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भोपळा वर्गीय पिकांमध्ये, टरबूज पिकामध्ये फळमाशीचा हल्ला प्रामुख्याने दिसून येतो ज्यामुळे पिकाचे नुकसान होऊन उत्पादनावर परिणाम होतो.
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फळाची माशी फळांच्या आत अंडी घालते, सुरवंट अंड्यातून बाहेर पडतो आणि फळांचा लगदा खातो, ज्यामुळे फळे कुजतात.फळे वळतात आणि कमकुवत होतात आणि वेलीपासून वेगळी होतात.
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व्यवस्थापनाचे उपाय : फेनप्रोप्रेथ्रिन 10% ईसी [डैनिटोल] 400 मिली प्रोफेनोफॉस 40 % + साइपरमेथ्रिन 4% ईसी [प्रोफेनोवा] 400 मिली स्पिनोसेड 45% एससी [ट्रेसर] 60 मिली/एकर या दराने फवारणी करावी.
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फळ माशीच्या चांगल्या व्यवस्थापनासाठी, 10 फ्रूट फ्लाई ट्रैपचा प्रती एकर दराने वापर करावा.
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जैविक व्यवस्थापनासाठी, बवेरिया बेसियाना [बवे कर्ब] 250 ग्रॅम/एकर या दराने उपयोग करू शकता.
खेती के मशीनों पर मिल रही जबरदस्त सब्सिडी, जानें कैसे पा सकते हैं इसका लाभ
सरकार की तरफ से किसानों की आमदनी में इजाफा करने और खेती को आसान बनाने के उद्देश्य से कई लाभकारी योजनाएं चलाई जा रही है। इन योजनाओं का लाभ उठा कर किसान अपनी खेती को बेहतर करने के साथ साथ अपनी आर्थिक स्थिति को भी बेहतर कर रहे हैं। सरकार किसानों को बुआई से लेकर उपज की बिक्री तक के सभी कार्यों में मदद पहुंचाती है। इसी कड़ी में सरकार आगामी खरीफ सीजन के लिए किसानों को आधुनिक खेती के मशीनों पर सब्सिडी उपलब्ध करवा रही है। यह सब्सिडी सरकार “कृषि यंत्र अनुदान योजना” के माध्यम से किसानों को देगी।
बता दें की इस योजना को अलग अलग राज्यों में कई नामों से चलाया जा रहा है। मध्य प्रदेश में इस योजना को ‘ई-कृषि यंत्र अनुदान योजना’ के रूप में चलाया जा रहा है, वहीं उत्तरप्रदेश और बिहार में यह ‘कृषि यंत्रीकरण योजना’ के नाम से प्रचलित है। राजस्थान में इसे ‘कृषि यंत्र अनुदान योजना’ कहा जाता है। ऐसे ही अलग अलग राज्यों में इसे कई दूसरे नामों से जाना जाता है। इसके तहत किसान कृषि मशीनों की खरीद पर सब्सिडी का लाभ लेते हैं।
“कृषि यंत्रीकरण योजना” के माध्यम से राज्य के किसानों को 40 से 80% की सब्सिडी मिलती है। इस योजना में जुताई, बुवाई, निराई-गुड़ाई, सिंचाई, कटाई, दौनी व उद्यानिकी आदि से जुड़े कृषि यंत्रों को रखा गया है।
स्रोत: कृषि जागरण
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मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के उच्च भाव 4800 रुपए के पार
मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।
मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के ताजा मंडी भाव | ||||
जिला | कृषि उपज मंडी | किस्म | न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) | अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल) |
रतलाम | बहुत | सोयाबीन | 4452 | 4452 |
आलीराजपुर | आलीराजपुर | सोयाबीन | 4300 | 4500 |
बड़वानी | अंजड़ | पीला | 4011 | 4011 |
सागर | बाँदा | सोयाबीन | 4290 | 4300 |
शिवपुरी | बराड़ | सोयाबीन | 4380 | 4450 |
शाजापुर | बेरछा | सोयाबीन | 3950 | 4700 |
