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भात पिकामध्ये या किडीची कुजलेली अवस्था हानीकारक असते. अंड्यातून बाहेर पडल्यानंतर, किडे मधल्या कळ्यांच्या पानांच्या आत प्रवेश करतात। त्यानंतर गाठ खाण्यापर्यंत आत जातात.
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रोपांच्या वाढीच्या अवस्थेत प्रादुर्भाव झाल्यास कळ्या बाहेर पडत नाहीत. जेव्हा कळ्याच्या अवस्थेत वाढ होते तेव्हा कळ्या सुकतात आणि पांढरे होतात। त्या मुळे दाणे तयार होत नाहीत.
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त्याच्या नियंत्रणासाठी, सुपर- डी (क्लोरोपाइरीफोस 50% + साइपरमेथ्रिन 5% ईसी) 500 मिली, प्रोफेनोवा (साइपरमैथिन 4% + प्रोफेनोफॉस 40% ईसी) 400 मिली एकर या दराने फवारणी करावी.
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कैलडन (कार्टैप हाइड्रोक्लोराइड 4% जीआर) 8 किलो प्रति एकर या दराने मातीमध्ये मिसळावे.
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जैविक नियंत्रणासाठी बवे कर्ब (बवेरिया बेसियाना) 250 ग्रॅम/एकर या दराने फवारणी करावी.
होली के दिन कई राज्यों में हो सकती है बारिश, जानें अपने क्षेत्र का मौसम पूर्वानुमान
आज से एक के बाद एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस पहाड़ों की तरफ आएंगे। अगले चार-पांच दिनों के दौरान पहाड़ों पर भारी बारिश और बर्फबारी की संभावना है। उत्तरी पंजाब और उत्तरी हरियाणा में 12 मार्च से बारिश शुरू होगी। होलिका दहन वाले दिन पंजाब, हरियाणा, उत्तर पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली, तथा राजस्थान के कुछ जिलों में बारिश हो सकती है। बादल और बारिश के कारण होली के दिन इन राज्यों के कुछ इलाकों में तापमान कम होने से गर्मी से राहत मिल जाएगी। 10 और 11 मार्च को तमिलनाडु के कई जिलों में तेज बारिश की संभावना है। केरल और दक्षिणी कर्नाटक में भी 11 और 12 मार्च को बारिश हो सकती है। गोवा सहित महाराष्ट्र के दक्षिणी तटों पर हल्की बारिश 13 और 14 मार्च को हो सकती है।
स्रोत: स्काइमेट वेदर
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क्या चल रहे हैं लहसुन के भाव, जानें मंडी का हाल
मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं लहसुन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।
मध्य प्रदेश की मंडियों में लहसुन के ताजा मंडी भाव | ||||
जिला | कृषि उपज मंडी | किस्म | न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) | अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल) |
शाजापुर | आगर | लहसुन | 2900 | 6500 |
धार | बदनावर | औसत | 2100 | 2200 |
धार | बदनावर | लहसुन | 2700 | 5100 |
भोपाल | भोपाल | लहसुन | 3000 | 6100 |
मन्दसौर | दलौदा | लहसुन | 1800 | 8800 |
इंदौर | इंदौर | लहसुन | 1100 | 6100 |
नीमच | जावद | लहसुन | 3990 | 4000 |
शाजापुर | कालापीपल (F&V) | लहसुन | 2300 | 6580 |
होशंगाबाद | पिपरिया(F&V) | लहसुन | 6200 | 11000 |
रतलाम | रतलाम | देसी | 2151 | 5150 |
रतलाम | सैलाना | लहसुन | 4300 | 6201 |
शाजापुर | शाजापुर | लहसुन | 1790 | 6174 |
शाजापुर | शुजालपुर | देसी | 2212 | 5890 |
मन्दसौर | सीतामऊ | लहसुन | 2510 | 3700 |
उज्जैन | उज्जैन | लहसुन | 4800 | 4800 |
स्रोत: एगमार्कनेट
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भिंडी की फसल में फल छेदक के लक्षण एवं नियंत्रण के उपाय
इस कीट के शरीर पर हलके पीले संतरी, भूरे रंग के धब्बे होते हैं। आरंभिक अवस्था में ये सूंडियां कोपलों में छेद करके अंदर पनपती हैं, जिसकी वजह से कोपलें मुरझा जाती हैं और सूख जाती हैं। बाद में ये सुंडियां कलियों और फूलों को नुकसान पहुंचाती हैं। ये फल में छेद बनाकर अंदर घुसकर फल का गूदा खाती हैं, इसके कारण ग्रासित फल यानी भिंडी खाने योग्य नहीं रहती है।
नियंत्रण के उपाय
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क्षतिग्रस्त पौधों के तने तथा फलों को एकत्रित करके नष्ट कर दें।
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फल छेदक कीट की निगरानी एवं नियंत्रण के लिए 5 -10 फेरोमोन ट्रैप प्रति हेक्टेयर लगाएं।
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लक्षण दिखाई देने पर, फेम (फ्लुबेंडियामाइड 39.35% डब्ल्यू/डब्ल्यू एस सी) @ 60 – 70 मिली प्रति एकड़ के दर से 150 से 200 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।
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दुधारू पशुओं पर सरकार दे रही है 90% तक की सब्सिडी, जानें किसे मिलेगा इसका लाभ?
