मार्च के शुरुआत में बारिश और ओले गिरने की चेतावनी, देखें मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

एक हल्का वेस्टर्न डिस्टरबेंस पहाड़ों पर है जो पहाड़ों पर हल्की बारिश के साथ बर्फबारी दे सकता है। इसी दौरान विदर्भ, छत्तीसगढ़ तथा पूर्वी मध्य प्रदेश के कई जिलों में तेज बारिश के साथ ओले गिर सकते हैं। 29 फरवरी से एक नया वेस्टर्न डिस्टरबेंस सक्रिय होगा जो 29 फरवरी से पहाड़ों पर बर्फबारी शुरू करेगा और 4 मार्च तक कई स्थानों पर बारिश और बर्फबारी देगा। 1 मार्च से 3 मार्च के बीच देश के कई राज्य बारिश देखेंगे। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, और छत्तीसगढ़ में बारिश हो सकती है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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मिलेगी 48 हजार रुपये की सब्सिडी, आवारा पशुओं से होगी फसल की सुरक्षा

fencing subsidy scheme

किसानों की मदद के लिए केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। ऐसी हीं एक योजना राजस्थान के किसानों के लिए राजस्थान सरकार चला रही है। इस योजना के तहत प्रदेश के किसानों को 48 हजार रुपये तक की जबरदस्त सब्सिडी दी जा रही है। किसान इस योजना का लाभ उठाने के लिए जल्द से जल्द आवेदन कर सकते हैं।

दरअसल, राजस्थान सरकार की यह योजना खेतों में लगी फसलों को आवारा पशुओं से बचाने के लिए चलाई जा रही है। इसके अंतर्गत फिलहाल चूरू जिले के किसानों तारबंदी के लिए सब्सिडी दी जा रही। जिले के अधिकारियों ने इस बाबत बताया कि “फसलों को आवारा जानवरों व नीलगाय से हो रहे नुकसान को ध्यान में रखते हुए इस योजना का ऐलान किया गया है।” बता दें की इस योजना का लाभ जिले के करीब 5800 किसान उठाएंगे।

योजना के माध्यम से सामान्य श्रेणी के अंतर्गत आने वाले किसानों को 40 हजार रुपए की सब्सिडी दी जायेगी वहीं, छोटे व सीमांत श्रेणी के अंतर्गत आने वाले किसानों को 48 हजार रुपये की सब्सिडी मिलेगी। इस योजना का लाभ वैसे किसान हीं उठा सकेंगे जिन्हें कम से कम 1.5 हैक्टेयर खेतों में तारबंदी करवानी है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान “राज किसान पोर्टल” पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

स्रोत: कृषि जागरण

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लहसुन के भाव में तेजी जारी, उच्च भाव पहुंचे 15800 रुपये के पार

garlic mandi rate,

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं लहसुन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में लहसुन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
धार बदनावर औसत 3000 9000
धार बदनावर लहसुन 3500 13000
धार बदनावर नया माध्यम 4000 8000
भोपाल भोपाल लहसुन 8140 12500
मन्दसौर दलौदा लहसुन 7500 9500
सागर देवरी औसत 6000 8000
इंदौर गौतमपुरा लहसुन 3500 12000
इंदौर इंदौर औसत 11200 11200
इंदौर इंदौर लहसुन 1000 15875
इंदौर इंदौर लहसुन-जैविक 11000 11000
नीमच जावद लहसुन 7101 7101
मन्दसौर पिपल्या लहसुन 5640 12300
धार राजगढ़ औसत 3000 12000

स्रोत: एगमार्कनेट

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तरबूज की फसल में माहू कीट के लक्षण एवं नियंत्रण के उपाय

Symptoms and control of aphids in watermelon crop

यह कीट पत्तियों को एवं कोमल टहनियों को प्रभावित करते हैं, जिसके कारण पत्तियां मुड़कर मुरझाने लगती है। पौधों का विकास रुक जाता है साथ ही कीट से मधुरस उत्सर्जन के कारण पत्तियों पर काली फफूंद का विकास होता है।

नियंत्रण: इस कीट के नियंत्रण के लिए प्रकोप दिखाई देते ही नोवासेटा (एसिटामिप्रिड 20% एसपी) @ 30 ग्राम प्रति एकड़ या मीडिया (इमिडाक्लोप्रिड 17.8% एस एल) @ 40-50 मिली प्रति एकड़ + नोवामैक्स (जिबरेलिक ऍसिड 0.001%) @ 300 मिली के दर से 150-200 लीटर पानी में छिड़काव करें। 

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फिर बढ़ेगी ठंड, इन राज्यों में होने वाली है बारिश, देखें मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

