-
शेतकरी बांधवांनो, शेतीसाठी बियाणे उपचार करणे हे अत्यंत महत्त्वाचे असते, त्यामुळे बियाणे व मातीजन्य रोगांना प्रतिबंध होतो.
-
देशातील 70 ते 80 टक्के शेतकरी बियाणे बदलत नाहीत आणि ते जुने बियाणेच वापरतात.
-
या कारणांमुळे कीड आणि रोगाचा धोका जास्त असतो, परिणामी खर्च देखील वाढतो.
-
बीजप्रक्रिया करून उत्पादनात 6 ते 10 टक्के एवढी वाढ करता येते.
-
बीजप्रक्रियेने उगवण चांगली होण्याबरोबरच झाडांची वाढही चांगली होते. बीजप्रक्रिया केल्याने कीटकनाशकांचा प्रभावही वाढतो आणि पीक 20 ते 25 दिवस सुरक्षित होते.
अरब सागर में समुद्री तूफान बनने की संभावना बढ़ी, कई राज्यों पर दिखेगा इसका प्रभाव
अरब सागर में एक निम्न दवाब का क्षेत्र बनने वाला है जो धीरे-धीरे डिप्रेशन बन जाएगा और अब इसकी पूरी संभावना नजर आ रही है कि यह समुद्री तूफान भी बन सकता है। यदि यह तूफान बनेगा तो इसका नाम डाना (DANA) होगा जो कतर द्वारा दिया गया है। मानसून जल्दी ही कई और स्थान से विदा लेगा। दक्षिणी गुजरात, महाराष्ट्र सहित कर्नाटक के कई इलाकों में तेज बारिश की संभावना है। पूर्वी और उत्तर पूर्वी राज्यों में भी हल्के से मध्यम बारिश की संभावना बनी हुई है। उत्तर भारत सहित मध्य भारत और पहाड़ों का मौसम शुष्क बना रहेगा।
स्रोत: स्काइमेट वेदर
Shareमौसम सम्बंधित पूर्वानुमानों की जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफ़ोन एप पर जरूर आएं। नीचे दिए गए शेयर बटन को क्लिक कर इस लेख को अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।
मध्य प्रदेश के मंडियों में क्या चल रहे हैं सरसों के भाव?
सरसों के मंडी भाव में तेजी देखने को मिल रही है। देखिये मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सरसों के भाव!
मध्य प्रदेश की मंडियों में सरसों के ताजा मंडी भाव | ||||
जिला | कृषि उपज मंडी | किस्म | न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) | अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल) |
शाजापुर | आगर | सरसों | 5300 | 5880 |
अशोकनगर | अशोकनगर | सरसों | 5590 | 6340 |
अशोकनगर | अशोकनगर | सरसों-जैविक | 5190 | 6240 |
सीहोर | आष्टा | सरसों(काला) | 5500 | 5500 |
छतरपुर | बड़ामलहेड़ा | सरसों | 5900 | 5950 |
शिवपुरी | बदरवास | सरसों | 4900 | 4900 |
सागर | बामोरा | सरसों | 6200 | 6200 |
शिवपुरी | बराड़ | सरसों | 6300 | 6650 |
बेतुल | बेतुल | सरसों | 5000 | 5000 |
राजगढ़ | ब्यावरा | सरसों | 5790 | 5790 |
छतरपुर | बिजावर | सरसों | 5600 | 5855 |
सागर | बीना | सरसों | 5500 | 6800 |
छतरपुर | छतरपुर | सरसों(काला) | 5800 | 6205 |
मन्दसौर | दलौदा | सरसों | 5620 | 5745 |
दमोह | दमोह | सरसों | 5300 | 5810 |