खरगोन | भीकनगांव | सोयाबीन | 3000 | 4620 |
राजगढ़ | ब्यावरा | सोयाबीन | 3100 | 4850 |
छतरपुर | छतरपुर | सोयाबीन | 3980 | 3980 |
दमोह | दमोह | पीला | 4220 | 4310 |
दमोह | दमोह | सोयाबीन | 4200 | 4400 |
डिंडोरी | गोरखपुर | पीला | 4175 | 4405 |
खंडवा | हरसूद | पीला | 4200 | 4325 |
आलीराजपुर | जोबट | सोयाबीन | 4400 | 4400 |
आलीराजपुर | जोबट | पीला | 4200 | 4300 |
खंडवा | खंडवा | पीला | 4160 | 4355 |
देवास | खातेगांव | सोयाबीन | 4300 | 4300 |
धार | कुक्षी | सोयाबीन | 4200 | 4600 |
शाजापुर | नलकेहड़ा | पीला | 2900 | 4568 |
शाजापुर | नलकेहड़ा | सोयाबीन | 4496 | 4661 |
छिंदवाड़ा | पंधुरना | सोयाबीन | 4425 | 4425 |
धार | राजगढ़ | पीला | 4300 | 4300 |
रतलाम | रतलाम | सोयाबीन | 4250 | 4300 |
सागर | शाहगढ़ | सोयाबीन | 4250 | 4300 |
उमरिया | उमरिया | सोयाबीन | 4000 | 4000 |
श्योपुर | विजयपुर | पीला | 4000 | 4210 |
स्रोत: एगमार्कनेट
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तरबूज की फसल में गमी तना झुलसा के लक्षण एवं नियंत्रण के उपाय
तरबूज की खेती के दौरान इसके पूरे फसल चक्र में कई प्रकार के रोगों का प्रकोप देखने को मिलता है। इन रोगों की रोकथाम कर के तरबूज की अच्छी उपज की प्राप्ति की जा सकती है। तरबूज की फसल का एक प्रमुख रोग है गमी तना झुलसा और इस लेख में हम जानेंगे इसी रोग से संबंधित जानकारी एवं रोकथाम के उपाय।
लक्षण: तरबूज की फसल में गमी तना झुलसा गंभीर पर्णीय बीमारियों में से एक है। इस रोग में तने और पत्तियों पर भूरे धब्बे बन जाते हैं और यह धब्बे पीले ऊतकों से घेरे होते हैं। साथ ही तने में यह घाव बढ़कर गलन का निर्माण करता है और इससे चिपचिपे, भूरे रंग के द्रव का स्रावण होता है। इस रोग में फल शायद ही कभी प्रभावित होते हैं, लेकिन पर्णसमूह के नुकसान से उपज और फलों की गुणवत्ता भी प्रभावित हो सकती है।
नियंत्रण: गमी तना झुलसा से बचने के लिए रोग रहित बीज का उपयोग करें, साथ ही सभी कद्दू वर्गीय फसलों से 2 वर्ष का फसल चक्र रखें। इसके अलावा रोग के लक्षण दिखाई देने पर रासायनिक नियंत्रण के लिए, फफूंदनाशक जैसे जटायु (क्लोरोथॅलोनिल 75% डब्लूपी) 400 ग्राम प्रति एकड़ या एम 45 (मैंकोज़ेब 75% डब्लूपी) 600-800 ग्राम प्रति एकड़ 150 से 200 लीटर पानी के दर से छिड़काव करें। इसके जैविक नियंत्रण के लिए, मोनास कर्ब (स्यूडोमोनास फ्लोरोसेन्स) 500 ग्राम/एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें।
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किसान रहें सावधान, कई राज्यों बारिश से होगा फसलों को नुकसान
मध्य और पूर्वी भारत में बारिश के साथ बादलों की गरज चमक और तेज हवाएं शुरू हो गई हैं। यह प्री मानसून बारिश की गतिविधियां अगले हफ़्ते पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश होते हुए मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत तक पहुंचेंगी। कई राज्यों में बारिश के साथ तेज हवाएं और एक दो स्थानों पर ओलावृष्टि फसलों को नुकसान पहुंचा सकती है। 13 अप्रैल से बारिश की गतिविधियां काफी बढ़ जाएगी।
स्रोत: स्काइमेट वेदर
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क्यों ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती किसानों के लिए है फायदेमंद?