देश के कुछ राज्यों में बारिश और ओलावृष्टि से मौसम का मिजाज बदला हुआ है। मध्य प्रदेश से झारखंड तक बारिश और ओलावृष्टि का दौर देखने को मिल रहा है। वहीं, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी कुछ इलाकों में बारिश और बर्फबारी की गतिविधियां पिछले 24 घंटे में देखने को मिली हैं। मौसम विभाग की मानें तो मध्य भारत में 26 और 27 फरवरी को गरज के साथ बारिश की गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं। वहीं, पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों में 26 और 27 फरवरी को बारिश के साथ-साथ कुछ इलाकों में बर्फबारी की गतिविधियां भी देखने को मिलेंगी।

स्रोत: किसान तक

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जानिए लौकी की फसल में छोटे फल गिरने के कारण एवं बचाव के उपाय

Know the reasons and prevention measure for small fruits dropping in gourd crop

लौकी की खेती करने वाले किसानों के सामने अक्सर लौकी की फसल छोटे फल पीले होने की एवं सूख कर गिरने की समस्या आती है, और इससे उपज में भारी नुकसान होता है। 

क्यों गिरते हैं लौकी के छोटे फल?

  • पौधों में फफूंद जनित रोग होने पर फल गिरने लगते हैं।

  • फसल में कीटों का प्रकोप होने पर भी यह समस्या हो सकती है।

  • फसल में अनियमित सिंचाई या सिंचाई की कमी होने पर भी लौकी के छोटे फल गिरने लगते हैं।

  • असंतुलित मात्रा में, उर्वरकों का प्रयोग होने के कारण से भी फल गिरते हैं।

  • परागण सही नहीं होने की वजह से भी छोटे फल गिरने लगते हैं।

छोटे फलों के गिरने के शुरूआती लक्षण:

शुरूआती अवस्था में छोटे फलों के साथ लगे फूल सूखने लगते हैं और धीरे-धीरे छोटे फल पीले एवं भूरे रंग के होने लगते हैं। बाद में फल पूरी तरह सूख कर गिरने लगते हैं।

रोकथाम:

  • समय-समय पर फसल का निरीक्षण करें।

  • खेत में जल निकासी की उचित व्यवस्था करें।

  • आवश्यकता से अधिक सिंचाई एवं उर्वरकों का प्रयोग न करें।

  • यदि फफूंद जनित रोग या फल मक्खी एवं रस चूसक कीटों के लक्षण दिखाई दे तो नियंत्रण के लिए उचित छिड़काव करें।

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मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में बारिश और ओलावृष्टि के आसार, देखें मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

विदर्भ, तेलंगाना, मराठवाड़ा, छत्तीसगढ़, उड़ीसा और मध्य प्रदेश में एक बार फिर बारिश की गतिविधियां बढ़ेगी। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में ओले भी गिर सकते हैं तथा तेज हवाओं के साथ बिजली की गरज चमक भी दिखाई देगी। पहाड़ों पर एक नया वेस्टर्न डिस्टरबेंस 26 और 27 फरवरी को भारी बर्फबारी दे सकता है। उत्तर भारत का मौसम फिलहाल शुष्क बना रहेगा तथा तापमान बढ़ने से गर्मी का एहसास होगा। गुजरात और राजस्थान में दिन के समय तेज गर्मी हो सकती है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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बैंगन की फसल में रस चूसक कीटों के लक्षण एवं नियंत्रण के उपाय

Symptoms and control measures of sucking pests in brinjal crop
  • रस चूसक कीट ‘मकड़ी’ बैंगन की फसल में पत्तों के नीचे जाल फ़ैलाते हैं और पत्तों का रस चूसते हैं। इससे पत्ते लाल रंग के दिखने लगते हैं। 

  • इससे बचाव के लिए तुस्क (मॅलॅथिऑन 50.00% ईसी) @ 600 मिली/एकड़ या मेओथ्रिन  (फेनप्रोपॅथ्रीन 30 % ईसी) @ 100 – 136 मिली प्रति एकड़ के दर से 150 -200 लीटर पानी में मिलकर छिड़काव करें। 

  • रस चूसक कीट जैसिड’ पत्तियों की निचली सतह से रस चूसते हैं, जिसके प्रभाव से पत्तियां पीली होकर कमजोर पड़ जाती हैं।  

  • सोलोमन (बीटा-सायफ्लुथ्रिन 08.49% + इमिडाक्लोप्रिड 19.81 % w/w ओडी) @ 70 -80 मिली प्रति एकड़ या टफगोर (डायमेथोएट 30% ईसी) @ 792 मिली प्रति एकड़ के दर के 150 – 200 लीटर पानी में छिड़काव करें।  

  • रस चूसक कीट सफ़ेद मक्खी’ पत्तियों से रस चूसती हैं, जिससे पत्तियां सिकुड़ जाती हैं। इसके अलावा यह कीट विषाणु जन्य रोगों को एक पौधे से दूसरे पौधों में फैलाने का काम भी करते हैं।

  • पेजर (डायफेंथियूरॉन 50% डब्लूपी) @ 240 ग्राम/एकड़ और अरेवा (थायोमिथाक्साम 25% डब्लूजी) @ 80 ग्राम प्रति एकड़ के दर से 150 – 200 लीटर पानी में छिड़काव करें। 