मध्य प्रदेश सरकार ने बैगा, सहरिया और भारिया जनजातीय वर्ग के लिए ‘मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय योजना’ शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य जनजातीय समुदाय को आत्मनिर्भर बनाना और उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारना है। इससे न केवल गांवों में दुग्ध उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि लाभार्थी स्थायी आय का स्रोत भी बना सकेंगे।
क्या है मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय योजना?
इस योजना के तहत, पात्र लाभार्थियों को गाय या भैंस प्रदान की जाएगी, जिसमें 90% तक की सरकारी सब्सिडी मिलेगी। लाभार्थियों को केवल 10% राशि का भुगतान करना होगा, बाकी खर्च सरकार वहन करेगी।
कौन ले सकता है योजना का लाभ?
✅ मध्य प्रदेश के बैगा, सहरिया और भारिया जनजातीय समुदाय के लोग।
✅ आवेदन के लिए ग्राम पंचायत या पशुपालन विभाग से संपर्क करें।
✅ चयनित हितग्राहियों को सब्सिडी के साथ पशु उपलब्ध कराए जाएंगे।
मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय योजना के लाभ
🔹 90% तक का अनुदान, जिससे पशु खरीदना होगा आसान।
🔹 दूध उत्पादन से स्थायी आय का स्रोत मिलेगा।
🔹 स्वरोजगार को बढ़ावा, जिससे आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।
🔹 पोषण स्तर में सुधार, क्योंकि दूध उत्पादन में वृद्धि होगी।
स्रोत: कृषि जागरण
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मध्य प्रदेश के मंडियों में क्या चल रहे हैं सरसों के भाव?
सरसों के मंडी भाव में तेजी देखने को मिल रही है। देखिये मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सरसों के भाव!
मध्य प्रदेश की मंडियों में सरसों के ताजा मंडी भाव | ||||
जिला | कृषि उपज मंडी | किस्म | न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) | अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल) |
शाजापुर | आगर | सरसों | 4800 | 5800 |
शाजापुर | आगर | सरसों-जैविक | 5581 | 5581 |
गुना | एरन | सरसों | 4170 | 5625 |
अशोकनगर | अशोकनगर | सरसों | 4885 | 5731 |
अशोकनगर | अशोकनगर | सरसों-जैविक | 5050 | 5637 |
सीहोर | आष्टा | सरसों | 4500 | 5620 |
सीहोर | आष्टा | सरसों(काला) | 5000 | 5487 |
शिवपुरी | बदरवास | सरसों | 5000 | 5865 |
शाजापुर | बड़ोद | सरसों | 5250 | 5721 |
शिवपुरी | बराड़ | सरसों | 5290 | 5970 |
रायसेन | बेगमगंज | सरसों | 5000 | 5265 |
भोपाल | भोपाल | सरसों | 5060 | 5305 |
राजगढ़ | ब्यावरा | सरसों | 4400 | 5800 |
सागर | बीना | सरसों | 3601 | 5541 |
गुना | बीनागंज | सरसों | 5100 | 5690 |
गुना | बीनागंज | सरसों | 5260 | 5610 |
अशोकनगर | चंदेरी | सरसों | 4805 | 5740 |
छिंदवाड़ा | छिंदवाड़ा | सरसों | 5225 | 5250 |
ग्वालियर | डबरा | सरसों | 5100 | 5791 |
मन्दसौर | दलौदा | सरसों | 5300 | 5600 |
दमोह | दमोह | सरसों | 4500 | 5280 |
दतिया | दतिया | सरसों | 5690 | 5780 |
देवास | देवास | सरसों | 4700 | 5448 |
डिंडोरी | डिंडोरी | सरसों(काला) | 5000 | 5025 |
विदिशा | गंज बासौदा | सरसों | 4206 | 5651 |
विदिशा | गंज बासौदा | सरसों-जैविक | 4600 | 5602 |