रबी की फसलों की कटाई के बाद खरीफ सीजन आने तक खेत खाली रह जाता है। पर किसान भाई चाहें तो रबी तथा खरीफ के बीच वाले समय जिसे जायद कहते हैं, का सही इस्तेमाल कर के बढ़िया लाभ प्राप्त कर सकते हैं। जायद सीजन में खेती के लिए सबसे अच्छा चुनाव अगर कोई हो सकता है तो वो है मूंग की फसल का जो कम अवधि की फसल है और अच्छा मुनाफ़ा दे सकती है। इसकी खेती के फायदेमंद होने के मुख्य कारण निम्न हैं।
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इसकी खेती खरपतवारों को नियंत्रित करती है और गर्मियों में हवा के कटाव को रोकती है।
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फसल पर कीट एवं रोगों का आक्रमण बहुत कम होता है।
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फसल/किस्में परिपक्व होने में कम समय लेती हैं (60-65 दिन)
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इसकी खेती से राइजोबियम फिक्सेशन के माध्यम से कम से कम 30-50 किग्रा उपलब्ध नाइट्रोजन/हेक्टेयर जुड़ जाता है जिसे अगली खरीफ मौसम की फसल में उर्वरकों को देते समय समायोजित किया जा सकता है।
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इसकी खेती से फसल की सघनता बढ़ जाती है।
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आलू, गेहूँ और सर्दियों के मौसम की मक्का जैसी भारी उर्वरक माँग वाली फसलों के बाद उगाए जाने पर यह मिट्टी की अवशिष्ट उर्वरता का उपयोग करती है।
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महाराष्ट्र, एमपी सहित पूर्वी भारत में बारिश और ओले गिरने के आसार
अगले 24 घंटे के दौरान मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल सहित महाराष्ट्र और तेलंगाना में बारिश शुरू हो जाएगी कहीं-कहीं ओलावृष्टि भी होगी तेज हवाएं भी चल सकती हैं। धीरे-धीरे यह बारिश की गतिविधियां विकराल रूप ले लेंगे तथा दक्षिण भारत सहित राजस्थान और उत्तर भारत को भी प्रभावित करने लगेंगे।
स्रोत: स्काइमेट वेदर
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महिलाओं को मिलेंगे दो लाख रुपये, कम ब्याज दर पर मिलेगा लोन
देश की महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से सरकार कई प्रकार की योजनाएं चलाती है। इसी कड़ी में स्वर्णिमा लोन योजना की शुरुआत सरकार द्वारा की गई है। इस योजना के माध्यम से सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना चाहती है। इस योजना से पिछड़े वर्ग से आने वाली आर्थिक रूप से कमजोर महिलाएं खुद का काम शुरू कर सकती हैं। खुद का काम शुरू करने के लिए “स्वर्णिमा लोन योजना” के माध्यम से कम ब्याज दर पर लोन मिल जाता है।
बता दें कि यह योजना राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम ने शुरू की है। इसमें पात्र महिलाओं को कम ब्याज दर पर दो लाख रुपये तक का ऋण मिलता है। अपना बिजनेस शुरू करने के अलावा महिलाएं इस लोन का लाभ शिक्षा, आवास और स्वास्थ्य सुविधा के लिए भी ले सकते हैं। इसका लाभ अधिसूचित पिछड़ा वर्ग की वैसी महिलाएं उठा सकती हैं जिसकी वार्षिक पारिवारिक आमदनो तीन लाख रुपये से कम है। योजना से संबंधित ज्यादा जानकारी के लिए आप सरकार के द्वारा जारी टोल फ्री नंबर 18001023399 पर संपर्क कर सकते हैं।
स्रोत: कृषि जागरण
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मध्य प्रदेश की प्रमुख मंडियों में गेहूँ भाव में दिखी कितनी तेजी?
मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं गेहूँ के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।
मध्य प्रदेश की मंडियों में गेहूँ के ताजा मंडी भाव | ||||
जिला | कृषि उपज मंडी | किस्म | न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) | अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल) |
रतलाम | अलोट | स्थानीय | 2292 | 2640 |
शाजापुर | आगर | स्थानीय | 2196 | 2778 |
शाजापुर | अकोदिया | स्थानीय | 2200 | 2450 |
आलीराजपुर | आलीराजपुर | लोकवन | 2125 | 2125 |
आलीराजपुर | आलीराजपुर | स्थानीय | 2400 | 2400 |
छिंदवाड़ा | अमरवाड़ा | मिल गुणवत्ता | 2350 | 2350 |
मुरैना | अम्बाहा | स्थानीय | 2250 | 2250 |
गुना | एरन | स्थानीय | 2375 | 2402 |
अशोकनगर | अशोकनगर | शरबती | 2560 | 4116 |
अशोकनगर | अशोकनगर | स्थानीय | 2390 | 2850 |
अशोकनगर | अशोकनगर | अन्य | 2210 | 3705 |
सीहोर | आष्टा | स्थानीय | 2560 | 2995 |
होशंगाबाद | बाबई | मिल गुणवत्ता | 2240 | 2260 |
छतरपुर | बड़ामलहेड़ा | मिल गुणवत्ता | 2275 | 2291 |
उज्जैन | बड़नगर | लोकवन | 2526 | 2542 |
उज्जैन | बड़नगर | मिल गुणवत्ता | 2400 | 2420 |
उज्जैन | बड़नगर | स्थानीय | 2399 | 2533 |
धार | बदनावर | स्थानीय | 2110 | 2650 |
खरगोन | बड़वाह | स्थानीय | 2175 | 2175 |
रीवा | बैकुंठपुर | मिल गुणवत्ता | 2200 | 2210 |
सागर | बामोरा | मिल गुणवत्ता | 2200 | 2200 |
होशंगाबाद | बानापुरा | मिल गुणवत्ता | 2368 | 2368 |
होशंगाबाद | बानापुरा | स्थानीय | 2200 | 2373 |
भोपाल | बैरसिया | मिल गुणवत्ता | 2280 | 2290 |
भोपाल | बैरसिया | स्थानीय | 2400 | 2510 |
बेतुल | बेतुल | मिल गुणवत्ता | 2370 | 2370 |
भोपाल | भोपाल | लोकवन | 2200 | 2200 |
भोपाल | भोपाल | मिल गुणवत्ता | 2421 | 2457 |
भोपाल | भोपाल | शरबती | 3605 | 3605 |
भोपाल | भोपाल | स्थानीय | 2253 | 2509 |
राजगढ़ | ब्यावरा | मिल गुणवत्ता | 2270 | 2340 |
राजगढ़ | ब्यावरा | स्थानीय | 2145 | 2520 |
छतरपुर | बिजावर | मिल गुणवत्ता | 2160 | 2160 |
सागर | बीना | शरबती | 2151 | 2450 |
छिंदवाड़ा | चौरई | मिल गुणवत्ता | 2100 | 2100 |
छतरपुर | छतरपुर | मिल गुणवत्ता | 2225 | 2270 |
छतरपुर | छतरपुर | स्थानीय | 2200 | 2200 |
छिंदवाड़ा | छिंदवाड़ा | मिल गुणवत्ता | 2220 | 2220 |
सिवनी | छपारा | मिल गुणवत्ता | 2060 | 2075 |
सिवनी | छपारा | स्थानीय | 2250 | 2276 |
ग्वालियर | डबरा | स्थानीय | 2290 | 2460 |
मन्दसौर | दलौदा | अन्य | 2441 | 2561 |
दमोह | दमोह | मिल गुणवत्ता | 2150 | 2180 |
दतिया | दतिया | लोकवन | 2280 | 2320 |
दतिया | दतिया | मिल गुणवत्ता | 2290 | 2325 |
दतिया | दतिया | स्थानीय | 2300 | 2311 |
सागर | देवरी | मिल गुणवत्ता | 2269 | 2282 |
देवास | देवास | स्थानीय | 1900 | 2690 |
धार | धामनोद | मिल गुणवत्ता | 2100 | 2100 |
धार | धार | लोकवन | 52 | 2682 |
धार | धार | मिल गुणवत्ता | 2026 | 2884 |
धार | धार | स्थानीय | 2404 | 2404 |