देवास | देवास | सरसों | 4100 | 5451 |
विदिशा | गंज बासौदा | सरसों | 4560 | 6050 |
भिंड | गोहाद | सरसों | 6345 | 6345 |
भिंड | गोहाद | सरसों(काला) | 6050 | 6800 |
भिंड | गोहाद | पीला (काला) | 6275 | 6380 |
गुना | गुना | सरसों | 5565 | 5855 |
हरदा | हरदा | सरसों | 5600 | 5600 |
इंदौर | इंदौर | सरसों | 4705 | 5745 |
होशंगाबाद | इटारसी | सरसों | 5641 | 5711 |
जबलपुर | जबलपुर | सरसों | 5485 | 5690 |
रतलाम | जावरा | सरसों | 5551 | 6151 |
कटनी | कटनी | सरसों | 5100 | 6600 |
कटनी | कटनी | सरसों(काला) | 5000 | 5966 |
टीकमगढ़ | खरगापुर | सरसों | 5800 | 6000 |
सागर | खुरई | सरसों | 5000 | 5000 |
शिवपुरी | कोलारस | सरसों | 6180 | 6255 |
ग्वालियर | लश्कर | सरसों | 6000 | 6000 |
ग्वालियर | लश्कर | सरसों(काला) | 6400 | 6400 |
छतरपुर | लवकुशनगर(लौंदी) | सरसों | 5400 | 5810 |
मन्दसौर | मन्दसौर | सरसों | 5600 | 5939 |
मुरैना | मुरैना | सरसों | 6175 | 6490 |
राजगढ़ | नरसिंहगढ़ | सरसों | 5200 | 5500 |
मुरैना | पोरसा | सरसों(काला) | 5975 | 6200 |
रीवा | रीवा | सरसों(काला) | 4630 | 5840 |
सागर | सागर | सरसों-जैविक | 5295 | 5900 |
सतना | सतना | सरसों | 5549 | 6300 |
सीहोर | सीहोर | सरसों | 5200 | 5200 |
सीहोर | सीहोर | सरसों(काला) | 5281 | 5281 |
शाजापुर | शाजापुर | सरसों | 5400 | 5400 |
मन्दसौर | शामगढ़ | सरसों | 5700 | 5971 |
श्योपुर | श्योपुरबडोद | सरसों | 5651 | 6249 |
श्योपुर | श्योपुरकलां | सरसों | 6240 | 6385 |
विदिशा | सिरोंज | सरसों | 5825 | 5825 |
विदिशा | विदिशा | सरसों | 4001 | 6185 |
श्योपुर | विजयपुर | सरसों | 6185 | 6205 |
स्रोत: एगमार्कनेट
Shareखेती से सम्बंधित जानकारियों और ताजा मंडी भाव जानने के लिए पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो शेयर जरूर करें।
शेतीत घरगुती शेण खतांंचे महत्त्व काय आहे?
-
शेणखतामुळे जमिनीची भौतिक रचना सुधारते आणि जमिनीत हवेची हालचाल वाढते.
-
जमिनीची पाणी धारण क्षमता वाढवून जमिनीतील पाण्याची पातळी सुधारते.
-
त्याच्या वापराने झाडांच्या मुळांचा विकास चांगला होतो आणि झाडे जास्त प्रमाणात पोषकद्रव्ये शोषून घेतात.
-
हे जमिनीतील सेंद्रिय पदार्थ वाढवण्यास मदत करते. त्याचा वापर जमिनीत सेंद्रिय कार्बनचे प्रमाण सुधारतो.
-
जमिनीची क्षार विनिमय क्षमता वाढते.
-
जमिनीत फायदेशीर जीवाणूंची संख्या वाढते, ज्यामुळे पिकाचे उत्पादन खूप चांगले होते.
-
गाईचे शेण जटिल संयुगांचे साध्या संयुगांमध्ये रूपांतर करण्यास मदत करते.
-
मातीचे कण एकत्र चिकटवून जमिनीची धूप रोखते.
-
यामध्ये नाइट्रोजन 0.5 %, फास्फोरस 0.25 % आणि पोटाश 0.5 % वापरले जाते.