सागर | गढ़ाकोटा | सरसों | 4955 | 4955 |
गुना | गुना | सरसों | 4600 | 5685 |
हरदा | हरदा | सरसों | 3480 | 5401 |
खंडवा | हरसूद | सरसों | 4890 | 5100 |
सीहोर | इछावर | सरसों | 5000 | 5269 |
इंदौर | इंदौर | सरसों | 5270 | 5270 |
अशोकनगर | ईसागढ़ | सरसों | 5370 | 5775 |
जबलपुर | जबलपुर | सरसों | 4600 | 5405 |
रतलाम | जावरा | सरसों | 3512 | 5661 |
सीहोर | जावर | सरसों | 4735 | 5386 |
राजगढ़ | जीरापुर | सरसों | 5000 | 5715 |
राजगढ़ | जीरापुर | सरसों(काला) | 4955 | 5715 |
मुरैना | कैलारस | सरसों | 5041 | 5870 |
शाजापुर | कालापीपल | सरसों | 5200 | 5655 |
देवास | कन्नोड | सरसों | 4350 | 5121 |
कटनी | कटनी | सरसों | 4826 | 5570 |
शिवपुरी | खन्याधाना | सरसों | 5315 | 5400 |
देवास | खातेगांव | सरसों | 3301 | 5466 |
देवास | खातेगांव | सरसों-जैविक | 4300 | 5399 |
देवास | खातेगांव | सरसों(काला) | 3500 | 3500 |
राजगढ़ | खिलचीपुर | सरसों | 5145 | 5570 |
हरदा | खिरकिया | सरसों | 4350 | 5100 |
हरदा | खिरकिया | सरसों-जैविक | 4801 | 4801 |
राजगढ़ | खुजनेर | सरसों(काला) | 5260 | 5640 |
सागर | खुरई | सरसों | 4580 | 5240 |
शिवपुरी | कोलारस | सरसों | 5850 | 5930 |
शिवपुरी | कोलारस | सरसों | 4500 | 5940 |
गुना | कुंभराज | सरसों | 5120 | 5600 |
विदिशा | लटेरी | सरसों | 4105 | 5400 |
राजगढ़ | माचलपुर | सरसों | 3545 | 5755 |
शिवपुरी | मगरोनी | सरसों | 5600 | 5600 |
उज्जैन | महिदपुर | सरसों | 5405 | 5405 |
गुना | मकसूदनगढ़ | सरसों | 5130 | 5640 |
नीमच | मनसा | सरसों | 5000 | 5899 |
मन्दसौर | मन्दसौर | सरसों | 4500 | 5600 |
मुरैना | मुरैना | सरसों | 5045 | 5800 |
भिंड | महू | पीला (काला) | 5790 | 5790 |
अशोकनगर | मुंगावली | सरसों | 4600 | 5695 |
अशोकनगर | मुंगावली | सरसों-जैविक | 5095 | 5095 |
उज्जैन | नागदा | सरसों | 5080 | 5250 |
सतना | नागोद | सरसों | 5325 | 5325 |
शाजापुर | नलकेहड़ा | सरसों | 4775 | 5617 |
राजगढ़ | नरसिंहगढ़ | सरसों | 3100 | 5630 |
सीहोर | नसरुल्लागंज | सरसों | 4991 | 4991 |
नीमच | नीमच | सरसों(काला) | 5550 | 8300 |
नीमच | नीमच | सरसों(काला) | 5473 | 5850 |
रायसेन | ओबेदुल्लागंज | सरसों | 5000 | 5000 |
जबलपुर | पाटन | सरसों | 4115 | 5150 |
राजगढ़ | पचौर | सरसों | 4400 | 5600 |
राजगढ़ | पचौर | सरसों | 4900 | 5600 |
दमोह | पथरिया | सरसों | 4690 | 5195 |
होशंगाबाद | पिपरिया | सरसों | 4700 | 4770 |
शिवपुरी | पोहरी | सरसों | 5120 | 5960 |
शिवपुरी | पोहरी | सरसों | 5125 | 5950 |
शिवपुरी | पोहरी | सरसों(काला) | 5400 | 5880 |
मुरैना | पोरसा | सरसों(काला) | 5490 | 5560 |
रीवा | रीवा | सरसों(काला) | 5200 | 5250 |
मुरैना | सबलगढ़ | सरसों | 5280 | 5785 |
मुरैना | सबलगढ़ | सरसों(काला) | 5300 | 5755 |
सागर | सागर | सरसों | 4275 | 5700 |
सागर | सागर | सरसों-जैविक | 4350 | 5450 |
रतलाम | सैलाना | सरसों | 5540 | 5609 |
सतना | सतना | सरसों | 4790 | 5660 |
सीहोर | सीहोर | सरसों | 4500 | 5382 |
सीहोर | सीहोर | सरसों(काला) | 4800 | 5200 |
शाजापुर | शाजापुर | सरसों | 4740 | 5435 |
मन्दसौर | शामगढ़ | सरसों | 5400 | 5620 |