नरसिंहपुर | गाडरवाड़ा | स्थानीय | 2200 | 2200 |
विदिशा | गंज बासौदा | मिल गुणवत्ता | 2230 | 3500 |
विदिशा | गंज बासौदा | शरबती | 2770 | 4110 |
इंदौर | गौतमपुरा | स्थानीय | 2200 | 2460 |
भिंड | गोहाद | मिल गुणवत्ता | 2305 | 2305 |
विदिशा | गुलाबगंज | स्थानीय | 2359 | 2379 |
गुना | गुना | स्थानीय | 2605 | 2880 |
देवास | हाटपिपलिया | स्थानीय | 2100 | 2150 |
रीवा | हनुमना | मिल गुणवत्ता | 2280 | 2300 |
हरदा | हरदा | मिल गुणवत्ता | 1900 | 2630 |
खंडवा | हरसूद | मिल गुणवत्ता | 1500 | 2276 |
खंडवा | हरसूद | स्थानीय | 2200 | 2268 |
दमोह | हठ | मिल गुणवत्ता | 2160 | 2160 |
इंदौर | इंदौर | मिल गुणवत्ता | 2182 | 3290 |
इंदौर | इंदौर | स्थानीय | 2281 | 2755 |
इंदौर | इंदौर (F&V) | स्थानीय | 2244 | 2523 |
इंदौर | इंदौर (F&V) | अन्य | 2322 | 2322 |
होशंगाबाद | इटारसी | मिल गुणवत्ता | 2210 | 2381 |
होशंगाबाद | इटारसी | स्थानीय | 2112 | 2415 |
जबलपुर | जबलपुर | स्थानीय | 1810 | 2215 |
रतलाम | जावरा | स्थानीय | 2340 | 3025 |
टीकमगढ़ | जतारा | स्थानीय | 2275 | 2280 |
नीमच | जावद | लोकवन | 2410 | 2410 |
सीहोर | जावर | मिल गुणवत्ता | 2200 | 2210 |
सीहोर | जावर | स्थानीय | 2200 | 2240 |
झाबुआ | झाबुआ | स्थानीय | 2212 | 2400 |
आलीराजपुर | जोबट | मिल गुणवत्ता | 2300 | 2300 |
आलीराजपुर | जोबट | स्थानीय | 2280 | 2290 |
देवास | कन्नोड | स्थानीय | 2135 | 2304 |
शिवपुरी | करेरा | मिल गुणवत्ता | 2250 | 2250 |
शिवपुरी | करेरा | अन्य | 2135 | 2160 |
खरगोन | कसरावद | मिल गुणवत्ता | 2256 | 2520 |
कटनी | कटनी | मिल गुणवत्ता | 2160 | 2230 |
कटनी | कटनी | स्थानीय | 2280 | 2280 |
सिवनी | केवलारी | स्थानीय | 2110 | 2130 |
खंडवा | खंडवा | मिल गुणवत्ता | 1500 | 2731 |
शिवपुरी | खनियाधाना | मिल गुणवत्ता | 2275 | 2285 |
टीकमगढ़ | खरगापुर | मिल गुणवत्ता | 2190 | 2277 |
खरगोन | खरगोन | लोकवन | 2450 | 2460 |
खरगोन | खरगोन | मिल गुणवत्ता | 2176 | 2200 |
खरगोन | खरगोन | स्थानीय | 2275 | 2590 |
देवास | खातेगांव | लोकवन | 2280 | 2335 |
देवास | खातेगांव | मिल गुणवत्ता | 2187 | 2450 |
देवास | खातेगांव | स्थानीय | 1900 | 2406 |
देवास | खातेगांव | गेहूँ-जैविक | 2343 | 2343 |
राजगढ़ | खिलचीपुर | स्थानीय | 2292 | 2312 |
सागर | खुरई | शरबती | 3000 | 3000 |
सागर | खुरई | स्थानीय | 2425 | 2691 |
शिवपुरी | कोलारस | स्थानीय | 2260 | 2350 |
धार | कुक्षी | लोकवन | 2350 | 2550 |
धार | कुक्षी | स्थानीय | 2300 | 2640 |
राजगढ़ | कुरावर | स्थानीय | 2065 | 4520 |
सिवनी | लखनादौन | मिल गुणवत्ता | 2000 | 2050 |
सिवनी | लखनादौन | स्थानीय | 2200 | 2200 |
ग्वालियर | लश्कर | स्थानीय | 2235 | 2250 |
विदिशा | लटेरी | मिल गुणवत्ता | 2250 | 2250 |
उज्जैन | महिदपुर | स्थानीय | 2287 | 2312 |
गुना | मकसूदनगढ़ | स्थानीय | 2300 | 2300 |
सागर | मालथोन | मिल गुणवत्ता | 2200 | 2210 |
मन्दसौर | मन्दसौर | मिल गुणवत्ता | 2423 | 2428 |