  • रस चूसक कीट माहू’ छोटे एवं हरे रंग के होते हैं, ये पत्तियों की निचली सतह पर रहते हैं और रस चूसते हैं  जिसके कारण पत्तिया पीली पड़ती है| 

  • सोलोमन (बीटा-सायफ्लुथ्रिन 08.49% + इमिडाक्लोप्रिड19.81% w/w ओडी) @ 70 -80 मिली प्रति एकड़ के दर से 150 से 200 लीटर पानी में मिलकर छिड़काव करें। 

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मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के उच्च भाव 5000 रुपए के पार

soybean mandi Bhaw,

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
आलीराजपुर आलीराजपुर सोयाबीन 4300 4300
अशोकनगर अशोकनगर सोयाबीन 3711 4440
सीहोर आष्टा सोयाबीन 5001 5001
बड़वानी बलवाड़ी पीला 4400 4400
होशंगाबाद बानापुरा पीला 4099 4125
शाजापुर बेरछा सोयाबीन 4200 4700
भोपाल बैरसिया पीला 3800 4455
राजगढ़ ब्यावरा सोयाबीन 4165 4445
सागर बीना सोयाबीन 3600 4803
मन्दसौर दलौदा सोयाबीन 3001 4615
मन्दसौर दलौदा अन्य 3299 3880
देवास देवास सोयाबीन 4000 4570
धार धामनोद सोयाबीन 2925 4315
धार धार सोयाबीन 4392 4596
विदिशा गंज बासौदा सोयाबीन 4075 4110
विदिशा गंज बासौदा अन्य 4121 4121
इंदौर गौतमपुरा पीला 4286 4511
डिंडोरी गोरखपुर पीला 3928 4075
हरदा हरदा पीला 2611 4400
हरदा हरदा सोयाबीन 4275 4375
खंडवा हरसूद सोयाबीन 2600 4240
अशोकनगर ईसागढ़ सोयाबीन 3980 3995
होशंगाबाद इटारसी सोयाबीन 4200 4383
रतलाम जावरा सोयाबीन 4100 4565
रतलाम जावरा सोयाबीन-जैविक 4499 4499
आलीराजपुर जोबट सोयाबीन 4200 4200
देवास कन्नोड सोयाबीन 4150 4356
खरगोन कसरावद सोयाबीन 3990 4250
खंडवा खंडवा पीला 3850 4515
खंडवा खंडवा काला 3731 3731
खंडवा खंडवा सोयाबीन 3900 3950
खरगोन खरगोन सोयाबीन 3950 4591
देवास खातेगांव सोयाबीन 2412 4430
देवास खातेगांव सोयाबीन-जैविक 4330 4330
सागर खुरई सोयाबीन 4300 4388
धार कुक्षी सोयाबीन 4700 4700
देवास लोहारदा सोयाबीन 4310 4375
गुना मकसूदनगढ़ सोयाबीन 4250 4250
नीमच मनसा सोयाबीन 4440 4640
धार मनावर सोयाबीन 4250 4350
मन्दसौर मन्दसौर सोयाबीन 3925 4640
उज्जैन नागदा पीला 3500 4580
उज्जैन नागदा सोयाबीन 4290 4550
राजगढ़ पचौर सोयाबीन 4355 4380
खंडवा पंधाना पीला 4330 4395
दमोह पथरिया सोयाबीन 4295 4345
झाबुआ पेटलावद सोयाबीन 4200 4210
मन्दसौर पिपल्या सोयाबीन 4381 4459
रतलाम रतलाम सोयाबीन 4435 4631
सागर सागर पीला 4190 4375

स्रोत: एगमार्कनेट

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तरबूज में पाउडरी मिल्ड्यू रोग के लक्षण एवं नियंत्रण के उपाय

Symptoms and control of powdery mildew disease in watermelon

इस रोग से पौधों के ऊपरी पत्ते, तने और नए बढ़ते भागों पर सफेद चूर्ण का विकास होता है, और जैसे ही संक्रमण बढ़ता है संपूर्ण पत्ते कवक के ढक जाते हैं। ग्रासित पौधों की पत्तियां समय से पहले झड़ने लगती हैं। अगर संक्रमण फल अवस्था के समय हो तो फल अविकसित रह जाते हैं एवं विकृत हो जाते हैं।

नियंत्रण: इस रोग के नियंत्रण के लिए रोग के लक्षण दिखाई देते ही नोवाकोन (हेक्साकोनाज़ोल 5% एससी) @ 400 मिली प्रति एकड़ के दर से 150-200 लीटर पानी में छिड़काव करें। साथ हीं अच्छे फूल एवं फल विकास के लिए न्युट्रीफुल मैक्स (फुलविक एसिड + एमिनो एसिड+ ट्रेस घटक) @ 250 मिली प्रति एकड़ से छिड़काव करें।

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