विदिशा | शमसाबाद | सरसों | 5300 | 5526 |
श्योपुर | श्योपुरबडोद | सरसों | 4301 | 5511 |
श्योपुर | श्योपुरकलां | सरसों | 4650 | 6300 |
श्योपुर | श्योपुरकलां | अन्य | 5620 | 5620 |
शिवपुरी | शिवपुरी | सरसों | 4800 | 6000 |
शिवपुरी | शिवपुरी | सरसों | 5215 | 5215 |
शाजापुर | शुजालपुर | सरसों | 4500 | 5620 |
विदिशा | सिरोंज | सरसों | 4420 | 5800 |
विदिशा | सिरोंज | सरसों-जैविक | 5180 | 5745 |
मन्दसौर | सीतामऊ | सरसों | 4600 | 5620 |
देवास | सोनकच | सरसों | 5199 | 5300 |
शाजापुर | सुसनेर | सरसों | 5260 | 5580 |
उज्जैन | तराना | सरसों | 5071 | 5551 |
हरदा | टिमरनी | सरसों | 4400 | 5201 |
उज्जैन | उज्जैन | सरसों | 4900 | 5275 |
विदिशा | विदिशा | सरसों | 5220 | 5220 |
श्योपुर | विजयपुर | सरसों | 5005 | 5995 |
श्योपुर | विजयपुर | सरसों | 5300 | 5650 |
श्योपुर | विजयपुर | पीला (काला) | 5860 | 5860 |
स्रोत: एगमार्कनेट
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गर्मी में पशु आहार के लिए साइलेज से करें हरे चारे की पूर्ती
पशुपालक गर्मी के मौसम में पशुओं को सिर्फ सूखा चारा व दाना खिलाने पर मजबूर होते हैं, जिसके कारण दुधारू पशु कम दूध देने लगते हैं। इस स्थिति में किसान यह सोच कर परेशान होते हैं कि अपने पशुओं को हरे चारे की जगह क्या खिलाएं। तो इस परेशानी का समाधान है साइलेज जिसे गर्मियों के मौसम का बेस्ट पशु आहार माना जाता है।
सबसे पहले बात करते हैं, साइलेज क्या है?
साइलेज को दरअसल ज्वार, मक्का, नैपियर घास, बरसीम आदि हरे चारों को छोटे – छोटे टुकड़ो में काट कर उसे नमक व अन्य जरूरी पोषक तत्वों के मिश्रण से बनाया जाता है। साइलेज में भी, हरे चारे की ही तरह, उचित मात्रा में कार्बोहाइड्रेट व सूक्ष्म पोषक तत्वों की मात्रा सही होनी चाहिए, इसलिए पशुपालक को मक्का, ज्वार, जई, लूटसन, नेपियर घास, लोबिया, बरसीम, रिजका, लेग्यूम्स, जवी, बाजरा, गिन्नी व अंजन का खासा ध्यान रखना जरूरी हैं। जब दाने दूध भरने की अवस्था में हों तभी इन्हे काटना चाहिए।। अगर पानी अधिक है, तो चारे को थोड़ा सुखा लेना चाहिए ताकि नमी की मात्रा 60 से 65 प्रतिशक तक रहे।
फायदे:
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साइलेज डेयरी पशुओं के लिए चारे की नियमित आपूर्ति को सुनिश्चित करता है।
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यह विभिन्न मौसमों में पशुओं के लिए एक समान गुणवत्ता वाला चारा है।
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साइलेज लगभग हर मौसम में बनाया जा सकता है।
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पशुओं को साइलेज खिलाना परजीवी रोगों के नियंत्रण के लिए एक प्रभावी उपकरण है, क्योंकि हरे चारे के विभिन्न चरणों में मौजूद परजीवी प्रकिया करने के दौरान नष्ट हो जाते हैं।
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साइलेज की आपूर्ति निश्चित करके पशुओं के दुबलेपन की अवधि के दौरान उत्पादकता को बढ़ा सकते हैं।
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मल्चिंग पर सरकार दे रही है 50% तक की सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ!