मन्दसौर | मन्दसौर | स्थानीय | 2300 | 2676 |
मन्दसौर | मन्दसौर | अन्य | 2421 | 2432 |
सतना | मेहर | स्थानीय | 2100 | 2150 |
उज्जैन | नागदा | मिल गुणवत्ता | 2407 | 2407 |
मंडला | नैनपुर | स्थानीय | 2100 | 2200 |
राजगढ़ | नरसिंहगढ़ | मिल गुणवत्ता | 2305 | 2400 |
नरसिंहपुर | नरसिंहपुर | मिल गुणवत्ता | 2211 | 2328 |
छतरपुर | नौगांव | स्थानीय | 2275 | 2285 |
नीमच | नीमच | मिल गुणवत्ता | 2681 | 2681 |
नीमच | नीमच | स्थानीय | 2326 | 3110 |
टीकमगढ़ | निवाड़ी | स्थानीय | 2235 | 2245 |
रायसेन | ओबेदुल्लागंज | मिल गुणवत्ता | 2100 | 2150 |
रायसेन | ओबेदुल्लागंज | स्थानीय | 2150 | 2410 |
जबलपुर | पाटन | मिल गुणवत्ता | 2130 | 2335 |
राजगढ़ | पचौर | स्थानीय | 2250 | 2597 |
सिवनी | पलारी | मिल गुणवत्ता | 2200 | 2200 |
सिवनी | पलारी | स्थानीय | 2200 | 2225 |
टीकमगढ़ | पलेरा | मिल गुणवत्ता | 2200 | 2290 |
खंडवा | पंधाना | स्थानीय | 2099 | 2291 |
छिंदवाड़ा | पंधुरना | स्थानीय | 2200 | 2205 |
दमोह | पथरिया | मिल गुणवत्ता | 2163 | 2163 |
दमोह | पथरिया | स्थानीय | 2075 | 2287 |
पन्ना | पवई | मिल गुणवत्ता | 2250 | 2250 |
झाबुआ | पेटलावद | लोकवन | 2215 | 2675 |
झाबुआ | पेटलावद | स्थानीय | 2160 | 2600 |
शिवपुरी | पिछौर | मिल गुणवत्ता | 2255 | 2260 |
शिवपुरी | पिछौर | स्थानीय | 2215 | 2215 |
होशंगाबाद | पिपरिया | मिल गुणवत्ता | 2250 | 2302 |
मन्दसौर | पिपल्या | स्थानीय | 2576 | 2576 |
शिवपुरी | पोहरी | मिल गुणवत्ता | 2250 | 2250 |
टीकमगढ़ | पृथ्वीपुर | अन्य | 2210 | 2213 |
सागर | राहतगढ़ | मिल गुणवत्ता | 2305 | 2310 |
रायसेन | रायसेन | शरबती | 2700 | 2700 |
धार | राजगढ़ | लोकवन | 2500 | 2500 |
धार | राजगढ़ | स्थानीय | 2050 | 2490 |
छतरपुर | राजनगर | मिल गुणवत्ता | 2195 | 2250 |
रतलाम | रतलाम | लोकवन | 2285 | 3035 |
रीवा | रीवा | स्थानीय | 2200 | 2200 |
सागर | सागर | मिल गुणवत्ता | 2025 | 3940 |
सागर | सागर | स्थानीय | 2300 | 2431 |
रतलाम | सैलाना | स्थानीय | 2340 | 2700 |
इंदौर | सांवेर | स्थानीय | 2200 | 2378 |
सतना | सतना | मिल गुणवत्ता | 2200 | 2200 |
सतना | सतना | स्थानीय | 2159 | 2200 |
खरगोन | सेगांव | स्थानीय | 2513 | 2578 |
जबलपुर | सीहोरा | मिल गुणवत्ता | 2000 | 2260 |
सीहोर | सीहोर | लोकवन | 2356 | 2471 |
सीहोर | सीहोर | मिल गुणवत्ता | 2137 | 2464 |
सीहोर | सीहोर | शरबती | 2252 | 2468 |
सीहोर | सीहोर | स्थानीय | 2195 | 2245 |
सीहोर | सीहोर | अन्य | 2428 | 3745 |
बड़वानी | सेंधवा | लोकवन | 2400 | 2400 |
बड़वानी | सेंधवा | स्थानीय | 2210 | 2735 |
सिवनी | सिवनी | मिल गुणवत्ता | 2200 | 2250 |
अशोकनगर | शाडोरा | मिल गुणवत्ता | 2367 | 2379 |
अशोकनगर | शाडोरा | स्थानीय | 2409 | 2409 |
अशोकनगर | शाडोरा | अन्य | 2472 | 2478 |
सागर | शाहगढ़ | मिल गुणवत्ता | 2000 | 2276 |
सागर | शाहगढ़ | स्थानीय | 2215 | 2215 |
शाहडोल | शाहडोल | मिल गुणवत्ता | 2300 | 2300 |