जानें इस साल क्यों कड़ाके की ठंड की है संभावना, देखें मौसम पूर्वानुमान
इस वीडियो के माध्यम से जानें की वेस्टर्न डिस्टरबेंस कब आते हैं, क्यों आते हैं और उनका क्या असर होता है। पहाड़ों पर बर्फबारी वेस्टर्न डिस्टरबेंस के प्रभाव से होती है, उत्तर भारत में सर्दियों की बारिश भी वेस्टर्न डिस्टरबेंस ही देते हैं। इस बार सर्दी का क्या पूर्वानुमान है इसके बारे में भी जानकारी वीडियो में दी गई है।
स्रोत: स्काइमेट वेदर
Shareमौसम सम्बंधित पूर्वानुमानों की जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफ़ोन एप पर जरूर आएं। नीचे दिए गए शेयर बटन को क्लिक कर इस लेख को अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।
पीएम किसान योजना की 18वीं किस्त हुई जारी, देश भर के करोड़ों किसानों को हुआ लाभ
त्योहारों की शुरुआत के पहले सरकार ने किसानों को बड़ा तोहफा दिया है। पिछले दिनों सरकार की तरफ से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 18वीं किस्त किसानों के बैंक खाते में जारी कर दी गई। बता दें की इस बार देशभर के 9.4 करोड़ से अधिक किसानों को DBT के माध्यम से 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की आर्थिक सहायता मिली है।
जैसा कि आप पहले से जानते हैं कि केंद्र सरकार की इस ख़ास योजना के माध्यम से किसानों को हर चार महीने में 2 हजार रुपये की किस्त दी जाती है। यह राशि किसानों के बैंक खाते सीधे ट्रांसफर कर दी जाती है। इस तरह से हर साल किसानों को खाते में कुल 6,000 रुपये की राशि भेजी जाती है। बता दें की अगर आप इस योजना के लिए पात्र किसान हैं और आपके खाते में अभी तक यह राशि नहीं आई है तो आप पीएम किसान हेल्प डेस्क पर भी शिकायत कर सकते हैं। इसके लिए आप 155261/011-24300606/24300606/0120-6025109 या टोल-फ्री नंबर 18001155266 पर संपर्क कर सकते हैं।
स्रोत: कृषि जागरण
Shareकृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।
लहसुन के भाव में जबरदस्त तेजी जारी, 70000 रुपये तक पहुंचे उच्च भाव
मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं लहसुन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।
मध्य प्रदेश की मंडियों में लहसुन के ताजा मंडी भाव | ||||
जिला | कृषि उपज मंडी | किस्म | न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) | अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल) |
रतलाम | आलोट | लहसुन | 8500 | 18300 |
शाजापुर | आगर | लहसुन | 7000 | 27800 |
धार | बदनावर | लहसुन | 1400 | 30050 |
भोपाल | भोपाल | लहसुन | 1000 | 27700 |
मन्दसौर | दलौदा | लहसुन | 6053 | 34013 |
इंदौर | गौतमपुरा | लहसुन | 13000 | 24000 |
इंदौर | इंदौर | औसत | 18000 | 18000 |
इंदौर | इंदौर | लहसुन | 600 | 70000 |
रतलाम | जावरा | लहसुन | 2501 | 40600 |
शाजापुर | कालापीपल | लहसुन | 14810 | 23500 |
शाजापुर | कालापीपल (F&V) | लहसुन | 5220 | 25900 |
राजगढ़ | कुरावर | लहसुन | 14000 | 16000 |
नीमच | मनसा | लहसुन | 3000 | 33000 |
मन्दसौर | मन्दसौर | लहसुन | 3000 | 38600 |
राजगढ़ | नरसिंहगढ़ | लहसुन | 7000 | 27900 |
नीमच | नीमच | औसत | 6950 | 34400 |
नीमच | नीमच | लहसुन | 8095 | 31900 |
होशंगाबाद | पिपरिया(F&V) | लहसुन | 17000 | 30000 |
मन्दसौर | पिपल्या | औसत | 22352 | 22352 |
मन्दसौर | पिपल्या | लहसुन | 900 | 32485 |
मन्दसौर | पिपल्या | लहसुन-जैविक | 15893 | 25300 |
धार | राजगढ़ | लहसुन | 3801 | 26000 |
रतलाम | रतलाम | देसी | 12060 | 27560 |
रतलाम | रतलाम | लहसुन | 4000 | 30660 |
रतलाम | सैलाना | देसी | 10300 | 28100 |
रतलाम | सैलाना | लहसुन | 9000 | 31960 |
सीहोर | सीहोर | लहसुन | 13400 | 29000 |
शाजापुर | शाजापुर | लहसुन | 1500 | 26300 |
मन्दसौर | शामगढ़ | लहसुन | 10300 | 32000 |
शाजापुर | शुजालपुर | देसी | 5950 | 26700 |
मन्दसौर | सीतामऊ | देसी | 15000 | 28600 |
मन्दसौर | सीतामऊ | लहसुन | 8000 | 27500 |
शाजापुर | सोयतकलां | लहसुन | 13540 | 13540 |
उज्जैन | उज्जैन | लहसुन | 2000 | 30000 |
स्रोत: एगमार्कनेट
Shareताज़ातरीन मंडी भाव व कृषि क्षेत्र की सभी महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज का लेख पसंद आया हो तो इसे शेयर करना ना भूलें।
मातीचे उपचार आणि त्याचे फायदे जैविक कीटकनाशक मेटारिझियम अॅनिसॉप्लियाइ
-
मेट्राझियम अनीसोप्लिया एक अतिशय उपयुक्त जैविक नियंत्रण आहे.
