3615 3621
उज्जैन उन्हेल सोयाबीन 2355 4080
विदिशा विदिशा सोयाबीन 2775 4165

स्रोत: एगमार्कनेट

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जैविक कीटनाशक मेटाराइजियम एनिसोप्ली के उपयोग से मिलेंगे कई फायदा

Uses of the biological insecticide Metarhizium anisopliae

मेटाराइजियम एनिसोप्ली एक फफूंद पर आधारित जैविक कीटनाशक है। यह मिट्टी में स्वतंत्र रूप से पाया जाता है एवं सामान्यतयः कीटों में परजीवी के रूप में पाया जाता है।

जब मेटाराइजियम एनीसोप्ली के बीजाणु लक्ष्य कीट के संपर्क में आते हैं, तो उनके आवरण से चिपक जाते हैं एवं उचित तापमान और आर्द्रता होने पर बीजाणु अंकुरित हो जाते हैं। इनकी अंकुरण नलिका कीटों के श्वसन छिद्रों (स्पायरेक्लिस), संवेदी अंगों और अन्य कोमल भागों से कीटों के शरीर में प्रवेश कर जाती है।

यह कवक कीटों के संपूर्ण शरीर में कवक जाल बनाकर कीट के शारीरिक भोजन पदार्थों को अवशोषित करके खुद की वृद्धि कर लेता है। मेटाराइजियम एनीसोप्ली 50 प्रतिशत से कम नमी पर भी बीजाणु उत्पन्न कर लेते हैं। इसके कारण यह सभी परिस्थितियों में काम करता है।

मेटाराइजियम एनीसोप्ली का प्रयोग सफेद लट (बीटल), ग्रब्स, दीमक, सुन्डियों, सेमीलूपर, कटवर्म, मिलीबग और माहू आदि के रोकथाम के लिए किया जाता है।

प्रयोग की विधि:

  • मिट्टी से प्रयोग के लिए मेटाराइजियम एनिसोप्ली की 1 किलो प्रति एकड़ के दर से लगभग 75 किलो गोबर की खाद में मिलाकर अंतिम जुताई के समय प्रयोग करना चाहिए।

  • खड़ी फसल में कीट के नियंत्रण के लिए 1 किलो प्रति एकड़ की दर से 400-500 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। 

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ओलावृष्टि संग बारिश की संभावना, पहाड़ों पर भारी बर्फबारी के आसार

know the weather forecast,

पहाड़ों पर भारी बर्फबारी और बारिश शुरू हो गई है, जो अगले दो दिनों तक जारी रहेगी। पंजाब, हरियाणा सहित दिल्ली और उत्तरी राजस्थान में भी बारिश हो रही है, जो धीरे-धीरे बढ़ सकती है। पंजाब और हरियाणा में एक दो स्थानों पर ओलावृष्टि की संभावना है साथ ही तेज हवाएं चलने से फसलों को नुकसान हो सकता है। उत्तरी और उत्तर पूर्वी राजस्थान सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हल्की बारिश के आसार हैं। दक्षिण भारत में भी बारिश की गतिविधियां बढ़ने वाली है। देश के पश्चिमी तट पर चल रहा लू का प्रकोप अब दो दिनों में कम हो जाएगा। दिल्ली को भी अब गर्मी से राहत मिलेगी। वहीं, उत्तर भारत में तापमान गिरेंगे।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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किसान समृद्धि योजना: कौन ले सकता है लाभ और कैसे करें आवेदन?

किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने और खेती को अधिक लाभदायक बनाने के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है। इनमें से एक है किसान समृद्धि योजना, जो पात्र किसानों को आर्थिक सहायता और उन्नत कृषि सुविधाएं प्रदान करती है। हालांकि, यह योजना सभी किसानों के लिए उपलब्ध नहीं है। आइए जानते हैं कि इस योजना का लाभ कौन ले सकता है और आवेदन की प्रक्रिया क्या है।

क्या है किसान समृद्धि योजना?

किसान समृद्धि योजना एक सरकारी पहल है, जिसका उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को वित्तीय सहायता देना है। इसके तहत किसानों को अनुदान, तकनीकी मदद और आधुनिक कृषि उपकरणों की सुविधा दी जाती है।

किसे मिलेगा योजना का लाभ?

इस योजना का लाभ लेने के लिए निम्नलिखित किसान पात्र हैं:

  • छोटे और सीमांत किसान – जिनके पास 2 हेक्टेयर तक कृषि भूमि है।

  • प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थी

  • पंजीकृत किसान – जो सरकारी कृषि योजनाओं के तहत पंजीकृत हैं।

  • स्व-सहायता समूह (SHG) से जुड़े किसान

  • सहकारी समितियों के सदस्य किसान

  • जैविक खेती करने वाले किसान

  • अनुसूचित जाति/जनजाति के किसान

कौन नहीं ले सकता इस योजना का लाभ?

निम्नलिखित किसान इस योजना के पात्र नहीं हैं:

  • बड़े किसान – जिनके पास 2 हेक्टेयर से अधिक भूमि है।

  • निजी कंपनियों के अंतर्गत काम करने वाले किसान

  • सरकारी कर्मचारी और आयकर दाता किसान

  • नियमित सरकारी पेंशन पाने वाले किसान – जिनकी पेंशन ₹10,000 या उससे अधिक है।

  • बैंक डिफॉल्टर किसान

  • शहरी क्षेत्रों में रहने वाले व्यावसायिक किसान

कैसे करें आवेदन?

किसान इस योजना के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से आवेदन कर सकते हैं।

ऑनलाइन आवेदन:

  1. किसान समृद्धि योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।

  2. आवश्यक जानकारी भरें और दस्तावेज अपलोड करें

  3. आवेदन सबमिट करें और उसकी स्थिति चेक करें।

ऑफलाइन आवेदन:

  1. नजदीकी कृषि विभाग या CSC केंद्र पर जाएं।

  2. आवेदन पत्र भरें और आवश्यक दस्तावेजों के साथ जमा करें।

  3. आवेदन स्वीकृत होने पर किसानों को योजना का लाभ मिलेगा।

किसान अपनी खेती को और अधिक उन्नत और लाभदायक बनाने के लिए इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। जल्दी करें और आवेदन करें!

स्रोत: कृषि जागरण

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