खेती में नई तकनीकों का उपयोग किसानों की मेहनत और लागत को कम कर रहा है। मल्चिंग ऐसी ही एक आधुनिक तकनीक है, जो बागवानी फसलों की पैदावार बढ़ाने में मदद करती है। अब बिहार सरकार ने इसे अपनाने के लिए 50% सब्सिडी देने का ऐलान किया है, जिससे किसान कम लागत में अधिक उत्पादन कर सकते हैं।
क्या है मल्चिंग और इसके फायदे?
✅ मिट्टी की नमी बनाए रखता है, जिससे सिंचाई की जरूरत कम होती है।
✅ खरपतवार पर नियंत्रण, जिससे खेत साफ-सुथरा रहता है।
✅ तापमान संतुलित रखता है, जिससे पौधों की बेहतर वृद्धि होती है।
✅ मिट्टी के कटाव को रोकता है, जिससे उर्वरता बनी रहती है।
कैसे मिलेगा 50% सब्सिडी का लाभ?
बिहार सरकार के उद्यान निदेशालय, कृषि विभाग के माध्यम से यह सब्सिडी दी जाएगी। किसानों को अपनी मल्चिंग शीट खरीदने का आधा खर्च सरकार वहन करेगी और राशि सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी।
ड्रिप सिंचाई के साथ मल्चिंग: डबल मुनाफा!
ड्रिप सिंचाई और मल्चिंग तकनीक साथ मिलकर किसानों को अधिक लाभ देती हैं। यह पानी की बचत करता है और पौधों को आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति सुनिश्चित करता है।
कम लागत, ज्यादा मुनाफा!
मल्चिंग से पानी, उर्वरक और कीटनाशकों का खर्च कम होता है, जिससे किसानों को कम लागत में अधिक पैदावार मिलती है। यह तकनीक खेती को लाभकारी और टिकाऊ बनाने का सुनहरा मौका है।
स्रोत: कृषि जागरण
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क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव, देखें मध्य प्रदेश के मंडियों का हाल
मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।
मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के ताजा मंडी भाव | ||||
जिला | कृषि उपज मंडी | किस्म | न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) | अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल) |
शाजापुर | आगर | सोयाबीन | 1500 | 4125 |
आलीराजपुर | आलीराजपुर | सोयाबीन | 3650 | 3650 |
आलीराजपुर | आलीराजपुर | सोयाबीन | 3650 | 3650 |
अशोकनगर | अशोकनगर | सोयाबीन | 3400 | 4014 |
सीहोर | आष्टा | सोयाबीन | 3301 | 4074 |
उज्जैन | बड़नगर | पीला | 3680 | 4178 |
धार | बदनावर | पीला | 3885 | 4155 |
होशंगाबाद | बानापुरा | पीला | 3670 | 3805 |
भोपाल | बैरसिया | पीला | 2100 | 3995 |
राजगढ़ | ब्यावरा | सोयाबीन | 3200 | 4025 |
सागर | बीना | सोयाबीन | 3550 | 3915 |
बुरहानपुर | बुरहानपुर | सोयाबीन | 3300 | 3300 |
मन्दसौर | दलौदा | सोयाबीन | 3700 | 5402 |
देवास | देवास | सोयाबीन | 2500 | 4120 |
धार | धामनोद | सोयाबीन | 3250 | 3825 |
धार | धार | सोयाबीन | 2784 | 4060 |
धार | धार | सोयाबीन-जैविक | 2902 | 3400 |
नरसिंहपुर | गाडरवाड़ा | सोयाबीन | 3500 | 3840 |
इंदौर | गौतमपुरा | पीला | 3850 | 4030 |
डिंडोरी | गोरखपुर | पीला | 3580 | 3650 |
डिंडोरी | गोरखपुर | पीला | 3550 | 3710 |