जबलपुर | शाहपुरा भिटोनी | मिल गुणवत्ता | 2270 | 2290 |
मन्दसौर | शामगढ़ | लोकवन | 2175 | 2500 |
मन्दसौर | शामगढ़ | मिल गुणवत्ता | 2301 | 2375 |
मन्दसौर | शामगढ़ | स्थानीय | 2450 | 2450 |
श्योपुर | श्योपुरकलां | स्थानीय | 2210 | 2325 |
शिवपुरी | शिवपुरी | स्थानीय | 2300 | 2300 |
शाजापुर | शुजालपुर | मिल गुणवत्ता | 2341 | 2520 |
शाजापुर | शुजालपुर | स्थानीय | 2221 | 2420 |
सीहोर | श्यामपुर | मिल गुणवत्ता | 2225 | 2330 |
रायसेन | सिलवानी | स्थानीय | 2255 | 2255 |
पन्ना | सिमरिया | मिल गुणवत्ता | 2200 | 2210 |
पन्ना | सिमरिया | स्थानीय | 2000 | 2150 |
विदिशा | सिरोंज | स्थानीय | 2250 | 2450 |
देवास | सोनकच | स्थानीय | 2002 | 2431 |
रतलाम | ताल | स्थानीय | 2360 | 2800 |
उज्जैन | तराना | स्थानीय | 2230 | 2926 |
झाबुआ | थांदला | मिल गुणवत्ता | 2400 | 2400 |
हरदा | टिमरनी | स्थानीय | 2176 | 2549 |
रायसेन | उदयपुरा | मिल गुणवत्ता | 2321 | 2321 |
उज्जैन | उज्जैन | स्थानीय | 2270 | 3090 |
उमरिया | उमरिया | मिल गुणवत्ता | 2150 | 2150 |
उमरिया | उमरिया | स्थानीय | 2200 | 2200 |
स्रोत: एगमार्कनेट
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धनिया की खेती से कम समय में मिल जायेगी जबरदस्त उपज और होगी खूब कमाई
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धनिया की फसल के लिए शुष्क व ठंडा मौसम अच्छा होता है। इसके बीजों के अंकुरण के लिए 25 से 26 से.ग्रे. तापमान अच्छा होता है।
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धनिया की सिंचित फसल के लिए अच्छी जल निकास वाली दोमट मिट्टी सबसे अधिक उपयुक्त होती है और असिंचित फसल के लिए काली भारी भूमि अच्छी होती है। धनिया क्षारीय एवं लवणीय भूमि को सहन नही करता है।
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सिंचित क्षेत्र में अगर, जुताई के समय भूमि में पर्याप्त नमी न हो तो भूमि की तैयारी सिंचाई करने के उपरांत करनी चाहिए। इससे जमीन में जुताई के समय ढेले भी नही बनेंगे तथा खरपतवार के बीज अंकुरित होने के बाद जुताई के समय नष्ट हो जाएंगे।
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धनिया की उन्नत किस्में जैसे फाऊजा, सुरभी, रौनक-31 की खेती कर सकते हैं। बोने के समय की बात करें तो हरे पत्तों की उपज के लिये अप्रैल – मई माह में इसकी बिजाई कर सकते हैं।
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सिंचित फसल में 15-20 किग्रा/हे तथा असिंचित फसल में 25-30 किग्रा/हे बीज की आवश्यकता होती है।
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भूमि एवं बीज जनित रोगों से बचाव के लिए बीज को करमानोवा (कार्बेंन्डाजिम + मेंकोजेब) 2.5 ग्रा./कि.ग्रा. से उपचारित करें। धनिया की अच्छी पैदावार लेने के लिए गोबर खाद 20 टन/हे का भुरकाव करें। सिंचित फसल 60 किग्रा नत्रजन, 40 किग्रा फॉस्फोरस, 20 किग्रा पोटाश तथा 20 किग्रा सल्फर प्रति हेक्टेयर की दर से उर्वरक का उपयोग करें।
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