मध्य भारतासह इतर बऱ्याच भागांत वार्याचे प्रमाण बदलणार आहे, त्यामुळे मध्य प्रदेशच्या उत्तर भागांत थंड हवामान वाढण्याची शक्यता आहे.
वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर
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मध्य भारतासह इतर बऱ्याच भागांत वार्याचे प्रमाण बदलणार आहे, त्यामुळे मध्य प्रदेशच्या उत्तर भागांत थंड हवामान वाढण्याची शक्यता आहे.
वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर
Shareपशुपालक शेतकरी बहुतेकदा पशुधनाच्या नुकसानीची चिंता करतात. परंतु आता पशुधन विमा योजनेद्वारे पशुधनातील नुकसानीची भरपाई करणे शक्य झाले आहे. ही योजना मध्य प्रदेशातील सर्व जिल्ह्यांत लागू करण्यात आली आहे.
या योजनेअंतर्गत लाभार्थी जास्तीत जास्त 5 जनावरांचा विमा काढू शकतात. या योजनेत मेंढ्या, बकरी, डुक्कर इत्यादींमध्ये 10 प्राण्यांची संख्या आहे. एक प्राणी एकक मानला जाताे याचा अर्थ असा की, मेंढी, बकरी आणि डुक्कर पालक एकाच वेळी 50 प्राण्यांचा विमा घेऊ शकतात.
स्रोत: कृषक जगत
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कांद्याची किंमत | |
विविध नावे | दर |
उत्कृष्ट | 1800-2100 रु. प्रति क्विंटल |
सरासरी | 1400-1700 रु. प्रति क्विंटल |
गोलटा | 900-1200 रु. प्रति क्विंटल |
गोलटी | 500-700 रु. प्रति क्विंटल |
छतन (वर्गीकरण) | 300-800 रु. प्रति क्विंटल |
लसूणची किंमत | |
विविध नावे | दर |
उत्कृष्ट | 5500-6500 रु. प्रति क्विंटल |
सरासरी | 4500-5500 रु. प्रति क्विंटल |
मध्यम | 3100-4500 रु. प्रति क्विंटल |
हलका | 2000-2500 रु. प्रति क्विंटल |
बटाटाची किंमत | |
आवक: 15000 कट्टे | |
विविध नावे | दर |
सुपर पक्का | 1400-1800 रु. प्रति क्विंटल |
सरासरी | 1100-1300 रु. प्रति क्विंटल |
गुल्ला | 600-900 रु. प्रति क्विंटल |
छारी | 300-500 रु. प्रति क्विंटल |
छतन | 400 ते 700 रु. प्रति क्विंटल |
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान यांनी जाहीर केले आहे की, 18 डिसेंबर रोजी राज्यातील शेतकऱ्यांना 1600 कोटी रुपये देण्यात येणार आहेत तसेच ते म्हणाले की, यावर्षी झालेल्या सोयाबीनसारख्या पिकांच्या नुकसानीसाठींची ही 1600 कोटींची रक्कम आहे.
आम्हाला कळू द्या की, 1600 कोटी रुपये ही एकूण मदत रकमेचा एक भाग आहे. मुख्यमंत्र्यांनी आता शेतकऱ्यांना एक हप्ता देणार असून, नंतर दुसरा हप्ताही देणार असल्याचे सांगितले आहे. तो पर्यंत पीक विमा योजनेची रक्कमही येईल.
स्रोत: नवभारत टाईम्स
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विभागणी | मंडी (बाजार) नाव | पीक | किमान दर (रु / क्विंटल) | “जास्तीत जास्त दर (रु / क्विंटल) | मॉडेल दर (रु / क्विंटल) |
इंदौर | खरगोन | कापूस | 3800 | 5725 | 4700 |
इंदौर | खरगोन | गहू | 1550 | 1756 | 1630 |
इंदौर | खरगोन | ज्वारी | 1170 | 1175 | 1175 |
इंदौर | खरगोन | तूर-अरहर | 5456 | 5571 | 5571 |
इंदौर | खरगोन | मका | 1250 | 1336 | 1280 |
इंदौर | खरगोन | सोयाबीन | 3855 | 4380 | 4160 |
इंदौर | सेंधवा | टोमॅटो | 700 | 1300 | 1000 |
इंदौर | सेंधवा | कोबी | 800 | 1200 | 1000 |
इंदौर | सेंधवा | फुलकोबी | 900 | 1500 | 1200 |
इंदौर | सेंधवा | वांगी | 700 | 1100 | 900 |
इंदौर | सेंधवा | भेंडी | 900 | 1300 | 1100 |
इंदौर | सेंधवा | दुधीभोपळा | 900 | 1200 | 1050 |
किसान क्रेडिट कार्डचा लाभ सर्व शेतकऱ्यांपर्यंत पोहोचण्यासाठी सरकारने आता त्यांना किसान निधी योजनेशी जोडले आहे. तथापि, या चरणानंतरही किसान क्रेडिटकार्ड मिळण्याची प्रक्रिया अवघड होती, ज्यामुळे शेतकरी या योजनेत अर्ज करू शकले नाहीत. आता या समस्येवर मात करण्यासाठी सरकारने यूपीपीएम किसान केसीसी मोबाईल ॲप सुरू केले आहे.
या अॅपच्या मदतीने शेतकरी आता घरी बसून किसान क्रेडिट कार्डसाठी ऑनलाईन अर्ज करू शकतात. हे त्यांना खूप मदत करेल आणि कोठेही जाण्याची आवश्यकता लागणार नाही.
स्रोत: जागरण
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