-
हुमणी, वाळवी, नाकतोडे, हॉपर्स, लोकरी मावा, भुंगे आणि बीटल इत्यादीं सुमारे 300 प्रजाती विरूद्ध कीटकनाशक म्हणून याचा वापर केला जातो.
-
1 किलो मेटारिझियम ॲनिसोप्लिआ / एकरी घ्या आणि हे 50 ते 100 किलो चांगले विघटित करुन एफवायएममध्ये मिसळा आणि ते एका मोकळ्या शेतात प्रसारित करा.
-
या बुरशीचे काही बीज पुरेसा ओलावा असलेल्या किडीच्या शरीरावर अंकुरतात.
-
ही बुरशी यजमान कीटकांचे (होस्ट सेलचे) शरीर खातो.
-
हे उभ्या पिकांमध्ये फवारणी म्हणूनदेखील वापरले जाऊ शकते.
-
त्याचा वापर करण्यापूर्वी शेतात आवश्यक आर्द्रता असणे फार महत्वाचे आहे.
अरब सागर में बन सकता है समुद्री तूफान, जानें किन राज्यों पर होगा इसका असर
मानसून अब कई राज्यों से विदा हो चुका है। जल्दी ही मानसून की विदाई पूरी हो जाएगी। पोस्ट मानसून सीजन का पहला समुद्री तूफान अरब सागर में बनने की संभावना नजर आ रही है। इस समय एक चक्रवातीय हवाओं का क्षेत्र लक्षद्वीप के आसपास बना है जो अगले दो दिनों के दौरान निम्न दबाव के क्षेत्र के रूप में परिवर्तित हो सकता है। यह निम्न दबाव का क्षेत्र अगले दो-तीन दिनों के दौरान मध्य अरब सागर में ही रहेगा और उसके बाद सशक्त होकर उत्तर पश्चिम दिशा में आगे बढ़ सकता है। अगर यह तूफान बनता है तो इसका नाम दाना (DANA) होगा। यह नाम कतर द्वारा दिया गया है। अगले कुछ दिनों के दौरान तमिलनाडु सहित दक्षिण भारत में अच्छी बारिश जारी रहेगी। पूर्वोत्तर राज्यों में भी अच्छी बारिश की संभावना है। दक्षिणी पंजाब और उत्तर पश्चिमी राजस्थान में गरज चमक के साथ बौछारें या आंधी आ सकती है।
स्रोत: स्काइमेट वेदर
Shareमौसम सम्बंधित पूर्वानुमानों की जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफ़ोन एप पर जरूर आएं। नीचे दिए गए शेयर बटन को क्लिक कर इस लेख को अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।
गौपालन करने पर हर महीने मिलेंगे 6000 रुपये, जानें क्या है सरकार की योजना?
खेती के साथ साथ पशुपालन को भी बढ़ावा देने के लिए सरकार कई प्रकार की योजनाएं चलाती है। इन योजनाओं के माध्यम से किसान अपने पशुओं की देख रेख आसानी से कर पाते हैं और अच्छी खासी कमाई भी करते हैं। पिछले दिनों उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के पशुपालकों की मदद के लिए गौपालन पर अनुदान देने की पहल शुरू की है। सरकार की ये पहल दरअसल गोवंश संरक्षण के लिए की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत पशुपालकों को हर माह मदद उपलब्ध करवाई जायेगी।
इस योजना के तहत प्रदेश के पशुपालकों को 4 गौवंश तक के पालन पोषण के लिए यह सुविधा उपलब्ध करवाई जायेगी। इसके अंतर्गत हर पशु के लिए हर रोज 50 रुपये के हिसाब से पशुपालक को दिए जाएंगे। इस हिसाब से हर महीने 4 गोवंश के लिए पशुपालक 6 हजार रुपये तक प्राप्त कर सकते हैं। राज्य के पशुपालक इस योजना का लाभ लेने के लिए मुख्यमंत्री सहभागिता योजना से जुड़ सकते हैं। इसके लिए पशुपालक अपने क्षेत्र के पशुपालन विभाग या फिर पशु चिकित्सालय से संपर्क कर सकते हैं।
स्रोत: कृषि जागरण
Shareकृषि क्षेत्र से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।