गुना | गुना | सोयाबीन | 3675 | 3800 |
हरदा | हरदा | सोयाबीन-जैविक | 3601 | 3601 |
हरदा | हरदा | पीला | 1700 | 3915 |
इंदौर | इंदौर | सोयाबीन | 2715 | 2720 |
इंदौर | इंदौर | सोयाबीन-जैविक | 3560 | 4005 |
रतलाम | जावरा | सोयाबीन | 3880 | 4080 |
नरसिंहपुर | करेली | सोयाबीन | 3770 | 3770 |
खंडवा | खंडवा | पीला | 3000 | 3955 |
देवास | खातेगांव | सोयाबीन | 3301 | 3951 |
देवास | खातेगांव | सोयाबीन-जैविक | 3877 | 3946 |
हरदा | खिरकिया | सोयाबीन-जैविक | 3740 | 3740 |
हरदा | खिरकिया | पीला | 3530 | 3830 |
सागर | खुरई | सोयाबीन | 2100 | 3882 |
धार | कुक्षी | सोयाबीन | 3655 | 3955 |
उज्जैन | महिदपुर | सोयाबीन | 3871 | 3975 |
नीमच | मनसा | सोयाबीन | 3200 | 4120 |
धार | मनावर | सोयाबीन | 3600 | 3600 |
मन्दसौर | मन्दसौर | सोयाबीन | 3900 | 4019 |
मन्दसौर | मन्दसौर | सोयाबीन | 3986 | 4118 |
इंदौर | महू | सोयाबीन | 1451 | 4121 |
सीहोर | नसरुल्लागंज | सोयाबीन | 3700 | 3756 |
नीमच | नीमच | सोयाबीन | 3841 | 3841 |
राजगढ़ | पचौर | सोयाबीन | 3905 | 3945 |
छिंदवाड़ा | पंधुरना | सोयाबीन | 3900 | 3900 |
दमोह | पथरिया | सोयाबीन | 3720 | 4035 |
मन्दसौर | पिपल्या | सोयाबीन | 600 | 4190 |
सागर | राहतगढ़ | पीला | 3705 | 3705 |
रतलाम | रतलाम | सोयाबीन | 3831 | 4140 |
सागर | सागर | सोयाबीन-जैविक | 3630 | 4015 |
रतलाम | सैलाना | सोयाबीन | 3794 | 4061 |
इंदौर | सांवेर | सोयाबीन | 2551 | 4085 |
बड़वानी | सेंधवा | सोयाबीन | 3875 | 3875 |
बड़वानी | सेंधवा | सोयाबीन-जैविक | 3840 | 3840 |
सागर | शाहगढ़ | सोयाबीन | 3480 | 3520 |
सागर | शाहगढ़ | पीला | 3525 | 3525 |
मन्दसौर | शामगढ़ | सोयाबीन | 3600 | 3890 |
शाजापुर | शुजालपुर | सोयाबीन | 3750 | 4036 |
सीहोर | श्यामपुर | सोयाबीन | 2521 | 2521 |
रतलाम | ताल | पीला | 3771 | 4141 |
उज्जैन | तराना | सोयाबीन | 2671 | 4061 |
हरदा | टिमरनी | सोयाबीन | 3051 | 3920 |
उज्जैन | उज्जैन | सोयाबीन | 3200 | 4180 |
उज्जैन | उन्हेल | सोयाबीन | 3650 | 3895 |
स्रोत: एगमार्कनेट
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जानिए कैसे बचाएं मकड़ी के प्रकोप से मिर्च की फसल!
इस कीट के नवजात और वयस्क दोनों अवस्थाएं नई पत्तियों को निचली सतह से और पौधों के बढ़ते सिरों से रस चूसते हैं। इसके कारण, पत्तियां नीचे की ओर मुड़कर सिकुड़ जाती हैं, एवं उलटे नाव के आकार का रूप ले लेती हैं। संक्रमित पौधे के फल छोटे रह जाते हैं।
रोकथाम- इन कीटों का प्रकोप दिखाई देते ही बचाव के लिए, ओमाइट (प्रोपरजाइट 57% ईसी) @ 600 मिली प्रति एकड़ या पेजर (डायफेंथियूरॉन 50% डब्लूपी) @ 240 ग्राम प्रति एकड़ या इमानोवा (इमामेक्टिन बेंजोएट 05 % एसजी) @ 80 ग्राम प्रति एकड़ के दर से 150 -200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
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